सुप्रीम कोर्ट क्या CAA और NRC को लेकर सरकार से अलग दे पाएगा कोई फैसला?

Update: 2020-01-27 10:01 GMT

CAA कानून को लेकर देश की जनता खासकर देश के मुसलमान जो CAA कानून के विरोध में खड़े हुए है। उनको सुप्रीम कोर्ट से काफी ज्यादा उम्मीदें है...

जनज्वार। CAA और NPR कानून के विरोध में देशभर में आंदोलन किए जा रहे है। ऐसे में CAA को लेकर कुल 144 याचिकायें सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी हैं। इनमें से एक दो याचिकाओं को छोड़कर सभी याचिका कानून के विरोध में दायर की गई हैं। ज्यादातर याचिकाओं में कानून को असंवैधानिक करार देने की मांग की गई है।

नागरिकता संशोधन कानून की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ का गठन किया गया था। जिसमें फैसले को सुनाते हुए चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई नई याचिकाओं पर किसी तरह की कोई रोक न लगाने से मना कर दिया था। याचिकाओं पर जबाव देने के लिए केंद्र को 4 हफ्ते का समय दिया गया था। जिसकी सुनवाई पांचवें हफ्तें में की जाएगी। इसके अलावा असम से जुड़ी याचिकाओं पर केंद्र सरकार को दो हफ्ते में जबाव देना है।

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से में CAA कानून को लेकर जहां केंद्र सरकार का रुख अड़ियल बना हुआ है। वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने CAA कानून को वापिस लेने से साफ मना कर दिया है। साथ ही CAA के बाद NRC को पूरे देश में लागू करने के बात कहीं है। वही केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे लोगों को कहा है कि, जो लोग कानून का विरोध कर रहे है वो करे लेकिन देश को तोड़ने का काम करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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से में CAA कानून को लेकर देश की जनता खासकर देश के मुसलमान जो CAA कानून के विरोध में खड़े हुए है। उनको सुप्रीम कोर्ट से काफी ज्यादा उम्मीदें है। सुप्रीम कोर्ट से हमें क्या उम्मीद रखनी चाहिए जानिए सुप्रीम कोर्ट के वकील और जनज्वार के विधि सलाहाकार रवींद्र एस गड़िया से -

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