Varun Gandhi news : BJP कार्यकारिणी से बाहर होने के बाद वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने का रास्ता साफ

Varun Gandhi news : कयासों का बाजार गर्म है कि जल्द ही वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी कांग्रेस में शामिल होंगे, इस बात को और ज्यादा बल आज मां-बेटे दोनों को भाजपा कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखाने से मिल गया है....

Update: 2021-10-07 10:16 GMT

वरुण और मेनका गांधी की जल्द ही कांग्रेस में शामिल होने के लग रहे हैं कयास

Varun Gandhi news। भाजपा सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) और उनकी मां मेनका गांधी को भारतीय जनता पार्टी की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी से आज 7 अक्टूबर को हटा दिया गया है, जिसके बाद दावा किया जा रहा है कि वह जल्द ही कांग्रेस ज्वाइन करेंगे। तमाम दिग्गज पत्रकार, भाजपा-कांग्रेस सूत्र और राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा दावा कर रहे हैं जल्द ही वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी कांग्रेस में शामिल होंगे और पूरा गांधी परिवार यूपी चुनावों से पहले भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा। कहा रहा है कि वरुण गांधी को भाजपा कार्यकारिणी से बाहर कर पार्टी हाइकमान ने उन्हें उनके बागी तेवरों की न सिर्फ सजा दी है, क्योंकि वह लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद लगातार मोदी और योगी सरकार पर हमलावर हो रहे हैं।

गौरतलब है कि यूपी के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में भाजपा सांसद वरुण गांधी ने लगातार ट्वीट कर किसानों को निशाना बनाए जाने को लेकर नाराजगी जताई थी। इतना ही नहीं वरुण ने वह वीडियो भी दो बार शेयर किया था, जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह प्रदर्शनकारी किसानों को गाड़ी से रौंदा गया था।

वरुण और मेनका गांधी के कांग्रेस ज्वाइन करने की आशंका जताते हुए आर्टिकल 19 के संपादक नवीन कुमार कहते हैं, 'मोदी को सत्ता से हटाने के लिए पांचों गांधी आ सकते हैं साथ। अगर ऐसा हुआ तो यूपी की सत्ता के सारे समीकरण बदल जाएंगे। प्रियंका गांधी के यूपी में मोर्चा खोलने के बाद वरुण गांधी दीदी की मदद को बेक़रार हैं।'

लखीमपुर खीरी हिंसा में आठ लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से चार किसान थे। इस हिंसा की शुरुआत तब हुई थी, जब एक काली SUV प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों को रौंदते हुए निकल गई, इसी का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर हुआ था और वरुण गांधी ने भी इसे शेयर कर नाराजगी व्यक्त की थी। वरुण गांधी ने वीडियो ट्वीट करते हुए गुरुवार 7 अक्टूबर को लिखा था कि निर्दोष किसानों का खून बहाने वालों का न्याय करना होगा।

वरुण गांधी ने वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया है, 'यह वीडियो बिल्कुल शीशे की तरह साफ है। प्रदर्शनकारियों का मर्डर करके उनको चुप नहीं करा सकते हैं। निर्दोष किसानों का खून बहाने की घटना के लिए जवाबदेही तय करनी होगी। हर किसान के दिमाग में उग्रता और निर्दयता की भावना घर करे इसके पहले उन्हें न्याय दिलाना होगा।'

इससे पहले भी पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने बुधवार 6 अक्टूबर को भी घटना का एक वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा था, 'लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ियों से जानबूझकर कुचलने का यह वीडियो किसी की भी आत्मा को झकझोर देगा। पुलिस इस वीडियो का संज्ञान लेकर इन गाड़ियों के मालिकों, इनमें बैठे लोगों और इस प्रकरण में संलिप्त अन्य व्यक्तियों को चिन्हित कर तत्काल गिरफ्तार करे।'

वरुण गांधी के कांग्रेस ज्वाइन करने की बात को इसलिए भी बल मिल रहा है, क्योंकि उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट के बायोडाटा से 'भाजपा' शब्द हटा दिया था। वरुण गांधी ने सोमवार 4 अक्टूबर की सुबह यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को पत्र ल‍िखकर लखीमपुर खीरी ह‍िंसा मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी और पीड़ितों के पर‍िवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की थी। इससे पहले योगी सरकार द्वारा गन्‍ने का रेट ₹350/क्विंटल घोषित करने पर बीजेपी सांसद ने प्रदेश सरकार का आभार प्रकट करते हुए कहा था क‍ि कृपया इस पर पुनर्विचार कर बढ़ती लागत और महंगाई के अनुरूप 400 रुपये का रेट घोषित करें।

भाजपा की जिस राष्ट्रीय कार्यसमिति से वरुण और उनकी मां मेनका गांधी को बाहर का रास्ता दिखाया गया है, वह बड़े मुद्दों पर पार्टी के कामकाज की रुपरेखा और एजेंडा तय करती है इसलिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह एक तरह से भाजपा की सर्वोच्च नीति निर्धारक समिति है। इस बार भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की तरफ से घोषित पार्टी की नई कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत 80 नेताओं को सदस्य मनोनीत किया गया है। इन नियमित सदस्यों के अलावा कार्यसमिति में 50 विशेष आमंत्रित सदस्य और 179 स्थायी आमंत्रित सदस्य (पदेन) भी होंगे, जिनमें मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, विधायक दल के नेता, पूर्व उपमुख्यमंत्री, राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रीय मोर्चा अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री संगठन और संगठक शामिल हैं।

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