खनन करने वालों के पक्ष में दिया हाईकोर्ट ने फैसला

Update: 2017-09-15 09:15 GMT

सरकार व स्टोन क्रेशर मालिकों को राहत, सरकार की नीति के अनुसार ही होगा खनन

संवाददाता, नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सरकार व स्टोन क्रेशर मालिकों को राहत देते हुए हरिद्वार के गंगा नदी के किनारे से पांच किमी दायरे में लगी खनन रोक हटा दी है। साथ ही अब सरकार की नीति के अनुसार ही खनन व स्टोन क्रेशर लगाये जायेंगे।

पिछले वर्ष 6 दिसम्बर 2016 को हाई कोर्ट ने हरिद्वार निवासी पवन कुमार सैनी की जनहित याचिका में रायपुर से लेकर जगजीतपुर हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे लगे स्टोन क्रेशर बन्द व खनन कार्य पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी थी। परन्तु सरकार द्वारा इस आदेश का पालन नहीं किया गया।

इसके बाद तीन मई 2017 को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस आदेश का पालन कराने के लिए राज्य मुख्य सचिव को आदेश दिये गये थे, लेकिन आदेशों का पालन नहीं किया गया।

इस आदेश का पालन नहीं होने पर मातृ सदन हरिद्वार ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। जिस पर एकलपीठ ने मुख्य सचिव से 24 घंटे के भीतर जवाब तलब किया था अपने जवाब में मुख्य सचिव ने 24 अगस्त 2017 को रायपुर से जगजीतपुर तक सभी स्टोन क्रेशर व खनन कार्य बन्द करने की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की।

इस आदेश को सरकार व स्टोन क्रेशर मालिकों द्वारा विशेष अपील दायर कर पवन कुमार सैनी की जनहित याचिका में चुनौती दी। कोर्ट ने सरकार व स्टोन क्रेशरों का पक्ष सुनने के बाद गंगा नदी के किनारे से पांच किलोमीटर के दायरे में खनन कार्य व स्टोन क्रेशरों पर लगी रोक हटा दी। सरकार की खनन नीति के अनुसार ही खनन कार्य करना होगा। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ में हुई।

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