पूर्व IPS ने राहुल गांधी के लिए मांगी SPG सुरक्षा, कहा इंदिरा और राजीव चढ़े थे सुरक्षा कमियों की भेंट
Rahul Gandhi : गांधी जी-इंदिरा जी और राजीव गांधी को देश ने राजनीतिक हत्याओं की भेंट चढ़ते भुगता है, तीनों त्रासदी रोकी जा सकती थीं, लेकिन घटना उपरांत जांच में पर्याप्त इंटेलिजेंस के बावजूद तमाम सुरक्षा कमियां सामने आईं...
Rahul Gandhi : राहुल गांधी की सुरक्षा व्यवस्था पर भारत जोड़ो यात्रा के बीच तमाम सवाल उठ रहे हैं, ऐसे में पूर्व आईपीएस वीएन राय ने उनके लिए एसपीजी सुरक्षा कवच की मांग की है।
वीएन राय कहते हैं, इसे अभूतपूर्व कहा जाएगा कि राहुल गांधी की व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए जिम्मेदार संगठन सीआरपीएफ ने प्रेस सूचना में स्वयं उनके द्वारा ही सौ से अधिक सुरक्षा उल्लंघन करने का जिक्र किया है। भारत में किसी भी राजनीतिक व्यक्ति के लिए सुरक्षा नियमों का अक्षरशः पालन करना संभव नहीं होता और राहुल भी इसके अपवाद नहीं हो सकते, लेकिन इस पहलू को बहस तलब करने से सुरक्षा चुस्त नहीं हो जाती।
सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ और पूर्व आईपीएस वीएन राय बताते हैं, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन के तुरंत बाद पूर्व प्रधानमंत्रियों से एसपीजी का सुरक्षा कवच वापस ले लिया गया था। इस क्रम में गांधी परिवार के सदस्यों की सुरक्षा का काम सीआरपीएफ को सौंपा गया। क्या एसपीजी भी राहुल द्वारा सुरक्षा उल्लंघनों को सार्वजनिक करती? मुझे संदेह है; उसने आज तक ऐसा किसी भी रक्षित व्यक्ति के मामले में नहीं किया है। पिछले पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी एसपीजी सुरक्षा काफिले के साथ पाक सीमा से ज्यादा दूर नहीं एक सड़क ओवरब्रिज पर फंस गए थे। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक जांच कमेटी बनाई थी, लेकिन तब भी खामोशी से कमियां दूर की गईं, न कि कमियों को सार्वजनिक बहस में लाया गया।
पूर्व आईपीएस वीएन राय कहते हैं, वर्ष अंत में जब 8 राज्यों से होते हुए भारत जोड़ो यात्रा ने राजधानी दिल्ली में प्रवेश किया तो पहली बार सार्वजनिक रूप से राहुल गांधी की सुरक्षा में सेंध की आशंका कांग्रेस पार्टी की ओर से व्यक्त की गई। हालांकि एक बहुप्रचारित मार्ग पर महीनों चलने वाले पैदल मार्च में उमड़ती भीड़ के चलते फूलप्रूफ सुरक्षा दे पाना बेहद तनावभरा काम रहा होगा। सुरक्षा एवं इंटेलिजेंस एजेंसियों के लिए एक निरंतर नाइटमेयर जैसा, पर वे इसी काम के लिए बनी हैं और रक्षित व्यक्ति के उल्लंघनों का हवाला सार्वजनिक करने से उनकी जिम्मेदारी कम नहीं हो जाती।
बकौल वीएन राय, गांधी जी-इंदिरा जी और राजीव गांधी को देश ने राजनीतिक हत्याओं की भेंट चढ़ते भुगता है। तीनों त्रासदी रोकी जा सकती थीं, लेकिन घटना उपरांत जांच में पर्याप्त इंटेलिजेंस के बावजूद तमाम सुरक्षा कमियां सामने आईं। इंदिरा जी की हत्या के बाद पीएम सुरक्षा के लिए एसपीजी नामक विशिष्ट सुरक्षा एजेंसी बनी। राजीव गांधी की हत्या के बाद पूर्व पीएम को भी एसपीजी सुरक्षा कवच दिया गया, और तब गठित वर्मा आयोग ने सभी संबंधित के लिए व्यापक दिशा निर्देश बनाए। क्या राहुल गांधी के मामले में उन निर्देशों की पालना कराई जा रही है? ध्यान रहे कि अब वे एसपीजी रक्षित व्यक्ति नहीं हैं।
सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ वीएन राय कहते हैं, मैंने 12 वर्ष एसपीजी के शुरुआती वर्षों में सेवा दी है। मुझे कोई शक नहीं कि आज राहुल गांधी को एसपीजी जैसी वक्त पर खरी उतरने वाली विशिष्ट सुरक्षा एजेंसी के कवच की जरूरत है। अच्छा हो, सभी संबंधित इस मांग को उठाएं और सरकार इसके पक्ष में तुरंत निर्णय ले।