Harnath Singh Yadav News: 'स्कूलों में पढ़ाया जाए भारत-पाक बंटवारे का दंश', बीजेपी राजयसभा सांसद ने पत्र लिख पीएम मोदी से की अपील

Harnath Singh Yadav News: बीजेपी के राजयसभा सांसद हरनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखते हुए उनसे ये मांग की है कि विभीषिका स्मृति दिवस को इतिहास के पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाना चाहिए...

Update: 2022-08-16 09:45 GMT

'स्कूलों में पढ़ाया जाए भारत-पाक बंटवारे का दंश', बीजेपी राजयसभा सांसद ने पत्र लिख पीएम मोदी से की अपील

Harnath Singh Yadav News: बीजेपी के राजयसभा सांसद हरनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखते हुए उनसे ये मांग की है कि विभीषिका स्मृति दिवस को इतिहास के पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाना चाहिए। राज्यसभा सांसद ने अपने पत्र में यह कहा है कि आने वाली सभी पीढ़ियों को यह पता होना चाहिए कि विभाजन के दौरान क्या हुआ था और उन सभी स्तिथियों के लिए कौन जिम्मेदार थे। हरनाथ सिंह ने पीएम मोदी जी से अपील की है कि इस विषय को पाठ्यक्रम में जोड़ा जाना चाहिए।

विभाजन भारत की सबसे क्रूरतापूर्ण घटना

बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह ने पत्र लिखते हुए पीएम मोदी से कहा, भारत विभाजन की विभीषिका मेरे ज्ञान के अनुसार भारत की सबसे क्रूरतापूर्ण घटना थी। इस घटना में लगभग 10 लाख लोगों की जान गई थी और करीब 70 लाख लोगों को अपने घर, जमीन और जायदाद छोड़नी पड़ी। हजारों माताओं-बहनों की इज्जत लूटी गई।

आने वाली पीढ़ियों को इतिहास पढ़ना जरुरी

बीजेपी सांसद ने आगे कहा इतिहास को याद रखने से भविष्य के लिए अतीत की गलतियों को पुनः न दोहराने की सीख मिलती है। जो व्यक्ति समाज के इतिहास की गलतियों से सीख नहीं लेते, उन्हें बाद में पछताना पड़ता है। विभाजन के पीछे की पृष्ठभूमि क्या थी। विभाजन किन लोगों ने झेला। उसकी क्या हकीकत थी। इसके लिए उत्तरदायी कौन थे। विभाजन विभीषिका दिवस के लिए कोई सटीक जानकारी वाला साहित्य उपलब्ध नहीं है।

विभाजन का सम्पूर्ण चित्रण

हरनाथ सिंह ने अपने पत्र के माध्यम से पीएम मोदी से मांग कि, मेरी दृष्टि में विश्व की सर्वाधिक क्रूरतम घटना का प्रामाणिक ज्ञान आने वाली पीढ़ी को होना चाहिए। यह तभी संभव होगा जब विभाजन विभीषिका दिवस का संपूर्ण चित्र इतिहास के पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा और बच्चों को पढ़ाया जाएगा। प्रधानमंत्री जी, मैं आपसे निवेदन करता हूं कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस ही नहीं बल्कि इसका संपूर्ण चित्र, इतिहास के पाठ्यक्रम में जोड़ने पर विचार करें। 

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