महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने मीडिया से की अपील, विश्वविद्यालय की भ्रूणहत्या रोकने में करे मदद

Update: 2018-09-16 16:40 GMT

कहा प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को लिखित सूचना के बाद भी शिक्षकों पर लगातार हो रहे हैं जानलेवा हमले

जनज्वार। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने मीडिया को दी गई एक रिलीज में कहा कि कुलपति की फर्जी पीएच.डी. और अवैध नियुक्ति समेत कैग की नमूना जांच में सामने आये तमाम तरह के भ्रष्टाचारों और अनैतिक कृत्यों के खिलाफ न्याय की गुहार लगाने वालों को निशाना बनाया जा रहा है।

विश्वविद्यालय के एक शिक्षक संजय कुमार पर 17 अगस्त 2018 को कुलपति और उनके गुर्गों ने जानलेवा हमला करवाया, जिनके नाम भी संजय कुमार द्वारा लिखवाई गई प्राथमिकी में आरोपियों के रूप में दर्ज़ हैं, किंतु कुलपति के हाथों में खेल रही स्थानीय पुलिस आरोपियों को बचाने में लगी हुई है। बिहार के उपमुख्यमंत्री और एक अन्य मंत्री खुलकर आरोपियों के बचाव में पीड़‍ित संजय के ऊपर ही कथित फेसबुक पोस्टों के हवाले से दोषारोपण करते आये हैं। जबकि भ्रष्टाचार मुक्त भारत और नैतिक शुचिता की बात करने वाले इन सत्ताधारी लोगों ने आज तक कुलपति की फर्जी उपाधियों और अवैध नियुक्ति पर कुछ नहीं बोला है।

शिक्षक संघ के मुताबिक कुछ नये सबूत सामने आये हैं जिनसे पता चलता है कि स्वयं प्रधानमंत्री कार्यालय तक को इस बात की लिखित सूचना थी कि कुलपति के फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले शिक्षकों को मॉब लिचिंग का शिकार बनाया जा सकता है मगर फिर भी स्थानीय पुलिस प्रशासन संजय कुमार के ऊपर जानलेवा हमले की मानो प्रतीक्षा ही करता रहा हो।

शिक्षकों की सुरक्षा के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस संदर्भ में ध्यान देने योग्य बात है कि प्रो. संजय कुमार पर 17 अगस्त को हुए हमले से ठीक पहले विश्वविद्यालय के ही एक शिक्षक श्यामनन्द ने 11 अगस्त 2018 को अपने या अपने किसी साथी शिक्षक पर कुलपति और उसके गुर्गों द्वारा मॉब लिचिंग करवाने और उसे जान से मार देने की अपनी आशंकायें जता दी थीं।

11 अगस्त को प्रधानमंत्री कार्यालय में दर्ज़ करवाई गई इस शिकायत का रजिस्ट्रेशन नं. PMOPG/ E/ 2018/ 0384663 है और राष्ट्रेपति सचिवालय में इसी दिन दर्ज़ शिकायत का रजिस्ट्रेशन नं. PRSEC/E/2018/14262 है।

इन दोनों में आवेदक श्यामनंद ने साफ-साफ आशंका जताई थी कि कुलपति और उसके गुर्गों द्वारा सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके स्थायनीय लोगों और अराजक तत्वों को उकसाया जा रहा है कि वे उन पर या उनके साथियों पर भीड़ बनकर हमला करें।

श्यामनन्द ने अपनी उस शिकायत में अपनी या अपने किसी भी अन्य साथी शिक्षक की हत्या करवाये जाने या गैर कानूनी ढंग से नौकरी से निकाले जाने की आशंका भी जताई थी, क्योंकि वे और उनके साथी शिक्षक कुलपति के फर्जीवाड़े, भ्रष्टाचार और जंगलराज का विरोध कर रहे थे।

