सुशीला तिवारी अस्पताल ने किया गर्भवती को भर्ती करने से मना, रेन बसेरे में जन्मा बच्चा

Update: 2017-08-27 11:59 GMT

जब सुशीला तिवारी अस्पताल प्रशासन को विद्या को रेन बसेरे में ही नॉर्मल डिलीवरी होने की खबर लगी तो खुद को बचाने के लिए तुरत—फुरत उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया गया...

हल्द्वानी, उत्तराखण्ड। किसी न किसी मामले में विवादों में रहने वाले उत्तराखण्ड के हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल के दामन पर एक दाग और लग गया है। यहां डॉक्टरों ने एक गर्भवती महिला को भर्ती करने से मना कर दिया, जिसके बाद महिला ने रैन बसेरे में बच्ची को जन्म दिया। जबकि महिला को राजकीय महिला चिकित्सालय हल्द्वानी से रेफर करके यहां भेजा गया था। बावजूद इसके यहां के डॉक्टरों ने गर्भवती महिला को गंभीरता से नहीं लिया।

गौरतलब है कि हल्द्वानी के पटरानी ओखलकांडा निवासी विद्या देवी का पति उसे राजकीय महिला चिकित्सालय हल्द्वानी लेकर गया था, जहां से 25 अगस्त को उसे राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया गया।

यहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने महिला को अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया। इस पर महिला के परिजनों के हाथ—पैर फूल गये क्योंकि महिला की हालत गंभीर थी। जब अस्पताल ने डॉक्टर ने भर्ती नहीं किया तो उसके परिजन उसे रैन बसेरे में ले गये और 25 अगस्त की रात उन्होंने वहीं पर रुकने का निर्णय लिया। 25 अगस्त की रात को तकरीबन 1 बजे विद्या ने रैन बसेरे में ही एक बच्ची को जन्म दिया।

पीडि़ता के पति ने बताया कि विद्या को अस्पताल ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस सेवा को बुलाया गया, लेकिन ढाई घंटे इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। जैसे-तैसे किराए की टैक्सी से वह अस्पताल पहुंचे। यहां भी डॉक्टरों ने सीधे ऑपरेशन करने की बात कह दी, जबकि परिजनों ने डॉक्टरों से नॉर्मल डिलीवरी के लिए प्रयास करने को कहा।

डॉक्टरों के इंकार करने पर वह गर्भवती को लेकर अस्पताल के रैन बसेरे में ही रूक गए, जहां विद्या की नॉर्मल डिलीवरी हो गई। हालांकि अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक अभी भी केवल सफाई देते हुये ही नजर आये। उन्होंने कहा कि महिला को लेबर पेन नहीं हो रहा था। पेट में बच्चे को दिक्कत थी। इसलिए ऑपरेशन के लिए कहा गया, लेकिन परिजन चले गए।

हालांकि जब सुशीला तिवारी अस्पताल को विद्या को रेन बसेरे में ही नॉर्मल डिलीवरी होने की खबर लगी तो खुद को बचाने के लिए तुरत—फुरत उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया गया।

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