किसानों को घरों से उठाकर जेल में ठूंसती छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार

Update: 2017-09-21 23:21 GMT

600 किसानों के अलावा कई किसान नेताओं, जन प्रतिनिधि एवं मानव अधिकार कार्यकर्ताओं को भी बलपूर्वक उठाकर जेल भेज दिया गया है...

देश में किसान विरोधी नीतियों के चलते किसानों की आर्थिक हालत बहुत जर्जर है, आजीविका चलाने और अगली फसल के लिए लागत जुटाना भी कठिन हो गया है, जिसके चलते किसानों द्वारा आत्महत्याएं की घटनाएं बढ़ती जा रही है৷ बावजूद इसके सरकार का रवैया किसानों के प्रति गैर संवेदनशील है৷

गौरतलब है कि राजनांदगांव के 50 हजार किसानों ने 28 अगस्त 2017 को किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एक शांतिपूर्वक एवं अनुशासित प्रदर्शन किया था। उसी को आगे बढ़ाते हुए 19 सितम्बर 2017 से छत्तीसगढ़ में किसानों ने किसान संकल्प यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया था৷

यह यात्रा फसल कर्ज माफ़ी, पिछले तीन वर्षों का बोनस, स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों के अनुसार समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना करने एवं फसल बीमा भुगतान की प्रमुख मांगों को लेकर होनी थी, लेकिन इस यात्रा को छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार द्वारा क्रूर तरीके से दबाया जा रहा है৷

जिला किसान संघ एवं छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन के द्वारा सूचना देने और स्वीकृति मिलने के बावजूद 19 सितंबर से आज 21 सितंबर तक सैकड़ों की संख्या में किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया है। कई लोगों को बीच रात में उनके घर से पुलिस उठाकर ले गयी है৷ इनमें करीब 600 किसानों के अलावा कई किसान नेताओं, जन प्रतिनिधि एवं मानव अधिकार कार्यकर्ताओं को भी बलपूर्वक उठाकर जेल भेज दिया गया है৷

गिरफ्तारा लोगों में राजनांदगांव जिला किसान संघ के सुदेश टेकाम, रमाकांत बंजारे, चंदू साहू, छन्नी साहू, संजीत, मदन साहू, धमतरी किसान मजदूर महासंघ के प्रतिनिधि शत्रुघ्न सिंह साहू, सौरभ मिश्र, श्रीकांत सोनवानी, पुरषोत्तम चंद्राकर, श्रीकांत चंद्राकर, चैनसिंह साहू, तेजेंद्र तोडेकर, दल्ली राजहरा मजदूर नेता जनक लाल ठाकुर शामिल हैं।

यात्रा को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार द्वारा ज्यादातर जिलों में धारा 144 लागू की गई है। कई गाँवों के बाहर पुलिस तैनात की गई है৷ रायपुर शहर के चारों और बैरिकेटर लगा दिए गए। इन सबके बावजूद बुडातालाब के धरनास्थल पर हजारों के तादात में लोग आये, जिन्हें पुलिस द्वारा वहां से निकाला गया।

धरनास्थल पर किसानों का समर्थन करने पहुंचे छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन के संयोजक आलोक शुक्ला, किसान नेता आनंद मिश्रा, पीयूसीएल के पदाधिकारी लाखन सिंह, आम आदमी पार्टी के संकेत ठाकुर, दुर्गा झा एवं उत्तम, सीपीएम के राज्य सचिव संजय पराते एवं पूर्व सांसद और सर्व आदिवासी समाज के नेता अरविन्द नेताम को भी गिरफ्तार कर जेल ले जाया गया है৷ अभी भी किसानों कि गिरफ्तारी जारी है और गिरफ्तार लोगों कि संख्या बढ़ती जा रही है৷

जनांदोलनों के राष्ट्रीय गठबंधन (एनएपीएम) ने छत्तीसगढ़ में किसानों द्वारा किये जा रहे शांतिपूर्वक आन्दोलन का समर्थन और सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि इस शांतिपूर्ण आन्दोलन को दमनात्मक तरीके से कुचलने का सख्त से सख्त विरोध किया जाना चाहिए। सरकार को सभी गिरफ्तार आंदोलनकारियों को बिना देरी के रिहा कर देना चाहिए। एनएपीएम की इस मांग का देशभर के तमाम जन संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने समर्थन किया है।

-फोटो प्रतीकात्मक है।

Similar News