प्रधानमंत्री को लिखने से पूर्व श्यामनंद 18 जुलाई को पुलिस अधीक्षक, पूर्वी चंपारण को भी लिखित सूचना दी थी कि उनके खिलाफ फेसबुक आदि सोशल साइटों पर ‘हिटलर दीदी’ नाम के फेसबुक अकाउंट से स्थानीय लोगों एवं अराजक तत्वों को उकसाकर जो मॉब लिचिंग का षड्यंत्र रचा जा रहा है।

इस सुनियोजित हत्या के षड्यंत्र को रोकने के लिए दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज़ करके विधि सम्मत कदम उठाया जाए तथा उन्हें पुलिस सुरक्षा भी मुहैया कराई जाए। बिहार पुलिस के सबसे ऊंचे अधिकारी पुलिस महानिदेशक के साथ-साथ पुलिस उपमहानिरीक्षक और जिलाधिकारी, पूर्वी चंपारण तक को भी प्राथमिकी दर्ज़ करने का यह आवेदन अग्रेषित किया गया था, किंतु आज तक श्यामनन्द की शिकायतों पर पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया है और अब तक उन्हें कोई भी पुलिस सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई है।

शिक्षक संघ के मुताबिक संजय पर हुआ जानलेवा हमला एक सोची-समझी साजिश के तहत हुआ था, जिसमें कुलपति और उनके गुर्गों का ही हाथ है जिसके प्रमाण पुलिस को मुहैया भी कराये जा चुके हैं। यह भी साफ है कि पूर्व सूचना के बाद भी स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने ऐसे किसी हमले को रोकने की दिशा में माकूल प्रबंध नहीं किया। संजय कुमार पर हुआ हमला रोका जा सकता था।

इसके बाद भी लगातार विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ ने पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों और राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री समेत बिहार के मुख्यमंत्री और राज्यपाल तक से शिक्षकों और विद्यार्थियों की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए अविलंब फर्जी और भ्रष्ट कुलपति को हटाने की मांग की है।

लेकिन कुलपति अपने फर्जीवाड़े को छिपाने के लिए आपराधिक षड्यंत्र के तहत आंदोलनरत शिक्षकों एवं विद्यार्थियों पर अपने कुछ ख़ास लोगों के साथ मिलकर जानलेवा हमले करवा रहा है और स्थानीय पुलिस प्रशासन कुलपति और उनें गुर्गों को ही बचाने में लगा हुआ है। यही कारण है कि लगातार विश्वविद्यालय के शिक्षकों और विद्यार्थियों पर हमले हो रहे हैं। हमलों की धमकियां मिल रही हैं। इसी का सबूत है छात्र शक्ति बाबू पर 13 सितंबर को हुआ हमला।

शिक्षक संघ की तरफ से प्रमोद मीणा, बबीता मिश्रा,भानुप्रताप सिंह, अवनीश कुमार प्रेरणा भदूली, विधूभूषण, और मृत्युंजय कुमार यादवेंदु ने मीडियाकर्मियों से अपील है कि कुलपति के झूठे बयानों और कथनी-करनी के अंतरों पर ध्यान रखें और चंपारण के आम लोगों की आशाओं के केंद्र इस केंद्रीय विश्वविद्यालय की भ्रूण हत्या रोकने में हमारी मदद करें।

इसी के मद्देनजर शिक्षक संघ द्वारा कल 17 सितंबरको जिला स्कूल स्थित विश्वविद्यालय परिसर में ‘लोकतंत्र और शिक्षा’ विषय पर दोपहर 1 बजे से एक व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। पटना विश्वविद्यालय के लब्ध प्रतिष्ठित इतिहासकार प्रो. डेजी नारायण, वरिष्ठ पत्रकार अनिल चमड़‍िया और मुंशी सिंह महाविद्यालय, मोतिहारी के डॉ. इकबाल हुसैन विशेष वक्ताओं के रूप में विषय प्रवर्तन करेंगे।

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