Gautam Adani : हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में अडानी पर धोखाधड़ी के बड़े आरोपों के बाद एक दिन में ग्रुप को हुआ 50,000 करोड़ रुपये का भारी नुकसान
अडानी को सबसे बड़ा धोखेबाज यूएस कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी रिसर्च में ऐसे समय पर ठहराया है, जबकि अडानी ग्रुप के शेयरों की सार्वजनिक बिक्री लांच होने वाली है..
Gautam Adani : भारत के सबसे बड़े पूंजीपति और दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स पर अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने धोखाधड़ी के बड़े आरोप लगाये हैं, जिसके बाद उन्हें बुधवार 25 जनवरी को मात्र एक दिन में 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। हिंडनबर्ग रिसर्च की लेटेस्ट रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए गए थे, जिससे अडानी ग्रुप को इतना बड़ा नुकसान हआ। आज भी अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट जारी है। अडानी ग्रुप पर दशकों से खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और अकाउंट धोखाधड़ी में शामिल होने का बड़ा आरोप लगा है।
गौरतलब है कि Hindenburg Research की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की अकाउंटिंग और कॉरपोरेट गवर्नेंस पर सवाल उठाए गये थे, जिसके बाद अडानी ग्रुप की अंबूजा सीमेंट्स के शेयर में 9.6 फीसदी गिरावट आई। एसीसी (ACC), अडानी पोर्ट्स (Adani Ports), अडानी पावर (Adani Power) और अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) में भी 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी। इतना ही नहीं गौतम अडानी द्वारा हाल ही में जिस मीडिया वेंचर एनडीटीवी को खरीदा गया है उसके शेयरों में भी 5 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी।
अडानी को सबसे बड़ा धोखेबाज यूएस कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी रिसर्च में ऐसे समय पर ठहराया है, जबकि अडानी ग्रुप के शेयरों की सार्वजनिक बिक्री लांच होने वाली है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने मॉरिसस और कैरिबियन जैसे विदेशी टैक्स हैवेन में मौजूद कंपनियों पर अडानी ग्रुप की मिल्कियत पर भी सवाल उठाये गये हैं। हिंडनबर्ग ने अपनी रिसर्च के बाद दावा किया है कि अदानी की कंपनियों पर पर्याप्त क़र्ज़ है, जिससे पूरा ग्रुप खतरे में है।
हिंडनबर्ग के इस सनसनीखेज और बड़े दावे के बाद अडानी ग्रुप को जहां एक ही दिन में 50 हजार करोड़ रुपये का भारी भरकम नुकसान झेलना पड़ा, वहीं ग्रुप प्रमुख गौतम अडानी का दावा है कि यह आरोप निराधार हैं और हम हिंडनबर्ग रिसर्च के ख़िलाफ़ भारत और अमेरिका में 'सुधारात्मक और दंडात्मक' कार्रवाई करने पर विचार कर रहे हैं। बकौल अडानी वह हमेशा कानूनी दायरे में रहकर काम करते हैं।
अडानी की लीगल टीम के ग्रुप हेड जतिन जालुंधवाला ने मीडिया से हुई बातचीत में कहा, 'हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने भारतीय शेयर बाज़ार में जो उतार चढ़ाव पैदा किया है, वो बहुत चिंताजनक है और भारतीय नागरिकों के लिए अनचाही पीड़ा का सबब बना है। साफ़ है कि ये रिपोर्ट और इसके बिना प्रमाणों के तथ्य इस तरह पेश किए गए कि इसका अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों की क़ीमत पर बुरा असर पड़े, क्योंकि हिंडनबर्ग रिसर्च ने खुद ये कबूला है कि अडानी के शेयरों के गिरने का फायदा उसे मिलेगा।'
अडानी ग्रुप की फ़्लैगशिप फ़र्म, अडानी एंटरप्राइज़ेज के शेयरों की बिक्री आज शुक्रवार 27 जनवरी से शुरू होनी है। अडानी ग्रुप का 20,000 करोड़ रुपए का एफपीओ आज खुल रहा है, आज भी अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट जारी है।
जहां अडानी ग्रुप हिंडनबर्ग की रिसर्च टीम के दावों को झूठा बता रहा है, वहीं हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि वो अपनी रिपोर्ट पर कायम हैं और किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए भी तैयार हैं।
हिंडनबर्ग की तरफ से बयान जारी करके कहा गया है, 'हमारी रिपोर्ट आने के बाद पिछले 36 घंटों में अडानी ग्रुप ने एक भी गंभीर मुद्दे पर जवाब नहीं दिया है। हमने रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 सटीक सवाल पूछे थे, जो कि हमारे मुताबिक कंपनी को अपने आप को निर्दोष साबित करने का मौका देते हैं, मगर भी तक अडानी ने एक भी जवाब नहीं दिया है। जवाब देना तो छोड़िये अदानी ने धमकी का रास्ता चुन लिया है। मीडिया को दिये गये बयान में अडानी ने हमारी 106 पन्नों की, 32 हज़ार शब्दों की और 720 से ज़्यादा उदाहरण के साथ दो सालों में तैयार की गई रिपोर्ट को बिना रिसर्च का बताया गया है, मगर हम अपनी रिपोर्ट पर कायम हैं और क़ानूनी कार्रवाई की धमकी झेलने को सहर्ष तैयार हैं। हम अडानी की तरफ से की जाने वाली कानूनी कार्रवाई का स्वागत करेंगे, क्योंकि हमारे ख़िलाफ़ उठाए गए क़ानूनी कदम आधारहीन होंगे।'
हिंडनबर्ग ने आगे कहा है, 'अगर गौतम अडानी गंभीर हैं, तो उन्हें अमेरिका में केस दायर करना चाहिए। दस्तावेज़ों की एक लंबी लिस्ट है, जिसकी क़ानूनी प्रक्रिया के दौरान हम डिमांड करेंगे।'