UP Election 2022 : सपा के बागी MLA को BJP ने बनाया उम्मीदवार, 37 साल बाद चुनाव से डिप्टी स्पीकर बने नितिन अग्रवाल

UP Election 2022 : नितिन अग्रवाल पूर्व मंत्री नरेश अग्रवाल के बेटे हैं। 2008 में नरेश अग्रवाल सपा छोड़ बसपा में चले गए थे और हरदोई सदर की सीट अपने पुत्र नितिन अग्रवाल को सौंप दी थी...

Update: 2021-10-19 03:08 GMT

(लड्डू बांटकर जीत की खुशी मनाते हृदयनारायण दीक्षित और नितिन अग्रवाल)

UP Election 2022 (जनज्वार) : पॉलिटिक्स में कोई किसी का न अपना होता है और ना ही सगा। समय दर समय यह देखने को भी मिलता रहता है। कल रविवार उत्तर प्रदेश विधानसभा में हुआ डिप्टी स्पीकर पद का चुनाव में एक बार फिर दलबदल और टूट देखने को मिली। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे नरेश अग्रवाल के सुपुत्र नितिन अग्रवाल को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था। नितिन अग्रवाल को कुल 304 वोट मिले।

भाजपा समर्थित सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल ने यूपी विधानसभा के डिप्टी स्पीकर पद का चुनाव जीत लिया है। उन्हें 304 वोट मिले। जबकि उनके प्रतिद्वंदी सपा से महमूदाबाद सीट से विधायक नरेंद्र सिंह वर्मा को 60 वोट मिले। सुबह 11 बजे से 3 बजे तक कुल 368 वोट पड़े थे। चार वोट इनवैलिड निकले। डिप्टी स्पीकर के चुनाव के लिए सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था।

गौरतलब है कि, यूपी में यह पद 2007 से खाली चल रहा था। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे राजेश अग्रवाल 2007 में आखिरी डिप्टी स्पीकर थे। वहीं, आज 1984 का इतिहास भी दोहराया गया। तत्कालीन सरकार में वोटिंग के जरिए डिप्टी स्पीकर चुना गया था।

कांग्रेस का वोटिंग से बहिष्कार

सदन की कार्यवाही 11 बजे शुरू हुई, जो हंगामेदार रही। सत्र की शुरुआत में सपा नेता राम गोविंद चौधरी ने डिप्टी स्पीकर के चुनाव का विरोध किया। वहीं, कांग्रेस ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया। इसके लिए सुबह 11 बजे से 3 बजे तक वोटिंग हुई। बागी विधायक राकेश सिंह, अदिति सिंह ने पार्टी लाइन से इतर जाकर वोटिंग की है। इसका कांग्रेस ने विरोध किया है। वहीं, बसपा के तीन बागी विधायकों ने भी वोटिंग किया है।

2022 के चुनाव की तस्वीर हुई साफ-योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'विपक्ष के द्वारा यह प्रस्ताव पहले दे दिया गया होता तो अच्छा होता। मैं जानता हूं कि यह कहेंगे कि चुनाव में गड़बड़ी हुई। जब लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में फैसला आता है। तो ईद ईवीएम को दोषी ठहराते हैं। मुझे लगता है कि 2022 विधानसभा चुनाव की तस्वीर भी सामने आ चुकी है। बहुत शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव पूर्ण हुआ है। मैं देख रहा था। सुबह से विपक्ष के नेताओं को मालूम था कि यहां परिणाम क्या होने जा रहा है? 2022 में भी परिणाम क्या होने जा रहा है।'

हरदोई सदर से विधायक हैं नितिन अग्रवाल

नए डिप्टी स्पीकर नितिन अग्रवाल पूर्व मंत्री नरेश अग्रवाल के बेटे हैं। 2008 में नरेश अग्रवाल सपा छोड़ बसपा में चले गए थे और हरदोई सदर की सीट अपने पुत्र नितिन अग्रवाल को सौंप दी थी। उपचुनाव में बसपा से नितिन अग्रवाल 65,533 वोट पाकर विधायक बने थे। नए विधानसभा के परिसीमन के बाद 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले दिसंबर 2011 में नरेश अग्रवाल फिर सपा में आ गए और 2012 में नितिन अग्रवाल को सपा ने उम्मीदवार बनाया तो उन्होंने 1,10,063 मत हासिल कर रिकार्ड जीत हासिल की थी। 2017 में समाजवादी पार्टी ने फिर नितिन अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया और भाजपा के राजबक्श सिंह को हराया था।

विधानसभा अध्यक्ष ने खारिज की सपा की याचिका

लेकिन पिता नरेश अग्रवाल भाजपा में चले गए तो बेटे का भी झुकाव उसी ओर हो गया। सपा ने उनके बागी होने की स्थिति में दलबदल कानून के तहत नितिन की सदस्यता रद्द करने की याचिका विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के समक्ष दायर की। लेकिन अध्यक्ष ने सपा की याचिका खारिज कर दी थी। याचिका खारिज होने के बाद ही भाजपा ने अब नितिन अग्रवाल को विधानसभा उपाध्यक्ष पद बनाने का फैसला लिया। क्योंकि बीते 5 साल में सपा से आए नरेश अग्रवाल को भी भाजपा में कुछ हासिल नहीं हुआ। वे अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इधर विधानसभा चुनाव निकट है, ऐसे में भाजपा नितिन के जरिए नरेश अग्रवाल की नाराजगी को दूर करने के साथ वैश्य वोटों को साधने का प्रयास किया है।

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