दुनिया के 20 सबसे धनी देशों में बढ़ रही आधुनिक दासता की सूची में भारत शीर्ष पर, 1.1 करोड़ से अधिक लोगों से कराई जा रही जबरन मजदूरी या विवाह भयावह
यह कितना भयावह है कि आज भी देश की मेहनतकश जनता को जबरन मजदूरी, बंधुआ मजदूरी करनी पड़ रही है. कोरोना काल में पूरी दुनिया ने देखा भारत के बेबस मजदूरों को सड़कों पर पैदल चलते, मरते....
किसान नेता राजीव यादव की टिप्पणी
आजमगढ़ l दुनिया के 20 सबसे धनी देशों में बढ़ रही आधुनिक दासता पर आई रिपोर्ट ने देश के मजदूरों के हालात को दुनिया के सामने ला दिया. इस सूची में न सिर्फ भारत का नाम है बल्कि शीर्ष पर है, जहां 1.1 करोड़ की आबादी से जबरदस्ती काम लिया जाता है या फिर मर्जी के खिलाफ शादी की गई है. विश्व गुरु का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार को मजदूरों के हालात पर आई इस रिपोर्ट को गंभीरता से लेने की जरूरत है. जबरन मजदूरी, मर्जी के खिलाफ शादी नागरिक के अधिकारों का अतिक्रमण है.
यह कितना भयावह है कि आज भी देश की मेहनतकश जनता को जबरन मजदूरी, बंधुआ मजदूरी करनी पड़ रही है. कोरोना काल में पूरी दुनिया ने देखा भारत के बेबस मजदूरों को सड़कों पर पैदल चलते, मरते.
दुनिया के 20 सबसे धनी देशों में बढ़ रही आधुनिक दासता पर ऑस्ट्रेलिया स्थित एक अधिकार समूह वाक फ्री फाउंडेशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि जी-20 देशों के 6 सदस्यों में आधुनिक दासता, जबरन श्रम अथवा जबरन विवाह में रहने वाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है. सबसे डरावना हमारे देश के लिए है कि सूची में भारत शीर्ष पर है. जहां पर 1.1 करोड़ की आबादी से जबरदस्ती काम लिया जाता है या फिर मर्जी के खिलाफ शादी की गई. उसके बाद चीन, रूस, इंडोनेशिया, तुर्कीए और अमेरिका का स्थान है.
रिपोर्ट लाने वाले मानवाधिकार समूह ने भी चिंता व्यक्त की कि ‘‘हालांकि, इन देशों में भी, उनके आर्थिक विकास के उच्च स्तर, लैंगिक समानता, समाज कल्याण, और राजनीतिक स्थिरता तथा मजबूत आपराधिक न्याय प्रणाली के बावजूद हजारों लोग जबरन काम या विवाह करने के लिए मजबूर हैं।''
आधुनिक दासता, जबरन मजदूरी को जन विरोधी नीतियों के चलते बढ़ावा मिला, इसके लिए सरकारें जिम्मेदार हैं. आजमगढ़ में सरकार की इन्हीं किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ खिरिया बाग में 8 महीने से अधिक समय और अंडीका बाग में 2 महीने से अधिक समय से किसान मजदूर जमीन बचाने के लिए धरना दे रहे हैं. किसान जानता है कि जमीन छीनकर उन्हें जबरन मजदूरी की तरफ धकेल दिया जाएगा. आज इस तथ्य को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन भी कह रहे हैं. आधुनिक दासता यानी जबरन श्रम या मर्जी के खिलाफ विवाह जैसे अपराध आजादी का अमृत काल जैसे जश्नों की सच्चाई उजागर कर रहे हैं.