अभी धान की फसल खेत में खड़ी है और केजरीवाल ने दिल्ली में बढ़े प्रदूषण के लिए दोषी ठहरा दिया हरियाणा के किसानों को
कभी मोदी तो कभी खट्टर को झूठा कहने वाले केजरीवाल अपने एक ट्वीट से आज खुद झूठे साबित हो रहे हैं, क्योंकि जनज्वार की ग्राउंड रिपोर्ट और किसानों की बात कुछ और सच बयां करती है...
हरियाणा से अजय प्रकाश की ग्राउंड रिपोर्ट
जनज्वार। हरियाणा में इस महीने 21 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग होनी है और उससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल ने कल 11 अक्टूबर को एक ट्वीट किया है कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलने के कारण दिल्ली का प्रदूषण लगातार बढ़ना शुरू हो गया है, मगर जमीनी हकीकत कुछ और कहती है। हकीकत में दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा में अभी धान कटा तक नहीं है, उसकी पराली जलनी तो दूर की बात है। गौरतलब है कि हरियाणा की पराली को अब तक दिल्ली में फैलने वाले प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण माना जाता रहा है।
कभी मोदी तो कभी खट्टर को झूठा कहने वाले केजरीवाल अपने एक ट्वीट से खुद झूठे साबित हो रहे हैं, क्योंकि जनज्वार की ग्राउंड रिपोर्ट कुछ और बयां करती है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि अभी खेतों में धान की हरी-भरी फसल लहलहा रही है, जिसे पानी देकर पाटा जा रहा है। ऐसे में केजरीवाल का यह ट्वीट करना कि दिल्ली में अक्टूबर-नवंबर में बढ़ गये प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों में जलने वाली पराली जिम्मेदार है उन्हें झूठा करार ठहरा देता है।
केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा है, वर्ष के बाक़ी महीनों में दिल्ली का प्रदूषण 25% तक कम हुआ, लेकिन अक्तूबर नवंबर में पड़ोसी राज्यों से फ़सल जलने का धुआँ ख़तरनाक प्रदूषण कर रहा है। धुआँ आना शुरू हो गया है। हम दिल्ली वाले अपने स्तर पर जो मुमकिन है, वो सब क़दम उठा रहे हैं- Odd even, दीवाली, कूड़ा जलना, धूल उड़ना आदि।'
केजरीवाल के इस ट्वीट के बारे में सुनकर हरियाणा के कबूलपुर गांव के किसान संदीप कहते हैं, 'अभी धान कटा ही कहां है जो पराली जलेगी। केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं।' खेत को दिखाते हुए वो कहते हैं, अभी तो धान को पानी दिया जा रहा है।
किसान संदीप आगे कहते हैं, 'पूरे हरियाणा में बमुश्किल 10 एकड़ जमीन पर धान की फसल की कटाई की गयी होगी, वो भी अंबाला की तरफ। वो फसल भी मशीनों से काटी गयी है।'
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जब जमीनी हकीकत कुछ और है तो आखिर क्यों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए हरियाणा की पराली को जिम्मेदार ठहराते होंगे।
केजरीवाल के इस झूठे आरोप पर किसान कहते हैं, शायद इसके पीछे भी वोट पॉलिटिक्स ही है। हरियाणा में चुनाव होने हैं और केजरीवाल सत्तासीन पार्टी को गैर जिम्मेदार ठहराकर वोट हासिल करना चाहते हैं, इसलिए ऐसी उलटबयानियां कर रहे हैं। पड़ोसी राज्यों को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराने के पीछे उनका असल मकसद राज्य में सत्तासीन पार्टी को नाकारा साबित करना है कि इनको जनता की कोई फिक्र नहीं है, जनसरोकार, जनसमस्यायें इनके लिए कोई मायने नहीं रखती हैं।
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