मोदी शासन के अमृतकाल में निरंकुशता में 46वें स्थान पर पहुंचा भारत और जी20 के जश्न में डूबा विश्वगुरु

दुनिया में केवल 45 देश ही ऐसे हैं जो हमसे भी अधिक निरंकुश हैं। सामाजिक हिंसा के सन्दर्भ में तो भारत दुनिया में 7वें स्थान पर ही है, मानवाधिकार हनन के सन्दर्भ में 37वें स्थान पर और पर्यावरण विनाश के सन्दर्भ में 20वें स्थान पर....

Update: 2023-02-18 17:14 GMT

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महेंद्र पाण्डेय की टिप्पणी

India is at 46th place in first ever Global Impunity Index, it means only 45 countries are ahead to us in impunity. iइम्पुनिटी का सीधा मतलब है निरंकुशता – जहां सत्ता की कोई जिम्मेदारी नहीं होती। जहां निरंकुशता होती है वहां क़ानून व्यवस्था भी बंटी होती है। गौतम अडानी पर तमाम आरोप के बाद भी सत्ता उनका बचाव करती है और तथाकथित जांच एजेंसियां दूर बैठकर तमाशा देखती हैं। दूसरी तरफ एक डॉक्यूमेंट्री दिखाने पर बीबीसी के दफ्तर आनन-फानन में इनकमटैक्स के तथाकथित सर्वे शुरू हो जाता है। बीजेपी नेता और समर्थक खुले आम मारने-काटने की धमकी देते है पर वह भड़काऊ भाषण नहीं होता तो दूसरी तरफ सामाजिक समरसता की बात करते लोग देशद्रोही करार दिए जाते हैं।

इंग्लैंड के पूर्व विदेश मंत्री डेविड मिलिबंद और यूनिवर्सिटी ऑफ़ ब्युनेस आयर्स की प्रोफ़ेसर मोनिका पिंटो ने यूरेशिया ग्रुप और शिकागो कौंसिल ऑन ग्लोबल अफेयर्स के साथ मिलकर दुनिया का पहला वर्ल्ड इम्पुनिटी एटलस जारी किया है। इसके साथ ही पहला वर्ल्ड इम्पुनिटी इंडेक्स भी जारी किया गया है, जिसमें देशों को इम्पुनिटी या निरंकुशता के सन्दर्भ में 163 देशों को क्रमवार स्थान दिया गया है। इसें सबसे पहले स्थान पर सबसे निरंकुश देश और अंतिम स्थान पर सबसे कम निरंकुश देश हैं।

इस इंडेक्स का पैमाना सत्ता का दुरूपयोग, बिना जवाबदेही वाली सत्ता, हिंसा, मानवाधिकार हनन, अपराधियों को सजा, आर्थिक शोषण और पर्यावरण विनाश है। इन विषयों के अंतर्गत कुल 69 पैरामीटरों पर देशों का आकलन किया गया है। इस इंडेक्स में हरेक देश को 0 से 5 अंकों के बीच अंक दिए गए हैं – सबसे अधिक अंक यानि सबसे अधिक निरंकुश सत्ता और सबसे कम अंक यानि सबसे जिम्मेदार सत्ता। पहले स्थान पर स्थित अफ़ग़ानिस्तान को 4.25 अंक दिए गए हैं, जबकि अंतिम स्थान पर स्थित फ़िनलैंड के 0.29 अंक हैं।

इस इंडेक्स में कुल 2.89 अंकों के साथ तथाकथित विश्वगुरु, प्रजातंत्र की माँ और अमृत काल में जी20 की अध्यक्षता में डूबे भारत का स्थान 46वां है। जाहिर है दुनिया में केवल 45 देश ही ऐसे हैं जो हमसे भी अधिक निरंकुश हैं। सामाजिक हिंसा के सन्दर्भ में तो भारत दुनिया में 7वें स्थान पर ही है, मानवाधिकार हनन के सन्दर्भ में 37वें स्थान पर और पर्यावरण विनाश के सन्दर्भ में 20वें स्थान पर।

इम्पुनिटी इंडेक्स में सबसे अंतिम स्थान पर, यानि सबसे कम निरंकुश, फ़िनलैंड है। इससे पहले के देश हैं – डेनमार्क, स्वीडन, नॉर्वे, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रिया, स्विट्ज़रलैंड, लक्सम्बर्ग और न्यूज़ीलैण्ड। इस इंडेक्स में पहले स्थान पर, यानि सबसे निरंकुश देश, अफ़ग़ानिस्तान है। इसके बाद के देश हैं – सीरिया, यमन, म्यांमार, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, सूडान, इराक, बुरुंडी, कांगो और चाड।

हमारे पड़ोसी देशों में केवल पहले स्थान पर अफ़ग़ानिस्तान, 16वें स्थान पर स्थित पाकिस्तान और 20वें स्थान पर स्थित बांग्लादेश की स्थिति भारत से भी बदतर है। चीन भी 48वें स्थान पर है, यानि भारत से बेहतर स्थिति में है। नेपाल 64वें स्थान पर, श्रीलंका 77वें स्थान पर और भूटान 112वें स्थान पर है। बड़े और संपन्न देशों में 27वें स्थान पर रूस सबसे निरंकुश है। अमेरिका 118वें स्थान पर, कनाडा 142वें स्थान पर, ऑस्ट्रेलिया 145वें स्थान पर, यूनाइटेड किंगडम 147वें स्थान पर और जापान 148वें स्थान पर है।

जाहिर है, दुनिया में मानवाधिकार से सम्बंधित हरेक इंडेक्स भारत को नीचे का स्थान देते हैं, पर सत्ता इससे सबक लेकर सुधार का रास्ता अपनाने के बदले मीडिया से ऐसे इंडेक्स की खबरों को गायब करने और बिना पढ़े ही उसे विदेशी साजिश करार देता है।

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