इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये चंदा देने वाले नामों की घोषणा करने वाली देश की पहली पार्टी बनी झारखंड मुक्ति मोर्चा
एडीआर ने कहा है कि इससे यह सवाल उठता है कि क्या राजनीतिक दलों को दान देने वालों की पहचान की जानकारी है, जिन्होंने उसे चुनावी बॉन्ड के जरिये योगदान दिया है, जैसा कि इस मामले में देखा जा सकता है.....
जनज्वार डेस्क। भारतीय राजनीति में चुनावी हमेशा से एक मुद्दा रहा है जिसपर बात करते हुए राजनीतिक पार्टियां और नेता बचते हुए नजर आते हैं। लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा देश की पहली ऐसी पार्टी बन गयी है जिसने चुनावी बॉन्ड्स के जरिए चन्दा (डोनेशन) देने वाले नामों की घोषणा की है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के हवाले से यह बात सामने आई है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2019-20 में पार्टी को योगदान संबंधी रिपोर्ट में एक करोड़ रुपये के चंदे की घोषणा की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक झामुमो को यह चन्दा एल्युमिनियम एवं तांबा विनिर्माता कंपनी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिडेट ने यह चंदा दिया। रिपोर्ट के अनुसार, हिंडाल्को आदित्य बिड़ला ग्रुप की सहायक कंपनी है। देश के अन्य हिस्सों के साथ झारखंड के मुरी में इसकी एल्युमिना रिफाइनरी है।
रिपोर्ट के मुताबिक झामुमो का यह चंदा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के कोर्ट कंपाउंड ब्रांच से जारी बॉन्ड नंबर 'AAACH1201R' से मिला। रिपोर्ट में एडीआर ने कहा कि वर्ष 2019-20 में राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को आय का सामान्य एवं लोकप्रिय स्रोत चुनावी बॉन्ड के जरिये चंदा रहा। पिछले दो वर्षों में यह दलों को चंदे के लोकप्रिय माध्यम के रूप में उभरा है।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 'यह ध्यान देने की बात है कि झामुमो पार्टी ने वर्ष 2019-20 में पार्टी को योगदान संबंधी रिपोर्ट में चंदा देने वाले के नामों की घोषणा की, जिन्होंने उसे चुनावी बॉन्ड के जरिये एक करोड़ रुपये दिया। हालांकि पार्टी ने वित्त वर्ष 2019-20 की ऑडिट रिपोर्ट में चुनावी बॉन्ड के जरिये इस आय की घोषणा नहीं की थी।'
एडीआर ने कहा है कि इससे यह सवाल उठता है कि क्या राजनीतिक दलों को दान देने वालों की पहचान की जानकारी है, जिन्होंने उसे चुनावी बॉन्ड के जरिये योगदान दिया है, जैसा कि इस मामले में देखा जा सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी को इसके बारे में तब पता चला जब हिंडाल्को ने चंदे की रसीद मांगने के लिए हमसे संपर्क किया। भट्टाचार्य ने कहा, 'चूंकि हमने उन्हें एक रसीद दी है, इसलिए हमने अपनी रिपोर्ट में चुनाव आयोग को नाम का भी खुलासा किया है। भाजपा जैसी पार्टियां भले ही चंदा देने वालों का ब्योरा नहीं दे रही हों, लेकिन हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2019-20 में 19 राजनीतिक दलों को कुल आय 312.37 करोड़ रुपये का 50 प्रतिशत से अधिक चंदा चुनावी बॉन्ड के जरिये प्राप्त हुआ और इसके दानदाताओं की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2109-20 में 3,429.56 करोड़ रुपये का चुनावी बॉन्ड दलों द्वारा भुनाए गए।