आंदोलनरत पारा शिक्षकों ने कहा, हमारे आंदोलन को कुचलने की सरकार की किसी भी कोशिश को नहीं होने दिया जाएगा सफल...
रांची से विशद कुमार की रिपोर्ट
झारखंड के 50 हजार से अधिक पारा शिक्षक कल सोमवार 12 मार्च से मैट्रिक और इंटर की बोर्ड परीक्षा ड्यूटी का बहिष्कार करेंगे। बीएलओ ड्यूटी से भी दूर रहेंगे। सभी पारा शिक्षकों ने निर्णय लिया है कि वे काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे।
अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत पारा शिक्षकों ने चेताया था कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई जल्द ही झारखंड लालखंड में तब्दील हो जाएगा। रविवार को एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने कहा कि राज्य के पारा शिक्षक और शिक्षा मित्र अपनी मांगें मनवाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ेंगे। 27 मार्च तक के आंदोलन के बाद भी उनकी मांगें नहीं मानी गयीं, तो 5 अप्रैल से मुख्यमंत्री के आवास का अनिश्चितकालीन घेराव किया जायेगा।
पारा शिक्षकों के नेता संजय दुबे ने कहा कि 10 मार्च को राज्य के पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार ने एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा द्वारा आयोजित शिक्षा मंत्री के आवास के घेराव कार्यक्रम को प्रशासनिक तंत्र का इस्तेमाल करते हुए विफल कर दिया। दुबे ने कहा कि पारा शिक्षकों के आंदोलन को कुचलने की सरकार की कोशिशों को सफल नहीं होने दिया जायेगा।
शनिवार 10 मार्च का दिन पारा शिक्षकों के आंदोलन कके लिए ऐहितासिक रहा। राज्य से जुटे लगभग 50 हजार पारा शिक्षकों ने मंजिल पाने तक संघर्ष का संकल्प लिया। इसके साथ ही एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने 12 मार्च से 27 मार्च तक के अपने आंदोलन के कार्यक्रम का भी ऐलान कर दिया।
यह भी पढ़ें : नाराज पारा शिक्षकों ने चेताया इवेंट मैनेजमेंट वाली भाजपा सरकार ने नहीं दिया कान तो जल्द बन जाएगा झारखंड 'लालखंड'
मोर्चा ने ऐलान किया कि 12 मार्च से विद्यालयों के विलय का विरोध किया जायेगा। इसके लिए ग्रामीणों, बच्चों एवं अभिभावकों के साथ प्रखंड स्तरीय शिक्षा समिति की बैठकों का बहिष्कार किया जायेगा। 12 मार्च, 2018 से राज्यभर के पारा शिक्षक काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे। ये लोग मैट्रिक एवं इंटर की परीक्षा ड्यूटी से भी दूर रहेंगे। बीएलओ कार्य का भी बहिष्कार करेंगे। 27 मार्च से सातवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की परीक्षा के मूल्यांकन का बहिष्कार करेंगे।
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि वेतन वृद्धि समेत तमाम सुविधाओं की मांग कर रहे पारा शिक्षकों ने शनिवार को चेतावनी दी कि उनकी मांगें नहीं मानी गयीं, तो झारखंड को लालखंड में भी तब्दील किया जा सकता है। शिक्षा मंत्री नीरा यादव का घेराव करने जा रहे पारा शिक्षकों की अगुवाई कर रहे विनोद बिहारी महतो, संजय दुबे समेत पारा शिक्षकों के कई संगठनों के नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, जिससे नाराज पारा शिक्षकों ने विधानसभा रोड को जाम कर दिया था।