दिल्ली : थोड़ी देर में नेहरू संग्रहालय का बदलेगा नाम, PM मोदी करेंगे प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन

दिल्ली : गुरुवार सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे जिसमें सभी भारतीय प्रधानमंत्रियों के योगदान प्रदर्शित होगा।

Update: 2022-04-14 05:25 GMT

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दिल्ली : 14 अप्रैल 2022 गुरुवार सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की राजधानी दिल्ली में नेहरू संग्रहालय के परिवर्तित रूप प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे। इस संग्रहालय में देश के अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों के कार्य एवं योगदान देखने को मिलेंगे। जानकारी के लिए बता दें कि पहले इस संग्रहालय को नेहरू संग्रहालय भवन नाम से जाना जाता था लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में इसे देश के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित किया जा रहा है। गौरतलब है कि पहले इस संग्रहालय में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन, योगदान और दुनियाभर से प्राप्त उनके उपहारों का प्रदर्शन किया जाता था लेकिन अब इस संग्रहालय में सभी प्रधानमंत्रियों की यादों को सहेजा गया है।

अधिकारियों की माने तो प्रधानमंत्री संग्रहालय में पुराने और नए का एक सहज मिश्रण देखने को मिलने वाला है और इसमें तत्कालीन नेहरू संग्रहालय भवन को भी शामिल किया गया है। नेहरू भवन को पीएम संग्रहालय ब्लॉक-1 के रूप में नामित किया गया है। जिसमें पं. जवाहरलाल नेहरू के जीवन और योगदान से संबंधित अब तक की सारी ज्ञात जानकारियां दिखाने की कोशिश की गई हैं। यही नहीं प्रधानमंत्री संग्रहालय में तमाम महत्वपूर्ण पत्राचार,सम्मान, पदक, स्मारक, टिकट, सिक्के, कुछ व्यक्तिगत वस्तुएं, उपहार और यादगार तस्वीरें आदि प्रदर्शित की गई हैं।

बताया जा रहा है कि ये प्रधानमंत्री संग्रहालय भारत की स्वतंत्रता संग्राम से लेकर संविधान के निर्माण तक की कहानी बताएगा। प्रधानमंत्री संग्रहालय में बताया गया है कि कैसे हमारे प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न चुनौतियों से भारत देश और देशवासियों को उबारा। प्रधानमंत्री संग्रहालय में देश के चौतरफा विकास और उसकी प्रगति सुनिश्चित को सुनिश्चित करने वाले प्रधानमंत्रियों को भी दिखाया जाएगा। संग्रहालय का पूरा डिजाइन उभरते भारत की कहानी से प्रेरित है। इसे नेताओं के हाथों का आकार दिया गया है। डिजाइन में टिकाऊ और ऊर्जा संरक्षण के इंतजाम किए गए हैं और सबसे सराहनीय कदम तो ये है कि इसे बनाने में एक भी पेड़ नहीं काटा गया। 


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