जेएनयू में यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रोफेसर अतुल जौहरी की गिरफ्तारी

Update: 2018-03-20 18:55 GMT

घंटे भर बाद ही मिल गई जमानत

छात्राओं का आरोप प्रोफेसर अतुल जौहरी कहते हैं खुलेआम सेक्स के लिए, किसी भी लड़की को नहीं बख्शते हर किसी के फिगर पर करते थे अभद्र टिप्पणी, प्रशासन कर रहा अतुल जौहरी का बचाव...

दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर अतुल जौहरी को आज दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार कर लिया है। इनके खिलाफ 9 छात्राओं ने रिपोर्ट दर्ज कराई और कोर्ट में बयान दर्ज कराया कि खुलेआम छात्राओं से सेक्स के लिए कहते हैं और अभद्र टिप्पणियां करते हैं।

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पुलिस का कहना है कि आज प्रोफेसर अतुल जौहरी से पूछताछ करने के बाद उनकी गिरफ्तारी की गई है।

गिरफ्तारी के बाद जौहरी को ड्यूटी मजिस्ट्रेट ऋतु सिंह की अदालत में पेश किया गया, जहां यौन आरोपी ने यह दलील दी कि जेल भेजे जाने से मेरा करियर बर्बाद हो जाएगा। मजिस्ट्रेट ने जौहरी की जमानत की अर्जी मंजूर करते हुए उनके खिलाफ दर्ज आठ प्राथमिकियों में प्रत्‍येक के लिए 30-30 हजार रुपए का मुचलका भरने का आदेश दिया और जमानत दे दी। हालांकि दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसने जमानत का विरोध किया औरी कहा कि जेएनयू में जौहरी प्रशासनिक पद पर है वह यौन पीड़ित छात्राओं को परेशान कर सकता है, मगर जज ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया।

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गौरतलब है कि जेएनयू में छात्राओं द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बावजूद पुलिस इस मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही थी तो कल 19 मार्च को जमकर हंगामा किया। आक्रोशित छात्राओं का कहना था कि पुलिस जान—बूझकर जौहरी को वक्त दे रही है, जिससे कि वो बचकर निकल सकें। मगर छात्रों का गुस्सा देख पुलिस को एक्शन लेना पड़ा और उन पर आठ मामलों में एफआईआर दर्ज की और उन्हें गिरफ्तार किया।

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विरोध प्रदर्शन के तहत कल जेएनयू के छात्रों ने आरोपी प्रोफेसर अतुल जौहरी को विश्वविद्यालय से हटाये जाने की मांग को लेकर रात तक वसंतकुंज थाने तक विरोध मार्च निकाला था।

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इस मसले पर जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष गीता कुमारी कहती हैं जेएनयू प्रशासन अतुल जौहरी को बचाने में लगा है। जौहरी पर एफआईआर दर्ज होने के बावजूद जेएनयू के कुलपति समेत कई प्रशासनिक अधिकारी उन्हें बचाने में लगे हैं।

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पीड़ित छात्राओं कहती हैं कि प्रोफेसर अतुल जौहरी के खिलाफ शिकायत करने पर जेएनयू प्रशासन ने उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया था। जेएनयू की अन्य छात्राओं को भी उनसे मिलने भी नहीं दिया गया था।

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जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष गीता कुमारी ने आरोप लगाया कि जब वे पीड़ित छात्राओं से मिलने की कोशिश कर रही थीं, तब जेएनयू प्रशासन के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की थी।

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