उत्तराखण्ड में कई और भर्ती परीक्षाओं पर भी लटकी तलवार, 4 साल से कर रहा था आयोग का गिरफ्तार अधिकारी खेला

Bharti Scam in Uttarakhand : उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से आठ जनवरी को आयोजित की गई पटवारी परीक्षा में पेपर लीक का भंडाफोड़ होने के बाद 12 जनवरी को पांच लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही इस परीक्षा को निरस्त करने की घोषणा की जा चुकी है, जिसके बाद अब दोबारा से यह परीक्षा 12 फरवरी को होगी....

Update: 2023-01-13 14:30 GMT

उत्तराखण्ड पटवारी परीक्षा भर्ती पेपरलीक मामले में आयोग के अधिकारी समेत 4 गिरफ्तार, 22.50 लाख की नगदी हुई बरामद

Bharti Scam in Uttarakhand :  प्रदेश के युवाओं के लिए पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद स्थगित की गई भर्ती परीक्षा की खराब खबर के बाद अभी कुछ और भर्ती परीक्षाओं के निरस्त होने की बुरी खबर आ सकती है। पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद जांच कर रही एजेंसी एसटीएफ के सामने कम से तीन और परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने की पुख्ता जानकारी है। पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कांड में गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के बाद कई अहम खुलासे तो हो चुके हैं। कुछ खुलासे होना बाकी हैं।

मालूम ही है कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से आठ जनवरी को आयोजित की गई पटवारी परीक्षा में पेपर लीक का भंडाफोड़ होने के बाद 12 जनवरी को पांच लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही इस परीक्षा को निरस्त करने की घोषणा की जा चुकी है, जिसके बाद अब दोबारा से यह परीक्षा 12 फरवरी को होगी।

स्थगित की गई परीक्षा इस दिन कराने के लिए पूर्व में इसी 12 फरवरी को प्रस्तावित सहायक लेखाकार परीक्षा की तिथि को भी बदलकर एक सप्ताह आगे 19 फरवरी को आयोजित करने का निर्णय लिया जा चुका है, लेकिन पटवारी परीक्षा घोटाले में मुख्य आरोपी लोक सेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव प्रकाश चतुर्वेदी के बारे में यह जानकारी मिलने के बाद कि वह लोकसेवा आयोग में रहकर वर्ष 2018 से भर्तियों में खेल करता आ रहा है, के बाद कई अन्य भर्ती परीक्षाएं भी जांच की तपिश में आ गई हैं। फिलहाल एसटीएफ की जांच में लेखपाल-पटवारी भर्ती के अलावा तीन अन्य भर्तियों के पेपर लीक कर बेचने की पुष्टि हो चुकी है।

एसटीएफ की जांच में जेई, एई और प्रवक्ता भर्तियों में भी पेपर लीक का खेल खेलने की पुष्टि हुई है। इनके पेपर के लिए संजीव ने 30 से 50 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी लिए हैं। इसका मतलब है कि आरोपी ने सिर्फ आठ जनवरी का ही पेपर लीक नहीं कराया था, बल्कि यह काम वह बीते चार साल से करता आ रहा है। पुलिस की हिरासत में पूछताछ के दौरान उसने फिलहाल तीन भर्तियों के नाम लिए। इनमें अवर अभियंता (जेई), सहायक अभियंता (एई) और प्रवक्ता भर्ती शामिल है। यह भर्तियां आयोग ने वर्ष 2021 में निकाली थीं। इनके रिजल्ट आ चुके हैं। एसटीएफ अब इन अभ्यर्थियों तक भी पहुंचने का प्रयास कर रही है। माना जा रहा है कि इन भर्तियों में शामिल हुए नकलची अभ्यर्थियों के रिजल्ट भी रद्द करा दिए जाएंगे।

एसटीएफ ने अब तक पेपरलीक होने के लाभार्थी अभ्यर्थियों की संख्या की भी तस्दीक कर ली है। जेई भर्ती में तीन अभ्यर्थियों ने पेपर खरीदकर परीक्षा दी थी। एई के लिए पांच अभ्यर्थियों ने पेपर खरीदा था। प्रवक्ता पद के लिए अब तक एसटीएफ तीन अभ्यर्थियों के नामों की पुष्टि कर चुकी है। लेकिन बताया यह भी जा रहा है कि यह संख्या अंतिम शायद ही हो। इनकी संख्या और भी हो सकती है। यदि संख्या ज्यादा हुई तो यह परीक्षा पास कर चुके सभी अभ्यर्थियों के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा, क्योंकि ऐसी सूरत में एसटीएफ इन परीक्षाओं को रद्द करने के लिए भी पत्र भेज सकती है।

वैसे एसटीएफ को अभी तक की पूछताछ में केवल 2021 में तीन भर्तियों पर दाग लगे होने का पता चला है। लेकिन मामले की जांच के दौरान ऐसे चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आ सकते हैं, जिनसे कुछ और परीक्षाओं पर भी इसी तरह से दाग की पुष्टि हो सके। इसीलिए ऐसी संभावनाओं की पुष्टि के लिए 2018 से अब तक की सभी परीक्षाओं की जांच भी की जा रही है। जिसके चलते एसटीएफ आयोग के अधिकारियों से संपर्क कर सभी का विवरण जुटा रही है।

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