मोदी और शाह जैसे निर्मम और निर्दयी नेता मैंने जीवन में नहीं देखे, बोलीं ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने व्यंग्यात्मक अंदाज में प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुये कहा- "केंद्र में कई बंगाली कैडर के अधिकारी हैं। क्या मैं उन्हें बिना परामर्श के बुला सकती हूं, श्रीमान प्रधान मंत्री? श्रीमान व्यस्त प्रधान मंत्री? श्रीमान मन की बात प्रधान मंत्री?"
जनज्वार ब्यूरो, कोलकाता। केंद्र और राज्य में ठनी तकरार के बीच बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर राज्य सरकार के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को कोविड प्रबंधन और राहत कार्य के अलावा 'बहुत गंभीर चक्रवात' यास से संबंधित उनके दायित्वों पर विचार करते हुए मुक्त नहीं करने के फैसले के बारे में सूचित किया। एक पत्रकार वार्ता में केंद्र के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हिटलर, स्टालिन जैसे तानाशाहों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी और शाह जैसा निर्मम और निर्दयी नेता मैंने जीवन में नहीं देखा।
ममता बनर्जी ने नौकरशाही में केंद्र की निरंकुशता से लड़ने का किया आह्वान
ममता बनर्जी ने सभी विपक्षी मुख्यमंत्रियों, वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं और नौकरशाहों को एकजुट होकर मोदी-सरकार के "निरंकुश" शासन के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया। बनर्जी ने मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय के सेवा विस्तार पर "प्रतिशोध की राजनीति" के संबंध में केंद्र की खिंचाई की। जिन्हें चक्रवात यास के कारण नुकसान के बारे में मूल्यांकन के संबंध में कलाईकुंडा में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री की बैठक पर एक विवाद के बाद उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख पर दिल्ली वापस बुलाया गया था।
केन्द्रीय कानून मंत्री पर भी साधा निशाना-
अलपन बंद्योपाध्याय ने मुख्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त होने का विकल्प चुना। वे तुरंत राज्य की सीएम के सलाहकार नियुक्त किए गए। बनर्जी ने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के उस बयान की आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि बंद्योपाध्याय ने बैठक से "वाक आउट" कर दिया था। बनर्जी ने कहा, "कानून मंत्री" कानून से बाहर हो गए हैं। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि राजनीतिक व्यक्ति आमतौर पर विचारों में मतभेदों के बाद बहिर्गमन करते हैं। लेकिन नौकरशाह कभी बाहर नहीं जाते हैं। बनर्जी ने कहा कि आजादी के बाद से पिछले 74 वर्षों के देश के इतिहास में मुख्य सचिव को वापस बुलाने जैसी घटना कभी नहीं हुई।
कौन हैं अल्पन बंद्योपाध्याय-
1987 बैच के अधिकारी बंद्योपाध्याय ने 30 सितंबर, 2020 को राज्य के मुख्य सचिव के रूप में कार्यभार संभाला था। उन्होंने हावड़ा और उत्तर 24-परगना के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया था और कोलकाता नगर निगम के आयुक्त भी थे। राज्य के मुख्य सचिव के रूप में कार्यभार संभालने से पहले वह राज्य के गृह सचिव थे। उन्होंने राज्य परिवहन सचिव के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और एमएसएमई विभाग में भी तैनात रहे। उन्होंने कोलकाता महानगर विकास प्राधिकरण के सीईओ और उद्योग विभाग के सचिव के रूप में भी काम किया। बंद्योपाध्याय नरेंद्रपुर रामकृष्ण मिशन और प्रेसीडेंसी कॉलेज के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एम ए प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया। 1980 के दशक में वे एक बंगाली दैनिक के रिपोर्टर के रूप में काम शुरू किया। उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं जिनमें प्रसंग गोरखालैंड और अमलार सोम शामिल हैं।
ममता बनर्जी ने नौकरशाहों को उनका उचित सम्मान दिए बिना उनके साथ "बंधुआ मजदूर" की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाते हुये मोदी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, " यह अन्याय जारी नहीं रह सकता और यह जल्द ही समाप्त हो जाएगा। अगर एक नौकरशाह का अपमान किया जाता है जबकि उसने अपना जीवन अपने काम के लिए समर्पित कर दिया, तो सरकार और पीएम क्या संदेश दे रहे हैं?
निरंकुशता छोड़ें श्री मान मन की बात प्रधानमंत्री-
ममता बनर्जी ने व्यंग्यात्मक अंदाज में प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुये कहा- "केंद्र में कई बंगाली कैडर के अधिकारी हैं। क्या मैं उन्हें बिना परामर्श के बुला सकती हूं, श्रीमान प्रधान मंत्री? श्रीमान व्यस्त प्रधान मंत्री? श्रीमान मन की बात प्रधान मंत्री?" बनर्जी ने कहा कि वे हमें इस तरह डरा नहीं सकते। उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर के हवाले से कहा कि बंगाल हमेशा अपना सिर ऊंचा रखते हुए आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा, "मोदी सरकार कोविड, कृषि आंदोलन और आर्थिक संकट से निपटने में विफल रही। जब वे पूरी तरह से विफल हो गए, तो वे अब मार्शल लॉ लगा रहे हैं। वे निरंकुश की तरह व्यवहार कर रहे हैं। हिटलर और स्टालिन से भी बदतर," उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद नौकरशाह असुरक्षा महसूस कर रहे हैं, लेकिन यह बंगाल पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं छोड़ेगा।
ममता ने कहा कि हमारे मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय आज सेवानिवृत्त हुए, वह अगले तीन साल तक मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र किसी अधिकारी को राज्य सरकार की सहमति के बिना जॉइन करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। ममता ने कहा कि केंद्र ने मेरे पत्र का जवाब दिया, मुख्य सचिव से कल 'नॉर्थ ब्लॉक' में कार्यभार संभालने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि बंगाल के मुख्य सचिव को केंद्र में बुलाए जाने की वजह का जिक्र मुझे भेजे गए पत्र में नहीं है।