यूपी : प्रसव पीड़ा से तड़पकर डॉक्टरों और नर्सों से गुहार लगाती रही महिला, नवजात की मौत

Update: 2020-05-05 08:22 GMT

(ओडिशा में पैदा होते ही अस्पताल में नवजात शिशु का बन जाएगा आधार कार्ड)

सोमवार 4 अप्रैल को जब उत्तर प्रदेश शराब के ठेके खोल दिये जाने का जश्न मना रहा था। ठीक उसी वक्त एक प्रसव पीड़ित महिला अपने बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए अस्पताल प्रशासन से गुहार लगा रही थी...

जनज्वार। यूपी के चित्रकूट में प्रसव पीड़ा से तड़पती एक महिला व उसका पति डॉक्टरों और नर्सों से गुहार लगाते रहे पर किसी ने भी उनकी एक न सुनी। नतीजतन नवजात की मौत हो गई।

गौरतलब है कि चित्रकूट के तरौहां निवासी संतकुमार ने जिला चिकित्सालय के स्टाफ पर आरोप लगाया है कि प्रसव पीडा से कराहती उसकी पत्नी को भर्ती करने में अस्पताल के स्टॉफ ने दो बार आनाकानी की। इसकी शिकायत सीएमएस से की तो भर्ती करने के बाद प्रसव के दौरान भी लापरवाही बरती गई। जिसमें उसके नवजात की मौत हो गई। पीडि़त दंपति ने स्टॉफ पर लापरवाही की रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की है।

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सोमवार 4 अप्रैल को जब उत्तर प्रदेश शराब के ठेके खोल दिये जाने का जश्न मना रहा था। ठीक उसी वक्त एक प्रसव पीड़ित महिला अपने बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए अस्पताल प्रशासन से गुहार लगा रही थी। जिलाधिकारी को लिखे पत्र में पीडि़त संत कुमार पुत्र बाबूलाल ने बताया कि 22 अप्रैल को गर्भवती पत्नी मंजू देवी को प्रसव वेदना होने पर जिला अस्पताल ले गया।

Full View कुमार का आरोप है कि स्टॉफ नर्स ने करीब एक घंटे तक उसकी पत्नी को भर्ती करने में टालमटोल किया। इस दौरान पत्नी दर्द से कराहती रही। इसकी जानकारी उसने सीएमएस को दी तो उन्होंने स्टाफ नर्स को फटकार लगाते हुए भर्ती कराकर जांच आदि कराई।

28 अप्रैल को संत कुमार गर्भवती पत्नी को फिर से दर्द होने पर चिकित्सालय लेकर पहुंचा। जहां स्टॉफ नर्स ने कहा कि तुम लोगों ने सीएमएस से शिकायत की थी इसलिए भर्ती नहीं करेंगेे। पहले सीएमएस व डाक्टर को बुलाकर लाओ। उन्होंने किसी तरह हाथ जोडऩे पर पत्नी को भर्ती कर लिया।

त्नी को भर्ती करने के बाद नर्स ने वापस आकर बताया कि बच्चे की मौत हो गई है और पत्नी की जान बचाना है तो बाहर ले जाओ। पति ने बताया कि जब जांच कराई थी तो जच्चा और बच्चा दोनो पूरी तरह स्वस्थ्य थे। शिकायत करने के चलते स्टाफ नर्स ने लापरवाही की है। जिसके चलते बच्चे की मौत हो गई।

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पीडि़त पति ने मांग की है कि इस मामले में दोषियों पर नवजात की हत्या करने का मामला दर्ज किया जाए। इस मामले में सीएमएस डा.आरके गुप्ता ने बताया कि इस मामले को संज्ञान में लेकर संबधित स्टॉफ से पूछताछ की जाएगी और जो दोषी होगा कार्रवाई करेंगे।

Full View में यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी लापरवाही की बात सामने आ चुकी है। यहीं के तरौंहा निवासी ओमप्रकाश पुत्र गणेशी लाल ने भी शिकायत करते हुए कहा कि वह 22 अप्रैल को अपनी पत्नी को प्रसव पीडा के कारण अस्पताल लेकर पहुंचा था। वहां मौजूद स्टाफ ने भर्ती करने से इंकार कर दिया था। अस्पताल से लौटते समय रास्ते में ही पत्नी ने बच्चे को जना था जिसकी कुछ ही देर में मौत हो गई थी।

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