गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी से जुड़ी हैं 38 फर्जी कंपनियां, विदेशों में चल रहीं नकली और फेक कंपनियां लाखों करोड़ रुपया क्या लगा रहीं अडानी ग्रुप में

गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी से जुड़ी 38 शेल (फर्जी) कंपनियां। लाखों करोड़ के कालेधन का कारोबार। भाजपा इसे क्यों बचा रही है, इलारा नाम की कंपनी गौतम अडाणी की कंपनी में 24,766 करोड़ रुपया निवेश किया जो उसकी कुल पूंजी का 99% है...

Update: 2023-02-10 16:31 GMT

Gautam Adani : 2.2 ट्रिलियन के सबसे बड़े कर्जदार पूंजीपति हैं अडानी, अगर वो देश छोड़कर भाग गए तो क्या होगा?

विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर अडानी का बचाव करने का आरोप लगा रहा है। सोशल मीडिया पर भी संसद में राहुल गांधी के तमाम सवालों के बाद एक बहस उठ खड़ी हुयी है। बहस का कारण यह भी है कि संसद के रिकॉर्ड से राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण के उन अंशों को हटा दिया गया है, जिनमें अडानी पर सवाल उठाये गये हैं।

गौतम अडानी के भ्रष्टाचार और ठगी को लेकर पत्रकार कृष्णकांत ने सोशल मीडिया पर एक टिप्पणी की है, पढ़िये उसमें उठाये गये सवाल और टिप्पणी

गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी से जुड़ी 38 शेल (फर्जी) कंपनियां। लाखों करोड़ के कालेधन का कारोबार। भाजपा इसे क्यों बचा रही है?

1. इलारा नाम की कंपनी गौतम अडाणी की कंपनी में 24,766 करोड़ रुपया निवेश किया जो उसकी कुल पूंजी का 99% है।

2. Monterosa Investment Holdings ने अडानी की कंपनियों में लगभग 37,000 करोड़ रुपया निवेश किया।

3. Emerging Market Investment नाम की कंपनी जिसमें एक भी कर्मचारी नहीं है, अडानी पॉवर में 8,200 करोड़ रुपये का निवेश करती है।

4. क्रिस्टा फंड्स ने 674 मिलियन डॉलर गौतम अडाणी की कंपनी में निवेश किया जो उसकी कुल कैपिटल का 89.5% है।

5. एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड ने 18,986 करोड़ रुपया गौतम अडाणी की कंपनी में निवेश किया जो उसकी कुल पूंजी का 99.4% है।

6. न्यू‌ लियाना इन्वेस्टमेंट ने 420 मिलियन डॉलर अडाणी की कंपनी में निवेश किया जो उसकी कुल कैपिटल का 95% है।

7. एलटीएस इन्वेस्टमेंट फंड ने लगभग 13,000 करोड़ गौतम अडाणी की कंपनी में निवेश किया जो उसकी कुल कैपिटल का 97.9% है।

8. ओपल इन्वेस्टमेंट फंड ने 613 मिलियन डॉलर अडाणी की कंपनी में निवेश किया जो उसकी कुल कैपिटल का 100% है।

9. अलबुला इन्वेस्टमेंट और लोटस ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फंड ने अपनी हिस्सेदारी सार्वजनिक नहीं की है।

इसी तरह एशिया इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन, लिमिटेड इन्वेस्टमेंट फंड, वेस्पारा फंड, मार्शल ग्लोबल कैपिटल, फलूश ग्लोबल फंड जैसी कंपनियां लाखों करोड़ रुपये का अडानी की कंपनियों में बेनामी निवेश करती हैं। क्या यह काला धन है?

इन कंपनियों के जरिए लाखों करोड़ रुपए पार हो रहे है। विदेशों में चल रहीं नकली और फर्जी कंपनियां लाखों करोड़ रुपया गौतम अडानी की कंपनी में क्यों लगा रही हैं? इनके पते एक हैं, मैनेजर एक हैं, लेकिन असल में उस पते पर कोई कंपनी मौजूद नहीं है। न इनका कोई फोन नंबर है, न इनकी आनलाइन मौजूदगी है।

ये कंपनियां जिनके व्यापार का कोई इतिहास ही नहीं है अचानक मॉरीशस में खड़ी होती हैं और सीधे गौतम अडानी की कंपनी में पैसा डालने लगती हैं। थोड़ा पैसा नहीं हजारों करोड़ रुपया!

आपने कभी सोचा- कहाँ से मिला इतना पैसा इन गुमनाम कंपनियों को? सब की सब मॉरीशस, साइप्रस में क्यों स्थित हैं? मॉरीशस, साइप्रस ऐसे देश जिसे काले धन का स्वर्ग कहा जाता है।

आपने कभी सोचा - किसका पैसा है ये? कहीं ये भारत के चोरों का काला धन तो नहीं? जिसे विदेश के रास्ते फर्जी कंपनी के मार्फत एक उद्योगपति को भेजा जा रहा है? ये लौटकर किसको आ रहा है? क्या यह बिना राजनीतिक सहयोग के संभव है? कहीं इसका लिंक नोटबंदी से तो नहीं? कहीं इसका लिंक इलेक्टोरल बॉन्ड से तो नहीं?

इनकी जांच क्यों नहीं हो रही? जांच में इन्हीं सवालों के जवाब तलाशे जाएंगे। इन पर सवालो से डंकापति यानी पीएम मोदी इतना क्यों बौखला गए कि नेहरू गांधी परिवार पर बिलो द बेल्ट निजी हमले कर रहे हैं? तिरंगा ओढ़ लेने से भ्रष्टाचार पर पर्दा नहीं डाला जा सकता।

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