पीएम छात्रों से इतना क्यों डरते हैं जो मिलने की बजाय गिरफ्तार करा देते हैं

Update: 2017-09-29 14:57 GMT

स्टूडेंट्स का कहना था कि ये ऐसे डीटैन होकर बनारस नहीं जाना चाहते थे. धीरे—धीरे मीडिया वाले पुलिस स्टेशन पहुंचने लगे और ये स्टूडेंट मीडिया में अपने बयान देने लगे. जिसके बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई...

जनज्वार, दिल्ली। बनारस हिन्दू विश्वविधालय में लड़कियों के साथ हुई छेड़छाड़ के बाद धरने पर बैठी लड़कियों पर 23 सितम्बर को हुए लाठीचार्ज के बाद वीसी के खिलाफ कार्रवाही की मांग को लेकर दिल्ली आये हुए बीएचयू के स्टूडेंट्स को कल 28 सितंबर की रात दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

ये बच्चे दिन में राष्ट्रीय महिला आयोग से मिले और उन पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ ज्ञापन उन्होंने आयोग को ज्ञापन दिया। ये छात्र 3 दिन से दिल्ली में रुके हुए थे और पीएमओ व एचआरडी मिनिस्टर से मिलने का समय मांग रहे थे।

इन छात्रों में लड़के और लड़कियां दोनों शामिल थी. इन्होंने जंतर मंतर पर धरना भी दिया था, लेकिन जब इन्हें पीएमओ और एचआरडी से मिलने का समय नहीं मिला तो 28 सितंबर की शाम को एक एक करके पीएम हाउस की तरफ हाथ में ज्ञापन लेकर रवाना हो गए। इन स्टूडेंट्स का मानना था कि वो पीएम हाउस पर जाकर वहां जो सचिव हो उसे अपने ज्ञापन दे देंगे। लेकिन वहां उन्हें साथ जो हुआ उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा।

जैसे ही ये पीएमओ के पास पहुंचे पुलिस ने इनको उठाकर अपनी गाड़ी में डाल लिया और ये करीब 6 लोग थे, सबको चाणक्यपुरी थाने में लेकर आ गए. इन लोगों में एक महिला स्टूडेंट भी थी जिसका नाम मानुषी है. उस छात्रा का कहना है कि जब उसको पुलिस ने हिरासत में लिया तब उनके साथ एक भी महिला पुलिस वाली नहीं थी.

उसने कहा कि वो पीएम हाउस के पास अकेली ही थी और उसके दोस्त उससे काफी दूर थे, मानुषी ने कहा कि पुलिस ने कहा कि तुम लोग 4 से ज्यादा लोग एक साथ थे और तुमने धारा 144 तोड़ी है, जबकि हम सब अलग अलग थे.

इन छात्रों के पुलिस स्टेशन में पहुंचने के बाद इनके कुछ साथी और मीडिया वाले भी वहां पहुंच गए. इन छात्रों का कहना था कि पुलिस कह रही है उन पर बहुत प्रेशर है इसलिए सबको आज ही बनारस जाना होगा। जबकि ये सारे लोग बनारस नहीं जा रहे थे, बल्कि कुछ लोगों का बनारस जाने के प्लान था.

लेकिन इन स्टूडेंट्स का कहना था कि ये ऐसे डीटैन होकर बनारस नहीं जाना चाहते थे. धीरे—धीरे मीडिया वाले पुलिस स्टेशन पहुंचने लगे और ये स्टूडेंट मीडिया में अपने बयान देने लगे. जिसके बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई। फिर भी जो बच्चे बनारस जाना चाहते थे पुलिस ने उन्हें अपनी गाड़ी से रेलवे स्टेशन छोड़ा और उन्हें बनारस की ट्रैन में बिठाकर रवाना कर दिया।

बाकि 6 स्टूडेंट्स अभी भी पुलिस स्टेशन में ही थे. कुछ देर बाद जिस छात्रा को पुलिस ने शाम के बाद पुलिस स्टेशन में रोका था वहां उसकी पुलिस के अधिकारियों से बहस भी हुई. छात्रा की मदद के लिए कुछ वकील भी पुलिस स्टेशन पहुँच गए, जिसके बाद छात्रा ने पुलिस के खिलाफ उसकी जबरन उठाकर लाने की शिकायत भी दी.

कुछ देर बाद प्रेशर बढ़ने पर पुलिस ने बाकि 6 स्टूडेंट्स जिनको हिरासत में लिया था उनको भी छोड दिया। अभी बाकि 6 स्टूडेंट्स अभी भी दिल्ली में हैं और आगे क्या करना है अपने आंदोलन को कैसे आगे बढ़ाना है इस रणनीति पर काम कर रहे हैं.

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