वर्धा हिंदी विश्वविद्यालय के छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन

Update: 2017-10-25 14:26 GMT

मोदी सरकार में बढ़ते छात्र और दलित उत्पीड़न के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों की कड़ी में वर्धा विश्वविद्यालय के छात्र भी शामिल हुए हैं...

महाराष्ट्र, वर्धा। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से नजीब के गायब होने और बिहार के खगड़िया जिले में दलितों के घर जलाये जाने के विरोध में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के विद्यार्थियों ने एक प्रतिरोध सभा का आयोजन किया और FIND NAJIB नाम से मोमबत्तियां जला अपना विरोध जताया। यह विरोध प्रदर्शन हिंदी विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर किया गया।

बिहार के खगड़िया जिले के छमसिया गांव में दिवाली की पूर्व संध्या परजमीन के विवाद को लेकर एक सामंती समुदाय ने 50 से अधिक दलितों के घर को जला दिया गया। लोगो में भय व्याप्त करने के उदेश्य से इस दौरान हवा में कई राउंड गोलियां भी चलाई गईं। इस आगजनी में लाखों की संपत्ति जलकर राख हो गई। आगजनी में पशु धन भी हानि हुई।

वहीं दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से एक साल पहले गायब हुए एमएससी (बायोटेक्नोलॉजी) प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद को लेकर भी हिंदी विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्रदर्शन किया। जेएनयू से नजीब के गायब होने को एक वर्ष से ज्यादा हो चुका है, लेकिन दिल्ली पुलिस और सीबीआई किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है।

सीबीआई पिछले 6 महीने से इस केस की जांच कर रही है, लेकिन आरोपियों से पूछताछ भी नहीं कर पाई है। पिछले दिनों जब नजीब की माँ और अन्य लोगों ने सीबीआई और दिल्ली उच्च न्यायालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया तो दिल्ली पुलिस ने नजीब की माँ के साथ बुरा बर्ताव किया।

इस प्रतिरोध सभा में आइसा के छात्र नेता अरविंद ने अपनी बात रखते हुए कहा कि नजीब की माँ को न्याय न मिल पाना भारत मां का अपमान है। रोहित वेमुला या नजीब के माँ की बेबसी और प्रताड़ना में भारत माँ की बेबसी और प्रताड़ना दिखाई दे रही है।

वहीं दूसरे छात्र मुकेश ने अपनी बात रखते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा नजीब की मां को घसीटा जाना और गिरफ्तार करना लोकतंत्र को गिरफ्तार किए जाने जैसा है।

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