मोदी को 2024 में टक्कर देने के लिए तीसरे मोर्चे ने कसी कमर, मगर आज हो रही अहम बैठक में कांग्रेस किनारे!

राष्ट्र मंच के बैनर चले एनसीपी चीफ के आवास पर विभिन्न राजनीतिक दलों की बैठक होगी, जहां तीसरे मोर्चे के एकजुट होने की संभावनाओं पर होगा विमर्श...

Update: 2021-06-22 02:45 GMT
(पूर्व रक्षामंत्री शरद पवार ने किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार को सलाह दी है) file pic.

दिल्ली। देश में आम चुनाव भले ही दूर हो, लेकिन विपक्ष अभी से ही सरकार के खिलाफ घेराबंदी में जुट गया है। इसके तहत आज यानी मंगलवार 22 जून को तीसरे मोर्चे की अहम बैठक होने वाली है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार इस बैठक का नेतृत्व करेंगे। इसमें आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, आरजेडी समेत कई राजनीतिक दलों के शामिल होने की उम्मीद है, मगर इस मोर्चे में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस शामिल नहीं है।

माना जा रहा है कि अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 में होने वाले आम चुनाव को लेकर सरकार और बीजेपी के खिलाफ विभिन्न दल एकजुट होने के लिए मंथन करेंगे।

राजनीतिक विश्लेषकों की राय में भाजपा और गैर कांग्रेसी पार्टियां मिलकर 2024 में मोदी के सामने एक कठिन चुनौती देना चाहते है।। राज्यों में कमजोर पड़ती कांग्रेस और चुनाव में क्षेत्रीय दलों से ही मुकाबले के चलते विपक्ष के बाकी दलों का उससे मोहभंग हो रहा है इसलिए तीसरे मोर्चे की कवायद तेज हुयी है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर होने वाली आज की बैठक में कांग्रेस को नहीं बुलाया गया है।

इस बैठक में हिस्सा लेने वाले दलों का मानना है कि जनता में कांग्रेस के प्रति भारी नाराजगी है, जिसको देखते हुए उसे इस गठबंधन का हिस्सा नहीं बनाया गया है। हालांकि अंदरखाने खबर यह भी है कि कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी, नवीन पटनायक जैसे नेता इसमें शामिल हो सकते हैं।

राष्ट्र मंच के बैनर तले मीटिंग

एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर होने वाली ये बैठक राष्ट्र मंच के बैनर तले आयोजित होने की संभावना है। राष्ट्र मंच एक राजनीतिक कार्रवाई समूह है, जिसका गठन पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा ने मिलकर 2018 में किया था। इस बैठक में ऐसे राजनीतिक पार्टियों के भी सामने होने की उम्मीद है, जो अब तक इस मंच से नहीं जुड़े हैं। और ये पहला मौका होगा जब एनसीपी अध्यक्ष इस तरह की बैठक का नेतृत्व करेंगे।

दरअसल पश्चिम बंगाल के चुनावी नतीजे और ममता बनर्जी की जीत से विपक्षी दलों के हौसले बुलंद हैं। वही राजनीतिक रणनीतिकारों का मानना है कि अगर विभिन्न दल अपने मतांतर को छोड़कर साथ आय़े तो बीजेपी को रोका जा सकता है।

प्रशांत किशोर ने की थी शरद पवार से मुलाकात

बीजेपी के खिलाफ तीसरे मोर्चे की बात राजनीतिक रणनीतिकार करते रहे हैं। वहीं ममता बनर्जी के रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने एनसीपी चीफ शरद पवार से मुलाकात की थी। प्रशांत किशोर ने सोमवार 21 जून को भी शरद पवार से भेंट की थी। दस दिनों में ये दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले 11 जून को दोनों की मुलाकात मुंबई में शरद पवार के आवास पर हुई थी, जहां तीन घंटे तक दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई।

चुनावी रणनीतिकार के तौर पर प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी और तमिलनाडु में द्रमुक के लिए काम किया था। और दोनों ही पार्टियों ने जीत दर्ज की। हालांकि इसके बाद प्रशांत किशोर ने किसी पार्टी के लिए चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम नहीं करने की बात कही है। वहीं जून महीने में दोनों के बीच दो बार बातचीत हुई, जिसके बाद आज बैठक बुलाई गयी है।

Tags:    

Similar News