योगीराज : लॉकडाउन में नहीं मिल रहा था काम, बेरोजगारी से परेशान युवक ने की आत्महत्या

Update: 2020-05-26 14:07 GMT

यूपी के बांदा जिले में बिसंडा थाना क्षेत्र के ओरन कस्बे के एक मजदूर ने बेरोजगारी से परेशान होकर कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली...

जनज्वार। यूपी के बांदा जिले में बिसंडा थाना क्षेत्र के ओरन कस्बे के एक मजदूर ने बेरोजगारी से परेशान होकर कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ओरन पुलिस चौकी के प्रभारी उपनिरीक्षक सुल्तान सिंह ने मंगलवार को बताया कि सोमवार दोपहर कस्बे के कमासिन मार्ग में रहने वाले मजदूर सितार प्रजापति (35) का शव तालाब के किनारे लगे एक पेड़ से फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला है।

न्होंने बताया कि मजदूर के पिता रामदीन के अनुसार उनका बेटा मिस्त्री का काम किया करता था लेकिन पिछले दो माह से कोई काम न मिलने से बेरोजगार था। इसी बेरोजगारी से परेशान होकर उसने संभवत यह कदम उठाया है। इंस्पेक्ट ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और घटना की विस्तृत जांच की जा रही है।

लॉकडाउन में बेरोजगार होकर आर्थिक तंगी झेल रहे 43 वर्षीय एक युवक ने पत्नी के साथ झगड़ा के बाद पलास के पेड़ से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। यह घटना मसलिया के अजमेरी गांव में हुई। थाना प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि अजमेरी गांव के शंकर महतो सुबह करीब साढ़े सात बजे अजमेरी काली मंदिर के दक्षिणी और जोरिया के पास एक पलास के पेड़ में रस्सी के सहारे फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि मृतक शंकर महतो का अपनी पत्नी के साथ आर्थिक तंगी एवं घरेलू समस्याओं को लेकर बराबर झगड़ा-झंझट हुआ करता था।

शंकर महतो देवघर में मजदूरी कर अपने परिवार का किसी प्रकार भरण-पोषण किया करता था, परंतु पिछले दो महीने से लॉकडाउन के कारण घर में बैठ जाने के कारण उसके घर में भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। जिसको लेकर बीते रात पत्नी के साथ कहासुनी हुई थी। शंकर महतो के आत्महत्या से उनकी पत्नी एवं पांच वर्षीय एक बेटी सड़क पर आ गई है। शंकर महतो ही परिवार का एक मात्र कमाऊ सदस्य था। पुलिस ने लाश का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया। इस मामले में पुलिस ने यूडी केस दर्ज की है।

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