Punjab Assembly Election Results 2022 : 30 साल में पहली बार "बादल परिवार" का एक भी सदस्य नहीं होगा पंजाब विधानसभा में

Punjab Assembly Election Results 2022 : 30 साल में पहली बार "बादल परिवार" का एक भी सदस्य नहीं होगा पंजाब विधानसभा में

Update: 2022-03-12 12:38 GMT

prakash singh badal family

Punjab Assembly Election Results 2022 : पंजाब विधानसभा चुनावों (Punjab Assembly Polls) के 2022 का परणाम आने के बाद अब मुख्यमंत्री की कमान आम आदमी पार्टी (AAP) के भगवंत मान (Bhagwant Mann) संभालने जा रहे है। उनके शपथ ग्रहण की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। जल्द ही पंजाब विधानसभा के लिए चुने जाने वाले विधायकों का शपथ ग्रहण भी होगा। पर 30 सालों बाद ऐसा पहली बार होगा कि नई पंजाब विधानसभा में पहली बार पंजाब के दिग्गज प्रकाश सिंह बादल के परिवार का कोई भी सदस्य नहीं होगा। इस बार के विधानसभा चुनाव परिणामों में उनके परिवार से जुड़ा कोई भी सदस्य विधायक के रूप में नहीं चुना गया है।

ऐसा इससे पहले 30 साल पूर्व वर्ष 1992 में हुआ था, जब प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) की पार्टी शिरोमणी अकाली दल ने विधानसभा चुनावों का बहिष्कार कर दिया था। इस कारण उनके परिवार का कोई भी सदस्य विधानसभा के लिए नहीं चुना जा सका था।

पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके शिरोमणी अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे एवं पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल दोनों ऐसी सीटों पर आप के उम्मीदवारों से चुनाव हार गए हैं जो अकालियों का गढ़ माने जाते है। सुखबीर सिंह बादल के चचेरे भाई और पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल अपनी सीट हार गए हैं। वहीं बिक्रम​ सिंह मजीठिया जो सुखबीर बादल के साले लगते हैं उन्हें भी 10 मार्च को आए विधानसभा चुनाव परिणामों में हार का मुंह देखना पड़ा है। हालांकि बिक्रम सिंह मजीठिया की पत्नी ज्ञानीव कौर अपने पति की पुरानी सीट मजीठा विधानसभा से जीतकर इसबार भी विधानसभा पहुंचीं है। प्रकाश सिंह बादल के साले अदैश प्रताप सिंह कैरों भी तरण तारण की पट्टी विधानसभा की अपनी सीट गंवा बैठे हैं।

इस बार के पंजाब के चुनाव परिणामों में विधानसभा की 117 सीटों में से 92 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी ने एक नया इतिहास रच दिया है। आप की इस आंधी में शिरोमणी अकाली दल जिसने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा ​था इस बार के चुनाव परिणामों सिर्फ 4 सीटों पर सिमट कर गयी है। वहीं, केवल 18 सीटें जीतकर कांग्रेस भी सत्ता से बेदखल हो गयी है। 

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