PAK सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्री को हटाया, कहा- Corona से निपटने में इमरान कैबिनेट रही बेअसर

Update: 2020-04-14 08:51 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सरकार ने केवल अदालत को महज आकंड़े ही प्रदान किए हैं। कोर्ट ने सवाल किया कि संसद संकट के संबंध में कब कानून पारित करेगी और कब पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी...

जनज्वारः पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (सीजेपी) गुलजार अहमद ने सोमवार को सरकार से जफर मिर्जा को स्वास्थ्य राज्य मंत्री के पद से हटाने के लिए कहा है। इसके साथ ही पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान की कैबिनेट कोरोनोवायरस संकट से मुकाबला करने में अप्रभावी साबित हुई है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, सीजेपी गुलजार ने मिर्जा द्वारा किए गए काम की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाया और साथ ही प्रधानमंत्री के लिए विशेष सहायकों की टीम पर लगाए गए गंभीर आरोपों का भी जिक्र किया।

सीजेपी ने कहा, सरकार ने केवल अदालत को महज आकंड़े ही प्रदान किए हैं। उन्होंने सवाल किया कि संसद संकट के संबंध में कब कानून पारित करेगी और कब पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।

सीजेपी ने कहा, बाकी देशों ने महामारी से निपटने के लिए एक कानून पारित किया है। राज्य में सिर्फ रैलियां करने के बजाय अन्य भी काम हैं। उन्होने कहा, प्रधानमंत्री का मंत्रिमंडल अप्रभावी हो गया है। वह बाकी से पृथक दिखाई पड़ता है। सभी प्रांत अपनी इच्छा के अनुसार काम कर रहे हैं।

पाकिस्तान में सोमवार तक कोरोनावायरस के मामलों की संख्या 5,362 से अधिक पहुंच चुकी है। साथ ही यहां संक्रमण की वजह से कुल 93 लोग अपनी जान गवां चुके हैं।

पाकिस्तान में कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए एक समन्वित राष्ट्रीय नीति के नहीं होने का मुद्दा बार-बार सामने आ रहा है।इसी मुद्दे पर सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह इमरान सरकार को घेरा.

सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री ने इमरान को घेरा

सिंध प्रांत में सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी सरकार के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने कराची में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान सोमवार को प्रधानमंत्री इमरान खान को संबोधित करते कहा, "कोरोना पर आप यह नहीं कह सकते कि जिसकी जो मर्जी हो, करे। आप प्रधानमंत्री हैं, फैसला करें। हम पालन करेंगे।"

मुराद अली शाह ने कहा कि हम अकेले बैठकर फैसला नहीं ले सकते। यह एक राष्ट्रव्यापी मसला है।

उन्होंने कहा, "यह वक्त एकता का है। मैंने और विपक्ष के तमाम लोगों ने प्रधानमंत्री से कहा कि हम वही करना चाहते हैं जो आप फैसला करें। आप फैसला तो करें, यह न कहें कि जिसकी जो मर्जी हो, वह वो कर ले। मैं एक राष्ट्रीय कार्ययोजना लेकर आगे चलना चाहता हूं।"

गौरतलब है कि इमरान लॉकडाउन को लेकर लगातार पसोपेश में रहते हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान में गरीब बहुत ज्यादा हैं और वे लॉकडाउन के झटके को लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसके पहले भी इमरान की संघीय सरकार के बजाए प्रांतीय सरकारों ने खुद के स्तर से ही लॉकडाउन लगू किया था। अब इसकी अवधि पूरी हो रही है तो इमरान ने कहा कि इस बारे में प्रांत खुद फैसला ले सकते हैं कि इसे आगे बढ़ाना है या नहीं। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे पर प्रांतों से सलाह मशविरा करेंगे।

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