Gujrat Chunav 2022 : बीजेपी के सामने सिर्फ Congress ही नहीं, AAP को भी सियासी मात देने की है चुनौती
Gujrat Chunav 2022 : गुजरात विधानसभा के चुनाव 2022 के नवंबर लास्ट या दिसंबर के पहले सप्ताह में होना तय है। इस बार बीजेपी के सामने सिर्फ कांग्रेस ही नहीं आप को भी सियासी मात देने की चुनौती है। साथ ही उसके लिए 27 साल के एंटी इनकंबेंसी फैक्टर से भी पार पाना पहले की तरह आसान नहीं होगा।
गुजरात में जारी सियासी रोमांस पर धीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट
Gujrat Chunav 2022 : अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि गुजराती जनमानस के मन क्या है और वो पांच सा बाद एक बार फिर क्या फैसला देने वाले हैं। फिलहाल, गुजरात ( Gujrat ) में प्रस्तावित चुनाव की वजह से राजनीतिक दलों के बीच सियासी रोमांस चरम पर है। गुजरात के चुनाव ( Gujrat Chunav 2022 ) में आप की जोरदार एंट्री की वजह से इस बार विधानसभा चुनाव रोमांचक हो गया है। अहम सवाल यह है कि अरविंद केजरीवाल एंड टीम की जबरदस्त मौजूदगी के बीच क्या पहले की तरह इस बार भी जुमलेबाजी में माहिर संघी नेता सत्ता पर काबिज होने में सफल होंगे।
इस सवाल का जवाब ढूंढना जरूरी है, क्योंकि राजनीति का तिरस्कार आम तौर पर बढ़ रहा है। खासकर युवा मतदाताओं में वोटिंग के प्रति रुझान कम हुआ है। इसके पीछे की वजह यह है कि राजनेता हमारे जैसे नहीं दिखते, वे हमारे जैसा व्यवहार नहीं करते और उनके विचार आम जनता की जरूरतों से नहीं मैच नहीं करते।
फिलहाल, हम यह कह सकते हैं कि गुजरात विधानसभा ( Gujrat Assembly Election 2022 ) के 182 सदस्यों का चुनाव करने के लिए दिसंबर 2022 में चुनाव होना है। बस, चुनाव आयोग की ओर से इसके ऐलान की औपचारिकता भर बाकी है। साल 2017 विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के सामने कांग्रेस ने कड़ी चुनौती पेश की थी। भाजपा को विधानसभा में 99 सीटें मिलीं थीं, जबकि बहुमत का आंकड़ा 92 है। कांग्रेस ने 77 ने सीटों पर जीत दर्ज कर मोदी-शाह की जोड़ी को सकते में डाल दिया, लेकिन देश की सबसे पुरानी पार्टी भाजपा को शासन को उखाड़ नहीं सकी। इसके बावजूद पिछले 32 वर्षों में ये कांग्रेस द्वारा जीती गई सीटों की सबसे अधिक संख्या जरूर थी। इससे पहले 1985 के चुनाव में कांग्रेस ने 149 सीटें जीती थीं।
इस बार कांग्रेस ( Congress ) को उम्मीद है कि वह गुजरात से भाजपा के लंबे शासन काल को खत्म करने में सफल हो सकती है लेकिन चुनाव के पहले ही भाजपा ने कांग्रेस से हार्दिक पटेल को तोड़ने में सफलता हासिल कर ली है। जबकि इस बार भाजपा को आम आदमी पार्टी ( AAP ) की ओर से पेश एक नई चुनौती का भी सामना करना पड़ेगा। पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद से आप को जोश चरम पर है। हालांकि, आप की गुजरात में जोरदार एंट्री कांग्रेस के लिए किसी चिंता से कम नहीं है। जैसा कि उम्मीद है अगर आप ने गुजरात में थोड़ा दमखम दिखाया तो चुनावी लड़ाई दिलचस्प हो सकती है।
गुजरात : कब और किसकी सरकार
