पंजाब के पूर्व DGP पर AAP में दो फाड़: सीनियर लीडर ने बताया नायक तो विधायक बोले युवाओं का हत्यारा
राजनीतिक समीक्षक वीरेंद्र सिंह राठौर का कहना है कि आम आदमी पार्टी की दिक्कत यह है कि पंजाब में इस पार्टी को दिल्ली के नेता चला रहे हैं, स्थानीय नेताओं को फ्री हैंड दिया ही नहीं गया....
मनोज ठाकुर की रिपोर्ट
जनज्वार ब्यूरो/चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह के मामले में जम कर राजनीति हो रही है। अभी तक इस मामले में अकाली दल और कांग्रेस ही आमने सामने थे। सैनी को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद आम आदमी पार्टी के नेता पूर्व डीजीपी के मामले में आपस में ही उलझ गए। आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व प्रभारी दीपक बाजपेयी ने पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी की गिरफ्तारी को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला बोला। उन्होंने सैनी को राष्ट्रीय हीरो करार दिया।
यह भी आरोप लगाया कि कैप्टन राजनीतिक बदले की भावना के साथ काम कर रहे हैं। इधर आम आदमी पार्टी के विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में आप के सभी विधायक सैनी को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सैनी को युवाओं का हत्यारा तक करार दे दिया है।
आप की किसान विंग के अध्यक्ष और कोटकपूरा विधायक कुलतार सिंह संधवान, ने कहा, "सैनी कोई राष्ट्रीय नायक नहीं हैं। वह पंजाब के युवाओं का हत्यारा है। सैनी को लेकर हमारी पार्टी का रुख साफ है, उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए" आप विधायक बलजिंदर कौर ने दावा किया कि सत्ताधारी कांग्रेस और पूरी सरकारी मशीनरी सुमेध सिंह सैनी को बचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
सुमेध सिंह सैनी को लेकर पंजाब में राजनीति जोरो पर हो रही है। कांग्रेस में भी कई बार कैप्टन पर पूर्व डीजीपी को बचाने का भी आरोप लगाया है।
पंजाब की राजनीति के जानकार सीनियर पत्रकार राकेश शर्मा ने बताया कि पंजाब में सैनी को लेकर राजनीति दो हिस्सों में बंटी हुई है। इसमें दो राय नहीं कि सैनी ने पंजाब में आतंकवाद को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई।
इसके साथ ही उन पर आरोप भी खूब लगे। उन्होंने आतंकवाद के समय में कानून से बाहर जाकर काम किया। उस पर बेअदबी कांड और बहबलकलां मामले में आरोप है। इसके साथ ही 1991 में स वक्त के आईएएस अधिकारी दर्शन सिंह मुल्तानी के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी को गिरफ्तार किया था। बाद में पुलिस की ओर से बोल दिया कि वह पुलिस हिरासत से भाग गया। बलविंदर सिंह ने इस मामे में सैनी और छह अन्य पर हत्या समेत कई धाराओं में मामला दर्ज कराया गया है।
इसी माह 19 अगस्त को सैनी को विजिलेंस ने 17 सितंबर 2020 के भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने सैनी की गिरफ्तारी को अवैध करार दे दिया।
राकेश शर्मा ने बताया कि क्योंकि विजिलेंस और गृह विभाग कैप्टन के पास है,इसलिए उन पर निशाना साधा जा रहा है। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव है। इस वजह से यहां सियासी माहौल बना हुआ है।
राकेश शर्मा ने बताया कि अकाली दल और कांग्रेस सैनी के मामले में एक दूसरे पर आरोप लगाए तो समझ में आता है,लेकिन आम आदमी पार्टी आपस में ही सैनी को लेकर लिए तरह से विवादित बयान दे रहे हैं, यह समझ से परे हैं। आम आदमी पार्टी की दिक्कत यह है कि वह पंजाब को अभी तक समझ ही नहीं पाई है। इस वजह से दिल्ली के नेता कुछ और बयान दे रहे हैं, पंजाब के नेता कुछ और।
राजनीतिक समीक्षक वीरेंद्र सिंह राठौर का कहना है कि आम आदमी पार्टी की दिक्कत यह है कि पंजाब में इस पार्टी को दिल्ली के नेता चला रहे हैं। स्थानीय नेताओं को फ्री हैंड दिया ही नहीं गया। इसका खामियाजा पिछली बार के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को भुगतना पड़ा। पूरा माहौल पार्टी के पक्ष में था, लेकिन पार्टी सरकार बनाने से चूक गई। क्योंकि जो रणनीतिकार दिल्ली से आए थे, वह पार्टी मजबूती पर कम ध्यान रहे थे और खुद को स्थापित करने पर ज्यादा। आम मतदाता आप को वोट देना चाह रहा था। इतनी जबरदस्त लहर में भी पार्टी वोटर्स को अपने साथ जोड़ने में विफल रही।
इसका कारण दिल्ली की लीडरशिप है। वह पंजाब को समझ ही नहीं रही है। पंजाब का मिजाज अलग है। यहां की राजनीति अलग है। इसे समझने के लिए पंजाबी और सिखी सोच होनी चाहिए। इसके साथ ही स्थानीय भावनाओं का भी सम्मान करना होगा।
वीरेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि, इस बार भी यहीं हो रहा है। माहौल आम आदमी पार्टी के पक्ष में हैं। लेकिन पार्टी के दिल्ली के नेता विवादित बयान देकर वोटर्स को नाराज कर सकते हैं। सैनी को राष्ट्रीय नेता बताना कहीं से भी जायज नहीं है। यह छोटी सी बात भी आम आदमी के नेताओं की समझ में नहीं आ रही है तो क्या किया जा सकता है?
हालांकि पंजाब के आम आदमी पार्टी के नेता अब इस बयान की भरपाई करने में जुट गए हैं। वह सैनी के मामले में सीएम पर हमलावर भी हुए हैं। देखना होगा कि अब जो सियासी नुकसान आम आदमी पार्टी को हो चुका है, इसकी भरपाई कैसे करते हैं?