प्राइवेट स्कूल की टीचर ने चौथी कक्षा की बच्ची को इतना पीटा कि फट गई दिमाग की नसें

Update: 2018-02-07 18:57 GMT

इलाज के दौरान हुई बच्ची की मौत, परिजनों ने शव स्कूल के बाहर रखकर लगाई न्याय की गुहार

वाराणसी। स्कूल विद्या का मंदिर होते हैं, जहां अध्यापकों द्वारा बच्चों को अच्छे संस्कार और शिक्षा—दीक्षा दी जाती है, मगर यही स्कूल और अध्यापक अब मौत के सौदागर बनते नजर आ रहे हैं। फिर एक प्राइवेट स्कूल में एक मासूम बच्ची की मौत का मामला छाया है। इस बार मौत का कारण बनी अध्यापक, एक शिक्षिका ने बच्ची को इतनी बुरी तरह पीटा कि चौथी में पढ़ने वाली एक छात्रा की दिमाग की नसें फट गईं और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है। यह मामला उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित एक प्राइवेट स्कूल का है।

यह घटना योगी के प्रदेश उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित रसड़ा कोतवाली के सेंट जेवियर्स स्कूल में घटी। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक बच्ची द्वारा होमवर्क नहीं करके लाने पर महिला टीचर इतना आग—बबूला हो गई कि उसने चौथी की छात्रा सुप्रिया की बुरी तरह पिटाई कर दी। पिटाई के दौरान ही बच्ची की हालत बिगड़ने लगी तो माता—पिता को स्कूल बुलाकर छात्रा को उन्हें सौंप स्कूल ने अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली।

परिजनों को सु्प्रिया की इस हालत के लिए कौन जिम्मेदार है यह नहीं बताया गया। परिजन छात्रा को लेकर हॉस्पिटल गए, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें बड़े अस्पताल ले जाने को कह दिया। जब परिजन उसे लेकर मऊ के एक निजी हॉस्पिटल में पहुंचे तो जांच में पता चला कि बच्ची के सिर में गहरा घाव लगने के कारण दिमाग की नस फट चुकी है। उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी, इसलिए वहां से उसे बीएचयू रेफर कर दिया और इलाज के दौरान ही आज उसकी मौत हो गई।

पुलिस ने शुरुआती छानबीन में बताया कि महिला टीचर की पिटाई से बच्ची के सिर में अंदरूनी चोटें आई थीं, जिस कारण उसकी हालत बिगड़ती गई और मौत हो गई।

मृतक छात्रा के परिजनों ने आज उसकी लाश को स्कूल के सामने रख खूब हंगामा किया और पुलिस से गुहार लगाई कि स्कूल प्रबंधन और आरोपी टीचर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

बच्ची के पिता संतोष वर्मा कहते हैं, उनकी 10 साल की बच्ची सुप्रिया रोज की तरह सोमवार 5 फरवरी को भी स्कूल गई थी। रात को वह स्कूल होमवर्क नहीं कर पाई थी, तो टीचर रजनी उपाध्याय ने उसे इतनी बुरी तरह मारा और इतने ज्यादा थप्पड़ जड़े कि दिमाग की नस फटने के कारण वह मौके पर ही बेहोश हो गई। स्कूल प्रबंधन ने बजाय बच्ची को किसी अस्पताल में ले जाने को हमें सौंप अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली।

सुप्रिया को लेकर उसके परिजन इलाज के लिए मऊ ले गए, जहां सीटी स्कैन के बाद डॉक्टरों ने कहा कि ज्यादा चोट लगने के कारण उसका ब्रेन हेमरेज हो गया है इसलिए उसे बनारस के बीएचयू रेफर कर दिया गया। जहां इलाज के दौरान ट्रामा सेंटर में हमारी बच्ची की मौत हो गई।

पुलिस का कहना है कि वह बच्ची के शव का पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेगी। फिलहाल सुप्रिया के पिता संतोष वर्मा की शिकायत पर महिला अध्यापक रजनी उपाध्याय के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323 और 304 के तहत रसड़ा कोतवाली में मामला दर्ज कर लिया गया है।

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