गुजरात विधानसभा चुनाव के इतिहास में राज्य के 1960 में असितत्व में आने के बाद से 1990 तक कांग्रेस का एक छात्र राज रहा। केवल 1975 में आपातकाल के दौरान जनता पार्टी की सरकार बनी थी। 1990 में जनता दल और भाजपा सहित अन्य पार्टियों की गठबंधन सरकार बनी थी। उसके बाद 1995 से लेकर अभी तक भाजपा गुजरात में सत्ता पर काबिज है। 2017 में ऐसा लगा था कि कांग्रेस जीतने के करीब है, लेकिन अंतिम समय में भाजपा ने चुनाव माहौल को अपने पक्ष में कर जीत हासिल कर ली थी। लेकिन 27 साल के इतिहास में संपन्न छह चुनावों में भाजपा को सबसे कम सीटें मिलीं।
1995 के बाद सियासी हालात
1995 के बाद गुजरात में सियासी हालात बदल गए। भाजपा हमेशा बड़ी पार्टी के दर्जा बनाने में कामयाब रही तो कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी सियासी दल बनी हुई है। कांग्रसे को 1995 में 45, 1998 में 53, 2002 में 51, 2007 में 59, 2012 में 61, 2017 में 77 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी। यानि पिछले 27 साल के इतिहास में 2017 में कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिली थी। वो सरकार बनाने से पांच विधायकों की संख्या से चूक गई थी।
वहीं भाजपा को 1995 में 121, 1998 में 117, 2002 में 127, 2007 में 117, 2012 में 115, 2017 में 99 सीटों पर जीत हासिल हुई। यानि 2017 में भाजपा को सबसे कम सीटें मिली, जो उसके गिरते जनाधार का संकेत है।
ये है कांग्रेस और भाजपा का वोट शेयर
जहां तक गुजरात ( Gujrat ) के चुनाव में भाजपा ( BJP ) और कांग्रेस के बीच वोट शेयर की है तो भाजपा ने 1998 के चुनाव में 45 फीसदी और कांग्रेस ने 35 फीसदी वोट हासिल किए थे। बीजेपी को 2002 के चुनाव में कुल हुए मतदान में से आधे यानी की 50 फीसदी वोट मिले थे। इस चुनाव में कांग्रेस का वोट भी बढ़कर 39 फीसदी हो गया था। 2007 के चुनाव में भाजपा ने 49 तो कांग्रेस ने 38 फीसदी वोट अपने नाम किए थे। 2012 के चुनाव में भाजपा पर 48 फीसदी और कांग्रेस पर 39 फीसदी मतदाताओं ने भरोसा जताया था। 2017 के चुनाव में बीजेपी पर 49 और कांग्रेस पर 41 फीसदी मतदाताओं ने भरोसा जताया था। इस लिहाज से कांग्रेस लगातार अपनी लोकप्रियता में इजाफा करने में सफल हुई है। कांग्रेस के सामने अहम सवाल यह है क्या वो इस बार अपनी लोकप्रियता में इजाफा कर पाएगी।
गुजरात का 2017 का चुनाव दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी ( AAP) ने भी लड़ा था लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिली थी। उसने 29 सीटों पर चुनाव लड़कर करीब 30 हजार वोट हासिल किए थे। आप किसी भी सीट पर अपनी जमानत नहीं बचा पाई थी लेकिन इस बार वह काफी आक्रामक अंदाज में चुनाव की तैयारी कर रही हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान लगातार गुजरात का दौरा कर रहे हैं। राजनीतिक जानकार इस बार गुजरात चुनाव ( Gujrat Chunav ) को त्रिकोणीय बता रहे हैं।
गुजरात का इतिहास
Gujrat Chunav 2022 : गुजरात की स्थापना 1960 में हुई थी। गुजरात विधानसभा की 182 सीटें हैं, जिनमें साल 2017 के चुनाव में सत्ताधारी भाजपा को पिछले छह चुनाव में सबसे कम यानि 99 और प्रमुख विपक्षी कांग्रेस को 77 सीटें मिलीं थी। गुजरात में अभी तक 14 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। गुजरात विधानसभा के दो बार मध्यावधि चुनाव हुए, पहली बार 1975 में तथा दूसरी बार 1998 में।