अर्णब गोस्वामी के चैनल की TRP घोटाले में मुश्किलें नहीं हो रहीं कम, मुंबई पुलिस ने दर्ज की चौथी FIR

रिपब्लिक भारत ने मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज चौथी एफआईआर पर कहा, दुनिया के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है। मुंबई पुलिस आयुक्त संविधान और कानून से ऊपर नहीं हैं। यह मुंबई पुलिस द्वारा प्रेस की स्वतंत्रता पर खुला और जोरदार हमला है...

Update: 2020-10-23 16:00 GMT

जनज्वार। टीआरपी घोटाले में नाम सामने आने के बाद अर्णब गोस्वामी के चैनल रिपब्लिक भारत की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। आज 23 अक्टूबर को मुंबई पुलिस ने अर्नब गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी के खिलाफ चौथी एफआईआर दर्ज की है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक भारत के बारे में खुलासा किया था कि किस तरह चैनल टीआरपी की रेस में नंबर पर विराजमान है, लोगों को पैसे देकर चैनल देखने को कहा जाता है।

टीआरपी घोटाले में मुंबई पुलिस की तरफ से आरोपी बनाए जाने के बाद रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। मुंबई पुलिस ने कथित तौर पर बदनाम करने के लिए रिपब्लिक टीवी के चार पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

हालांकि इस बारे में रिपब्लिक टीवी का बयान आया है कि वो इसे मीडिया के अधिकारों पर हमला मानता है और वह हर 'मजबूत रणनीति' से लड़ेगा।

मीडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा कि शहर के एन एम जोशी मार्ग थाने में दर्ज प्राथमिकी चैनल पर चलाई गई एक खबर से संबंधित है, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा शहर के पुलिस आयुक्त के खिलाफ 'विद्रोह' करने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि विशेष शाखा के उप निरीक्षक शशिकांत पवार की शिकायत पर पुलिस (असंतोष उत्पन्न करना) अधिनियम,1922 की धारा 3 (1) और भारतीय दंड सहिंता की धारा 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

रिपब्लिक भारत चैनल के खिलाफ मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी में चैनल की समाचार वाचिका तथा उप समाचार संपादक शिवानी गुप्ता, वरिष्ठ सहायक संपादक सागारिका मित्रा, उप संपादक शवन सेन और कार्यकारी संपादक निरंजन नारायणस्वामी के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गयी है।

पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में कहा है कि आरोपियों ने बृहस्पतिवार 22 अक्टूबर को शाम 7 बजे से 7 बजकर 10 मिनट के बीच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ 'विद्रोह' को लेकर एक खबर चलाई थी। प्राथमिकी में कहा गया है कि यह पुलिस बल के सदस्यों के बीच असंतोष पैदा करने और पुलिस की मानहानि के समान है।

पुलिस द्वारा दर्ज की गयी इस एफआईआर पर रिपब्लिक भारत ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि पुलिस की यह प्राथमिकी मीडिया के अधिकारों पर जोरदार हमला है।

चैनल ने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया है, 'दुनिया के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है। मुंबई पुलिस आयुक्त संविधान और कानून से ऊपर नहीं हैं। यह मुंबई पुलिस द्वारा प्रेस की स्वतंत्रता पर खुला और जोरदार हमला है। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को अपनी स्थापना के बाद हुए प्रत्येक लेन-देन की जानकारी और सभी कर्मचारियों की सूची जमा कराने के लिए नोटिस भेजा गया है। हम दबाव डालने के हर हथकंडे का डटकर सामना करेंगे।'

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