History of Bulldozer : क्या है बुल्डोजर का इतिहास? जानिए शुरुआत से लेकर अबतक 'बुल्डोजर' के सफर की पूरी कहानी
History of Bulldozer : जब भी बुल्डोजर की चर्चा होती है तो हमारे दिमाग में पीले रंग के एक विशालकाय मशीन का चित्र उभरता है। जिसके आगे पीछे कई धातु के हिस्से लगे होते हैं। इसे हाइड्रॉलिक (Hydraulic) के इस्तेमाल से प्रयोग किया जाता है...
History of Bulldozer : हमारे देश की राजनीति में इन दिनों बुलडोजर (Buldozer) छाया हुआ है। भाजपा (BJP) शासित राज्यों में बुल्डोजर के इस्तेमाल पर खासी चर्चा हो रही है। यूपी विधानसभा चुनावों 2022 (UP Assembly Elections 2022) से पहले देश की राजनीतिक पटल पर जिस बुल्डोजर का उभार हुआ वह अब और भी ज्यादा चर्चा में। यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) ने बाहुबलियों के खिलाफ बुल्डोजर चलाने का जो सिलसिला शुरू किया था वह अब मध्य प्रदेश के खारगोन (Khargone) तक पहुंच चुका है। मध्य प्रदेश में बीते 10 अप्रैल को रामनवमी (Khargone) के मौके पर दो समुदायों के बीच पथराव और झड़प की खबरें आयी थी।
इस तनाव से निपटने के लिए प्रशासन ने यूपी के मुख्यमंत्री (UP Chief Minister) की आइडिया को कॉपी कर लिया, और दोषियों के घरों पर बुल्डोजर चलाने का फैसला ले लिया गया। पुलिस के अनुसार सिर्फ दोषियों के अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। लेकिन मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojna) के तहत बने घरों को भी बुल्डोजर का निशाना बनना पड़ा है।
अब मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने यह बयान दिया है कि प्रदेश में सभी जाति (Caste) और धर्मों (Religion) के लोग सुरक्षित हैं पर जो दोषी होंगे उन्हें कतई बख्शा नहीं जाएगा। मतलब उनके घर बुल्डोजर का निशाना बनते रहेंगे, हालांकि मुख्यमंत्री जी ने यह साफ नहीं किया है कि यह सब किस कानून के तहत होगा?
सत्ताधारी दल का बेशुमार प्यार मिल रहा बुल्डोजर को
क्या हमारे संविधान में ऐसा कोई प्रावधान है कि बिना कोर्ट में दोष साबित हुए किसी का घर बुल्डोजर से ढाह दिया जाए। खैर ये तो थी राजनीतिक बातें। राजनेता अपनी सुविधा अनुसार सही और गलत का भेद मिटाने के रास्ते खोज लेते हैं और प्रशासन उन्हें अमलीजाना पहनाने में जुट जाता है। कुल मिलाकर बुल्डोजर का इस्तेमाल अभी हमारे देश की राजनीतिक में आगे भी देखने को मिल सकता है। आइए जानते हैं कि आखिर यह बुल्डोजर किस बला का नाम है, जिसे देश की सत्ताधारी पार्टी का बेशुमार प्यार मिल रहा है।
जब भी बुल्डोजर की चर्चा होती है तो हमारे दिमाग में पीले रंग के एक विशालकाय मशीन का चित्र उभरता है। जिसके आगे पीछे कई धातु के हिस्से लगे होते हैं। इसे हाइड्रॉलिक (Hydraulic) के इस्तेमाल से प्रयोग किया जाता है। जहां-जहां निर्माण कार्य होते हैं हमें बुल्डोजर के दर्शन हो ही जाते हैं। आइए जानते हैं इस मशीन के इतिहास के बारें में।
कुछ इतिहासकार मानते हैं कि बुल्डोजर का अविष्कार पहली बार एक अमेरिकन बेंजामिन होल्ट ने साल 1904 में किया था। हालांकि कुछ इतिहासकार इसे सही नहीं मानते हैं जो इसका विरोध करते हैं उनका तर्क है कि होल्ट ने वास्तव में जिस मशीन को बनाया था वह बुलडोजर जैसा दिखता जरूर था पर वास्तव में वह एक कैटरपिलर था, जो जरूरत के हिसाब से अधिक उपयोगी नहीं था।
दुनिया के सामने पहली बार कब आया बुल्डोजर?
असल में बुल्डोजर को साल 1923 में जेम्स कमिंग्स और जेएल मेकलॉयड नाम के व्यक्ति ने बनाया था। उन्होंने एक विशाल धातु की ब्लेड बनायी और इसे एक ट्रैक्टर के आगे लगा दिया। इसे टैक्टर के आगे लगाकर आसानी से खेतों में मिट्टी और खरपतवार हटाए जा सकते थे। मिट्टी के बड़े-बड़े टुकड़ों पर प्रहार कर इसे तोड़ा भी जा सकता था। कमिंग्स और मैक्लॉयड के इस अविष्कार को अटैचमैंट ऑफ ट्रैक्टर्स के नाम से साल 1925 में पेटेंट किया गया था। निर्माण कार्यों और खेती के कार्यों में मशीन बहुत उपयोगी साबित हुआ था। आगे चलकर इस मशीन में कई और सुधार किए गए।
बुल्डोजर का राजनीतिक कनेक्शन अमेरिका से भी है
बुल्डोज शब्द का अर्थ होता है असरकारक भोजन या प्रभावशाली दमन। इस शब्द का पहली बार चलन अमेरिका में शुरू हुआ 1880 के दशक में। सैक सार्जेंट और माइकल अलविस की लिखी किताब Bulldozers के अनुसार बुल्डोज का इस्तेमाल अमेरिका में 1880 के दशक में विरोधियों की आवाज प्रभावशाली या दमनकारी तरीके से दबाने या उनसे अपनी इच्छा के अनुसार काम करवाने के लिए मजबूर करने के लिए किया जाता था। 17वीं शताब्दी के आखिर तक यह शब्द किसी पर अपना अधिपत्य स्थापित करने के प्रतीक के रूप में उभर सामने आ गया।
द्वितीय विश्वयुद्ध में ब्रिटिश सैनिकों ने बुल्डोजर का इस्तेमाल कर लोगों की जानें बचाईं
बताया जाता है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान बुल्डोजर का इस्तेमाल लड़ाई के मैदान में भी किया गया। इसके लिए बैटल इंजीनियरिंग का सहारा लेकर बुल्डोजर को सैन्य उपयोग के लिए सक्षम बनाया गया। आपको बता दें कि जब अप्रैल 1945 में जर्मनी की फौजों ने पूरी तरह से मित्र राष्ट्रों की सेना के सामने समर्पण कर दिया उसके बाद ब्रिटिश सेना की 11 आर्मर डिविजन ने बुल्डोजर का इस्तेमाल कर जर्मनी के बेल्सन कंसंट्रेशन कैंप्स को ध्वस्त किया था। इस दौरान ब्रिटिश सैनिकों को बेल्सन कंसेंट्रेशन कैंप में 60 हजार लोग कैद मिले थे जिनमें अधिकतर बीमार थे। ब्रिटिश सेनिकों के अभियान के बाद इन्हें कैंप से बाहर निकाला जा सका था।