दादा की कब्र खोदते समय पोते ने किया मजाक एक और गड्ढा खोदो, कुछ देर में हार्टअटैक से हो गयी उसी की मौत
सलीम के दोस्त कहते हैं, मरने से पहले सलीम ने मजाक में कहा था कि एक और गड्ढा खोद लो, हो सकता है कोई और शव आ जाए। हमें अंदाजा भी नहीं था कि कुछ घंटों के बाद हम सलीम को ही उस गड्ढे में दफनायेंगे...
मुजफ्फरनगर, जनज्वार। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में दादा की कब्र खोद रहे एक 42 वर्षीय व्यक्ति सलीम को गंभीर दिल का दौरा पड़ा और मिनटों में ही उसकी मौत हो गई। बाद में परिजनों और रिश्तेदारों ने दोनों की कब्रें आजू-बाजू में बनाकर उन्हें दफना दिया गया। सलीम अपने पीछे पांच बच्चे छोड़ गया है।
फल विक्रेता का काम करने वाले सलीम के बुजुर्ग दादा की मौत होने के बाद वह उन्हें दफनाने के लिए कुछ लोगों के साथ कब्रिस्तान गया था।
जानकारी के मुताबिक यह दुखद घटना दो दिन पहले 25 अप्रैल को मुजफ्फरनगर के जानसथ इलाके में हुई थी, जहां 80 वर्षीय मोहम्मद यूसुफ की मृत्यु बुढ़ापे की समस्याओं के कारण हो गई थी।
दादा की मौत के बाद उनका पोता सलीम अपने कुछ दोस्तों के साथ कब्र को दफनाने के लिए खुदाई कर रहे थे, तभी उन्हें अपने सीने में तेज दर्द महसूस हुआ और वो गिर गए। गिरने से ठीक पहले सलीम ने अपने दोस्तों को एक और कब्र खोदने के लिए कहा।
मृतक सलीम का चचेरा भाई कहता है, सलीम को गड्ढा खोदते वक्त घबराहट के साथ पसीना आया और वह अपने दादाजी को दफनाने के लिए खोदे जा रहे गड्ढे में ही जाकर गिर गया।
सलीम के दोस्त कहते हैं, मरने से पहले सलीम ने मजाक में उन लोगों से कहा था कि एक और गड्ढा खोद लो, हो सकता है कोई और शव आ जाए। हमें अंदाजा भी नहीं था कि कुछ घंटों के बाद हम सलीम को ही उस गड्ढे में दफनायेंगे।
सलीम को उनके दोस्त एक स्थानीय चिकित्सक के पास ले जाया गया, जिसने उसे मृत घोषित कर दिया। बाद में सलीम को उसके दादा की कब्र के बगल में दफनाया गया।
सलीम के चचेरे भाई, बाबर अहमद कहते हैं, "हो सकता है, उसे पहले से इस बात का संकेत मिल गया हो और वह बहुत अच्छा महसूस नहीं कर रहा हो। यही कारण है कि उसने हमें मजाक में ही सही एक और कब्र खोदने के लिए कहा। हम कभी सोच भी नहीं सकते थे कि हम वाकई में उसके लिए एक और कब्र खोदेंगे? वह युवा थे और स्वस्थ थे। उनकी मृत्यु ने हम सभी को स्तब्ध कर दिया है।"