कोरोना वायरस संकट : PM CARES FUND का ऑडिट नहीं करेगा CAG!

Update: 2020-04-24 15:55 GMT

पीएम केअर्स ट्रस्ट का गठन 28 मार्च को किया गया था। इसके चेयरपर्सन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं जबकि वरिष्ठ केबिनेट सदस्य ट्रस्टी हैं...

जनज्वार ब्यूरो। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) के द्वारा पीएम केअर्स फंड का ऑडिट नहीं किया जाएगा। एनडीटीवी की रिपोर्ट में यह दावा सीएजी कर्यालय के अधिकारियों के हवाले से किया है।

सीएजी कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि चूंकि फंड व्यक्तियों और संगठनों के दान पर आधारित है, इसलिए हमें चैरिटेबल संगठन का ऑडिट करने का कोई अधिकार नहीं है। पीएम केअर्स ट्रस्ट का गठन 28 मार्च को किया गया था। इसके चेयरपर्सन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं जबकि वरिष्ठ केबिनेट सदस्य ट्रस्टी हैं।

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सीएजी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, जब तक कि ट्रस्टी हमसे ऑडिट करने के लिए न कहें, 'हम खातों का ऑडिट नहीं करेंगे।' सरकार के मुताबिक पीएम केअर्स फंड का ऑडिट स्वतंत्र लेखा परीक्षकों के द्वारा किया जाएगा जो ट्रस्टियों के द्वारा नियुक्त किए जाएंगे।

Full View वायरस का प्रकोप फैलने के बाद प्रधानमंत्री की ओर से कॉरपोरेट्स और सार्वजनिक हस्तियों से निधि में योगदान करने के लिए कई अपीलें हुई हैं। हाल ही में कैबिनेट सचिव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सचिवों से आग्रह किया था कि वे अपने सभी अधिकारियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अन्य लोगों से पीएम केअर्स फंड में योगदान करने के लिए कहें।

हालांकि विपक्षी दलों ने पीएम केअर्स फंड की आवश्यकता को लेकर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री राहत कोष (1948) जब पहले से है तो इसकी क्या आवश्यकता है। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी अपने राज्य राहत कोष से अधिक पीएम केअर्स फंड को वरीयता देने पर सवाल उठाए हैं।

Full View के अनुसार, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का सीएजी के द्वारा ऑडिट नहीं किया जाता है लेकिन इस पर सवाल उठाने से सरकार को रोका नहीं गया है कि उत्तराखंड में 2013 की आपदा के बाद राहत के लिए कैसे धन का इस्तेमाल किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन के खातों का भी ऑडिट किया जाता है जो कि देशों के योगदान पर निर्भर हैं। भारत के सीएजी के द्वारा वर्तमान में अगले चार सालों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की जांच कर रहे हैं।

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पीएम केअर्स फंड (जो व्यक्तियों और कॉर्पोरेट से कर-मुक्त दान स्वीकार करता है) में लगभग सभी प्रमुख औद्योगिक समूहों, फिल्मी सितारों और सरकारी विभागों से कई हाई-प्रोफ़ाइल योगदान देखे हैं।

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