Rita Bahuguna Joshi: भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ जारी हुआ अरेस्ट वारंट, ये है पूरा मामला
Lucknow News: भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) के खिलाफ निर्धारित समय सीमा खत्म होने के बाद चुनाव प्रचार करने के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। चुनाव आचार संहिता का उल्लघंन करने के मामले में एमपी-एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट ने रीता बहुगुणा जोशी समेत पांच के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है...
Lucknow News: भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) के खिलाफ निर्धारित समय सीमा खत्म होने के बाद चुनाव प्रचार करने के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। चुनाव आचार संहिता का उल्लघंन करने के मामले में एमपी-एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट ने रीता बहुगुणा जोशी समेत पांच के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है। दरअसल साल 2012 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव के प्रचार का समय समाप्त होने के बाद प्रचार कर आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप है।
अदालत ने खारिज की ये मांग
MP-MLA कोर्ट के विशेष ACJM अंबरीश कुमार श्रीवास्तव ने मामले में सुनवाई के लिए दो नवंबर की तारीख तय की है। कोर्ट ने मौजूद गवाह से आरोपी की ओर से जिरह न किए जाने के बाद गवाह की गवाही भी समाप्त कर दी है। इससे पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान गवाह सिपहाई दिनेश कुमार यादव हाजिर हुए जबकि रीता बहुगुणा जोशी की ओर से उनकी हाजिरी माफ करने की मांग वाली अर्जी दी गई।
कोर्ट में गवाही करने के लिए लगातार आवाज लगती रही लेकिन सांसद की ओर से कोई भी गवाह गवाही के लिए हाजिर नहीं हुआ। जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी सांसद की ओर से हाजिरी माफ करने की मांग वाली अर्जी को खारिज करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने गवाह सिपाही दिनेश यादव की गवाही को समाप्त कर दिया।
कब दायर हुई थी चार्जशीट?
दरअसल रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) साल 2012 में कांग्रेस ओर से प्रत्याशी थी और विधानसभा चुनाव में आचार संहिता का उल्लंघन किया था। जिसके बाद थाना कृष्णा नगर में स्टैटिक मजिस्ट्रेट मुकेश चतुर्वेदी ने 17 फरवरी 2012 को दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि बजरंग नगर मोहल्ला में रीता बहुगुणा जोशी प्रचार का समय समाप्त होने के बाद भी जनसभा कर रही है।
उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद दरोगा राम सहाय द्विवेदी ने मामले की विवेचना की और रीता के खिलाफ 11 मार्च 2012 को चार्जशीट दायर की थी। इस मामले में उनके अलावा राम सिंह यादव, संजय यादव, प्रभा श्रीवास्तव, और मनोज चौरसिया के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 133 के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था