नाबालिग रेप पीड़ित छात्रा को स्कूल से निकाला

Update: 2017-11-28 17:07 GMT

रेप पीड़िता की मां ने रिपोर्ट दर्ज करने के बदले पैसे देने में जताई असमर्थता तो तत्कालीन पुलिस निरीक्षक ने कहा वह उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए तो करेगा रिपोर्ट दर्ज...

रामदास तांबे

लातूर। महाराष्ट्र राज्य के लातूर जिले में देवणी तहसील में स्कूल का नाम बदनाम न होने के डर से रेप पीड़ित छात्रा को स्कूल प्रबंधन ने स्कूल से निकाल दिया है।

घटनाक्रम के मुताबिक पीड़िता नौवीं कक्षा में पढ़ती है। चार महीने पहले उमाकांत आड़े नाम के युवक जो मिलीटरी में नौकरी करता है, नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा के संपर्क में आया। उस युवक ने नौवीं में पढ़ने वाली नाबालिक छात्रा को शादी का लालच देकर लगातार उसका बलात्कार किया।

खुद के साथ घटी इस घटना का जिक्र पीड़िता ने अपनी मां से किया। मां बेटी की बात सुनने के बाद उसके बलात्कार मामले में पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करने गई तो वहां मां से भी रिपोर्ट दर्ज करने के बदले पुलिस ने शारीरिक संबंध और पैसों की मांग की।

यह कितनी भयावह स्थिति है कि रेप पीड़िता की मां से एफआईआर दर्ज कराने के बदले 50 हजार रुपए देने को कहा गया है। पीड़िता की मां के मुताबिक जब उसने पैसे देने में असमर्थता जताई तो तत्कालीन पुलिस निरीक्षक कृष्णदेव पाटिल ने उससे कहा कि वह उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए तो वह उसकी बेटी की रिपोर्ट दर्ज करेगा।

हालांकि जब यह मामला बड़े स्तर पर पुलिस प्रशासन में पहुंचा तो लातूर के एसपी शिवाजी राठौर के हस्तक्षेप के बाद रेप पीड़ित छात्रा की मेडिकल जांच कराई गई और प्रलोभन देकर रेप करने वाले मिलिटरी जवान के खिला केस दर्ज किया गया।

दूसरी तरफ छात्रा के बलात्कार की बात जब उसके स्कूल प्रबंधन को चली तो उसने लड़की को स्कूल से निकाल दिया। अब स्कूल प्रबंधन यह मानने को तैयार नहीं है कि उसने बदनामी के डर से छात्रा को स्कूल से बाहर किया है। जबकि पीड़ित छात्रा ने जांच में बताया कि स्कूल प्रशासन का कहना था अगर बलात्कार पीड़ित स्कूल में पढ़ेगी तो उसकी प्रतिष्ठा पर धब्बा लगेगा।

Similar News