पीएम केअर्स ट्रस्ट का गठन 28 मार्च को किया गया था। इसके चेयरपर्सन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं जबकि वरिष्ठ केबिनेट सदस्य ट्रस्टी हैं...
जनज्वार ब्यूरो। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) के द्वारा पीएम केअर्स फंड का ऑडिट नहीं किया जाएगा। एनडीटीवी की रिपोर्ट में यह दावा सीएजी कर्यालय के अधिकारियों के हवाले से किया है।
सीएजी कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि चूंकि फंड व्यक्तियों और संगठनों के दान पर आधारित है, इसलिए हमें चैरिटेबल संगठन का ऑडिट करने का कोई अधिकार नहीं है। पीएम केअर्स ट्रस्ट का गठन 28 मार्च को किया गया था। इसके चेयरपर्सन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं जबकि वरिष्ठ केबिनेट सदस्य ट्रस्टी हैं।
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सीएजी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, जब तक कि ट्रस्टी हमसे ऑडिट करने के लिए न कहें, 'हम खातों का ऑडिट नहीं करेंगे।' सरकार के मुताबिक पीएम केअर्स फंड का ऑडिट स्वतंत्र लेखा परीक्षकों के द्वारा किया जाएगा जो ट्रस्टियों के द्वारा नियुक्त किए जाएंगे।
हालांकि विपक्षी दलों ने पीएम केअर्स फंड की आवश्यकता को लेकर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री राहत कोष (1948) जब पहले से है तो इसकी क्या आवश्यकता है। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी अपने राज्य राहत कोष से अधिक पीएम केअर्स फंड को वरीयता देने पर सवाल उठाए हैं।
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पीएम केअर्स फंड (जो व्यक्तियों और कॉर्पोरेट से कर-मुक्त दान स्वीकार करता है) में लगभग सभी प्रमुख औद्योगिक समूहों, फिल्मी सितारों और सरकारी विभागों से कई हाई-प्रोफ़ाइल योगदान देखे हैं।