'मुस्लिम व्यापारियों का गांव में प्रवेश निषेध है', उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के गांवों में लगाए गए पोस्टर

उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के गांवों में चिपकाए गए मुस्लिम विरोधी पोस्टर, गांव में मुस्लिम व्यापारियों के प्रवेश पर लगाई रोक, मध्य प्रदेश पुलिस ने 'अज्ञात' लोगों के खिलाफ दर्ज किया मामला...

Update: 2020-05-04 08:43 GMT

जनज्वार ब्यूरो। कोविड 19 की महामारी के बीच जहां मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदुओं के शवों को कंधा देकर और हिंदू लोग मुस्लमानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए रमजान के महीने में उनके साथ रोजा रखकर सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे का संदेश दे रहे हैं वहीं कुछ सांप्रदायिक ताकतें हैं जो रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।

ताजा मामला मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के एक गाँव का है जहां मुस्लिम व्यापारियों के प्रवेश पर रोक लगाने वाला पोस्टर चस्पा किया गया, हालांकि बाद में पुलिस ने इस पोस्टर को हटा लिया। इस मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक यह पोस्टर देपालपुर तहसील के पेमलपुर गांव के निवासियों की ओर से कथित रुप से हस्ताक्षरित किया गया था। जिसमें लिखा गया था, 'गांव में मुस्लिम व्यापारियों का प्रवेश निषेध है।'

डीआईजी (इंदौर) हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि जैसे ही पुलिस को इसके बारे में पता चला, पोस्टर हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि 'अज्ञात व्यक्तियों' के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था क्योंकि यह उस समय पता नहीं था कि पोस्टर किसने लगाया है।

हीं इसको लेकर सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राज्य की पुलिस और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट में लिखा, 'क्या यह कृत्य प्रधान मंत्री मोदी जी की अपील के विरुद्ध नहीं है? क्या यह कृत्य हमारे क़ानून में दण्डनीय अपराध नहीं है? मेरे ये प्रश्न मुख्य मंत्री शिवराज चौहान जा व मप्र पुलिस से हैं। समाज में इस प्रकार का विभाजन-बिखराव देश हित में नहीं है।'

सी तरह का मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से भी सामने आ रहा है। खबरों के मुताबिक, प्रयागराज के हाडिया के सैदाबाद स्थित दूसौती गांव में पंफलेट लगाकर गली में समुदाय विशेष का आना वर्जित कर दिया गया। इसकी जानकारी पुलिस को मिली तो वह मौके पर पहुंची। जांच पड़ताल के बाद छह लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई, जिनमें से तीन को गिरफ्तार भी कर लिया गया। पुलिस का कहना है कि तीन आरोपियों की तलाश की जा रही है।

त्रकार उज़ैर हसन रिज़वी ने एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, 'उत्तर भारत के एक गाँव में कथित तौर पर मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने वाला एक पोस्टर लगाया गया था। हाल ही में भारत के विभिन्न हिस्सों में मुसलमानों के हिंदू-बहुल शहरों, गांवों, इलाकों में प्रवेश करने से कई पोस्टर सामने आए हैं।'

क दूसरे ट्वीट में उन्होंने बताया कि मीडिया ने एक प्रतिनिधित्वात्मक तस्वीर के रूप में लोहे की बैरीकेड वाली तस्वीर का उपयोग किया, यह मूल पोस्टर इलाहाबाद, उत्तर भारत के पास के गाँव में लगाया गया है जिसमें लिखा है: "मुसलमानों का प्रवेश निषिद्ध है।"

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