JDU ने मालेगांव विस्फोट के आरोपी रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय को बैरिया से मैदान में उतारा, पहले भी लड़ चुके हैं चुनाव

साल 2008 मालेगांव बम विस्फोट के आरोपी सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय जेडीयू के टिकट पर 2012 में बैरिया सीट से चुनाव लड़ चुके हैं।

Update: 2022-01-27 04:02 GMT

लखनऊ। बिहार में भाजपा के साथ सरकार बनाने वाली नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ( JDU ) ने यूपी में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। इस योजना के तहत जेडीयू ने 2008 मालेगांव बम विस्फोट ( Malegaon Bomb Blast ) के आरोपी सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय ( Retired Major Ramesh Upadhyay )  को बैरिया ( Bairia ) सीट से मैदान में उतारा है। उपाध्याय 2 साल पहले जेडीयू में शामिल हुए थे। उन्हें पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ का राज्य संयोजक नियुक्त किया गया था। उनका नियुक्ति पत्र यूपी जेडीयू प्रमुख अनूप सिंह पटेल ने जारी किया था।

रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय ( Retired Major Ramesh Upadhyay ) ने जिन्होंने 2012 में हिंदू महासभा के टिकट पर बैरिया सीट से ही चुनाव लड़ा था। जेडीयू से टिकट मिलने के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि वह इस बार चुनाव जीतेंगे। मैं पिछली बार चुनाव हार गया था, क्योंकि मैं चुनाव के समय जेल में था। इस बार मेरे पास जो भी संसाधन हैं, मैं उसके दम पर दमदार प्रचार करूंगा। रमेश उपाध्याय ने 2019 में बलिया लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और हार गए थे।

महाराष्ट्र एटीएस ने किया था गिरफ्तार

साल 2008 मालेगांव विस्फोट ( Malegaon Bomb Blast ) मामले में भोपाल भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित के साथ रमेश उपाध्याय को भी महाराष्ट्र एटीएस ने उनकी कथित भूमिका के आरोप में गिरफ्तार किया था। हालांकि, उन्हें 2017 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

2012 में अदालत से लेनी पड़ी थी इजाजत

2012 चुनाव के दौरान उपाध्याय ( Retired Major Ramesh Upadhyay ) को चुनाव लड़ने के लिए अदालत से अनुमति लेनी पड़ी थी। इस बार वो जमानत पर हैं। इसलिए उन्हें चुनाव लड़ने के लिए इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। इस मामले में मामले में मुकदमा अभी भी मुंबई में विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( एनआईए ) अदालत में चल रहा है। इस केस में एनआईए द्वारा 200 से अधिक गवाह पेश किए जा चुके हैं।

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