दिल्ली दंगे के खिलाफ केजरीवाल के आवास पर प्रदर्शन , छात्रों पर हुआ लाठीचार्ज 40 गंभीर रूप से घायल

Update: 2020-02-26 06:38 GMT

इस दौरान पुलिस ने कई छात्रों के साथ मारपीठ भी की जिसमें मेरे कई साथियों को गंभीर चोटें आई हैं। करीब 40 छात्रों के ऊपर काफी बर्बरता से लाठीचार्ज किया गया था। हमारे अधिकतर साथी अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं...

जनज्वार। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर इकट्ठा हुए छात्रों को हटा दिया है। ये छात्र देर रात दिल्ली में हुई हिंसा को फैलाने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने के लिए लोग इकट्ठा हुए थे। प्रदर्शन में शामिल होने वाले ज्यादातर जेएनयू के छात्र, जामिया मिल्लिा इस्लामिय एलुमिनाई एसोसिएशन और जामिया कॉडिनेशन कमेटी के सदस्य थे। प्रदर्शनकारियों ने अरविंद केजरीवाल के घर का घेराव किया था। प्रदर्शनकारी करीब आधी रात को यहां पहुंचे थे।

कट्ठा हुए छात्र दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर केजरीवाल से मिलकर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपना चाहते थे। लेकिन छात्रों की मुलाकात मुख्यमंत्री से नहीं हो पाई। जिसके बाद आधी रात को दिल्ली पुलिस ने छात्रों को हटनाे के लिए लाठीचार्ज औऱ वोटर कैनन का इस्तेमाल किया। छात्रों ने आरोप लगाया हैं कि पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर सिविल लाइन पुलिस स्टेशन ले गई।

हम लोग सीएम केजरीवाल से दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री से कहा कि वह हिंसा प्रभावित इलाकों में स्थानीय विधायकों के साथ खुद जाए और शांति बहाली के लिए शांति मार्च करें। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अपील की कि हिंसा को रोकने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में जनता को बताया जाए।

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हीं घटना पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवास उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर भड़की हिंसा में घायल हुए लोगों से मुलाकात करने मंगलवारो को जीटीबी अस्पताल पहुंचे और लोगों से इस पागलपन को रोकने की अपील की। अस्पताल के दौरे के दौरान केजरीवाल के साथ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थय मंत्री सत्येंद्र जैन भी थे। अस्पताल के दौरे के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी चिंता हिंसा को रोकना है।

न्होंने कहा कि मैंने घायल हुए लोगों से मुलाकात की और उन लोगों से भी मिला जो गोलियों से घायल हुए हैं। यहां पर सुविधाएँ और डॉक्टर हैंष मैं हर किसी से हिंसा को रोकने की अपील करता हूं। यह पागलपन रुकना चाहिए।

टना पर जामिया के छात्र आलमीन ने बताया कि दिल्ली में पिछले 2 दिनों से दंगे हो रहे हो लेकिन हमारे मुख्यमंत्री जो हालि में इतनी बड़ी जीत लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री बने है। मौन बैठे हुए है। जिसके खिलाफ कल जामिया और जेएनयू के छात्र सीएम के आवास पर केजरीवाल से बातचीत करने के लिए पहुंचे थे। लेकिन करीब 4 बजे दिल्ली पुलिस ने हम लोगों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया और कई छात्रों को हिरासत में लेते हुए सिविल लाइन थाना ले गई।

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स दौरान पुलिस ने कई छात्रों के साथ मारपीठ भी की जिसमें मेरे कई साथियों को गंभीर चोटें आई हैं। करीब 40 छात्रों के ऊपर काफी बर्बरता से लाठीचार्ज किया गया था। हमारे अधिकतर साथी अभी भी अस्पताल में भर्ती हैँ।

ता दे कि नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA का समर्थन और विरोध करने वालों ने दिल्ली में पिछले दो दिनों से जो तांडव मचाया है और जिस तरह कपिल मिश्रा जैसे नेताओं ने इस आग में घी डालने का काम किया है, उससे आम जनता दहशत में जी रही है।

ब तक इस दंगे में 17 की मौत का आंकड़ा सामने आ रहा है। हालांकि कहा जा रहा है कि यह आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा होने की संभावना है। गंभीर रूप से घायलों की संख्या 300 पार कर चुकी है, जिनमें से कई जिंदगी और मौत के बीच में झूल रहे हैं। घायलों में लगभग 60 पुलिसवाले भी शामिल हैं। मरने वालों में भी 1 पुलिसकर्मी शामिल है और कई की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA को लेकर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर और चांदबाग में 24 और 25 ​फरवरी को लगातार हिंसा हुई, जिसकी वजह से प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है और पुलिस की भारी तैनाती की है।

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सके अलावा उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, ब्रह्मपुरी, बाबरपुर, कर्दमपुरी, सुदामापुरी, घोंडा चौक, करावल नगर, मुस्तफाबाद, चांदबाग, नूरे इलाही, भजनपुरा और गोकलपुरी इलाकों में भारी हिंसा फैली, यहां लगातार तनाव जारी है। इन इलाकों में मुस्लिमों को टारगेट कर उनकी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। कल 25 फरवरी को कर्दमपुरी और सुदामापुरी इलाके में दिनभर रुक-रुककर पथराव और फायरिंग होती रही, जिसके बाद इन इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया

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