महिला आरक्षण पर शरद पवार के बिगड़े बोल, उत्तर भारतीयों और कांग्रेस की मानसिकता पर उठाए सवाल
Women reservatgion : पुणे में डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में महिला आरक्षण ( Women reservation ) विधेयक से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए शरद पवार ( Sharad pawar ) ने कहा कि इस दिशा में सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है।
Women reservatgion : लोकसभा चुनाव डेढ़ साल बाद होना प्रस्तावित है, लेकिन वोट बैंक की राजनीति उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम भारत तक गोलबंदी के काम में सभी दलों के नेता अभी से जुट गए हैं। इसी क्रम में महिला वोट बैंक को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार ( Sharad Pawar ) का ताजा बयान सुख्रियों में हैं। उन्होंने कहा है कि उत्तर भारत ( North Indian ) और संसद की मानसिकता अभी भी लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण ( women reservation ) देने के अनुकूल नहीं है। उन्हीं की वजह से महिला आरक्षण बिल अभी तक पेंडिंग हैं। उनके इस बयान से साफ है कि वो अपने इस बयान के जरिए महिला मतदाताओं को एनसीपी ( NCP ) के पक्ष में करने में जुट गए हैं।
पुणे में डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में महिला आरक्षण ( women reservation ) विधेयक से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ( Sharad Pawar ) ने कहा कि लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करना है। इस विधेयक को अभी भी संसद में पारित किया जाना बाकी है। शरद पवार ने कहा कि वह इस मुद्दे पर संसद में तब से बोल रहे हैं जब से वह कांग्रेस ( Congress ) के लोकसभा सदस्य थे।
एक बार एनसीपी के सांसद भी हो गए थे नाराज
एनसीपी प्रमुख ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को लेकर संसद की मानसिकता विशेष रूप से उत्तर भारत की अनुकूल नहीं रही है। मुझे याद है कि जब मैं कांग्रेस का लोकसभा सदस्य था तो मैं संसद में महिलाओं के लिए आरक्षण के मुद्दे पर बात करता था। एक बार अपना भाषण पूरा करने के बाद मैं पीछे मुड़ा और देखा कि मेरी पार्टी के अधिकांश सांसद उठकर चले गए। इसका मतलब है कि मेरी पार्टी के लोगों के लिए भी यह पचने योग्य नहीं था। इस दिशा में सभी दलों को विधेयक को पारित कराने के लिए गंभीरता से प्रयास करने की जरूरत है।
स्थानीय निकायों में माहिला आरक्षण के मसले पर भी हुआ था विरोध
सीएम शरद पवार ( Sharad Pawar ) ने कहा कि जब मैं महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री था तो जिला परिषद और पंचायत समिति जैसे स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण ( women reservation ) की शुरुआत की थी। शुरू में इसका विरोध किया हुआ लेकिन धीरे-धीरे सभी ने उसे स्वीकार कर लिया।