अब दिल्ली के नामी प्राइवेट स्कूल में 9वीं के छात्र को सा​थियों ने उतारा मौत के घाट

Update: 2018-02-02 16:34 GMT

सीसीटीवी फुटेज में हुआ खुलासा, पहले तीन छात्रों ने तुषार को खूब मारा, फिर डरकर बाथरूम में छोड़ आए....

दिल्ली। गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल में हुई बच्चे की निर्मम हत्या, उसके बाद उत्तर प्रदेश में भी एक ऐसे ही खौफनाक मामले को लोग भुला भी नहीं पाए थे कि दिल्ली के एक नामी स्कूल में सहपाठियों द्वारा 9वीं कक्षा के छात्र को पीट—पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया।

लगातार हो रही ऐसी घटनाओं के बाद बाद स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। माता—पिता दहशत में हैं कि क्या जिस बच्चे को हम सुबह घर से स्कूल भेज रहे हैं वह सुरक्षित घर लौटकर आएगा।

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक इस मामले में पुलिस ने मृतक छात्र तुषार के तीन साथियों को सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद हिरासत में ले लिया है।

गौरतलब है कि नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के करावल नगर—खजूरी स्थित जीवन ज्योति स्कूल के बाथरूम में 9वीं क्लास का 16 वर्षीय छात्र तुषार कल 1 फरवरी को को संदिग्ध हालात में बेहोश पाया गया था। बेहोशी की हालत में ही उसे जीटीबी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

शुरुआत में स्कूल प्रशासन ने कहा कि तुषार का पेट खराब था, उसे दस्त लगे थे। दस्त के कारण वह खुद को संभाल नहीं पाया इसलिए बाथरूम में बेहोश होकर गिर गया। जबकि बाद में सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर यह बात सामने आई कि उसके तीन साथी उसके साथ मारपीट कर रहे हैं। बाद में डरकर उन्होंने तुषार को बाथरूम में छोड़ दिया।

हालांकि तुषार के परिजन शुरुआत से ही आरोप लगा रहे थे कि उसकी हत्या की गई है। उसका स्वास्थ्य एकदम ठीक था। उसके साथ पढ़ने वाले कुछ दादा टाइप लड़कों ने उसकी जान ली है।

शुरुआत में पुलिस ने भी कहा कि तुषार के शरीर पर किसी तरह की चोट के निशान नहीं हैं, हो सकता है डिहाइड्रेशन ने ही उसकी जान ली हो। तुषार की मौत का मामला संदिग्ध बनता जा रहा था, मगर सीसीटीवी फुटेज ने सारी सच्चाई सामने लाकर रख दी। फुटेज में साफ—साफ दिखाई दिया कि तीन छात्र तुषार को पीट रहे हैं। सभी छात्र एक ही क्लास के हैं। ये झगड़ा क्लास में शुरू हुआ और इसके बाद बाहर मारपीट हुई।

अभी पुलिस इस मामले में स्कूल प्रशासन और तुषार की कक्षा के छात्रों से पूछताछ कर रही है।  तुषार की लाश पोस्टमार्टम के लिए भेजी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत के सही कारणों का खुलासा होगा।

तुषार के परिजनों का कहना है कि वह 1 फरवरी को घर से आठ बजे स्कूल के लिए निकला था, कुछ घंटे बाद हमें स्कूल प्रशासन से सूचना दी कि वह बाथरूम में बेहोश हालत में पड़ा हुआ है। जब परिजन स्कूल पहुंचे तो उसे पास के एक निजी हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां से उसे जीटीबी हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया था और जीटीबी हॉस्पिटल ने तुषार की जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया।

परिजनों का आरोप है कि उनके बच्चे की मौत के लिए सीधे तौर पर स्कूल प्रशासन जिम्मेदार है, क्योंकि जब हम जीटीबी हॉस्पिटल पहुंचे तो डॉक्टर ने बताया कि उसकी मौत दो घंटे पहले हो चुकी है। अगर समय पर उसे इलाज मुहैया कराया गया होता तो आज हमारा बच्चा हमारे साथ होता। 

सवाल यह भी है कि जब तीनों बच्चे तुषार को मार रहे थे, तब क्या स्कूल में कोई भी ऐसा नहीं था जिसकी नजर उन पर पड़ी हो। ऐसी घटनाओं के लिए सीधे—सीधे स्कूल प्रशासन जिम्मेदार है। सरकार को स्कूल पर कड़ा एक्शन लेना चाहिए, तभी ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकती है। 

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