डिमोशन या तुरुप चाल: BJP ने शाहनवाज हुसैन को बनाया बिहार से विधान परिषद का उम्मीदवार

शाहनवाज हुसैन को विधान परिषद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद यह चर्चा शुरू हो गई है कि बीजेपी द्वारा उनका डिमोशन कर दिया गया है या यह पार्टी की भविष्य की प्लानिंग का कोई संकेत है..

Update: 2021-01-16 13:01 GMT

[ भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन, फोटो- जनज्वार डॉट कॉम (फाइल) ]

जनज्वार ब्यूरो/पटना। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन को बिहार विधान परिषद के उपचुनाव के लिए पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है। शाहनवाज हुसैन केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और पार्टी के बड़े मुस्लिम चेहरों में से एक माने जाते हैं।

शाहनवाज हुसैन को विधान परिषद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि बीजेपी द्वारा शाहनवाज हुसैन को उम्मीदवार बनाकर उनका डिमोशन कर दिया गया है या यह पार्टी की भविष्य की प्लानिंग का कोई संकेत है।

बिहार में दो सीटों पर उपचुनाव होने हैं। जनता दल यूनाइटेड, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी जैसे सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार चला रही बीजेपी ने यहां एक सीट पर उम्मीदवार उतारा है। पार्टी ने इस सीट से अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन को उम्मीदवार बनाया है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी के राज्यसभा चले जाने और विनोद नारायण झा के विधायक चुने जाने के कारण बिहार विधान परिषद में दो सीट रिक्त हुए हैं, जिनपर चुनाव होना है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में भी विधान परिषद की 12 सीटों पर चुनाव होने हैं। इनमें से पार्टी ने छह उम्मीदवारों के नाम की आज घोषणा कर दी है। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश से कुंवर मानवेन्द्र सिंह, गोविंद नारायण शुक्ला, सलिल बिश्नोई, अश्वनी त्यागी, घर्मवीर प्रजापति और सुरेन्द्र चौधरी को उम्मीदवार बनाया है।

शहनवाज हुसैन को बीजेपी द्वारा राष्ट्रीय राजनीति से सीधे बिहार की राजनिति में लाना कई संकेत दे रहा है। वैसे तो सीधे तौर पर इसे उनके डिमोशन से जोड़कर देखा जा रहा है, पर बीजेपी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने बहुत सोच समझकर यह तुरुप चाल चला है।

बिहार मंत्रिमंडल में अभी कोई मुस्लिम मंत्री नहीं है। बीजेपी की ओर से कोई मुस्लिम कैंडिडेट जीतकर भी नहीं आया है।सहयोगी जेडीयू की ओर से भी इस बार कोई मुस्लिम उम्मीदवार विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाया है।

ऐसे में नीतीश कैबिनेट में मुस्लिम चेहरे के न होने के कारण कई तरह की बातें तो हो ही रही थीं, यह भी कहा जा रहा था कि विधान परिषद से किसी मुस्लिम चेहरे को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। राजनीतिक हलकों में चर्चा होने लगी है कि  बीजेपी ने शाहनवाज हुसैन को विधान परिषद की उम्मीदवारी देकर एक तरह का दबाव भी जेडीयू पर बना दिया है।

ऐसे में शाहनवाज हुसैन को विधान पार्षद बनाने के बाद उन्हें मंत्री बनाकर बीजेपी राज्य और देश के अल्पसंख्यकों को एक बड़ा सन्देश दे सकती है। खासकर तब, जब जल्द ही पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

शाहनवाज हुसैन बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में सक्रिय रहते हैं। वे केंद्र की अटल बिहारी बाजपेयी की तत्कालीन सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके हैं।बीजेपी द्वारा उन्हें पार्टी के मुस्लिम चेहरे के तौर पर प्रोमोट किया जाता रहा है।

हालांकि अब बिहार विधान परिषद का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं और राजनीतिक हलकों में चर्चाएं शुरू हो गयी हैं। एक ओर जहां यह कहा जा रहा है कि विधान परिषद का उम्मीदवार बनाया जाना एक तरह से उनका डिमोशन है, वहीं दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी ने उन्हें बिहार की राजनीति में अपना मुख्य चेहरा बनाने के लिए यह कदम उठाया है।

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