जानिए क्यों हो रही है 'TIME' मैगज़ीन के कवर पेज़ की चर्चा..?

इस पत्रिका ने अपने कवर लेख में अमेरिका में कोविड-19 की गंभीर स्थिति पर चिंता जताई है, लिखा है कि 'जब राष्ट्रपति को छींक आती है तो पूरे अमेरिका को ठंड लगती है....

Update: 2020-10-10 13:34 GMT

बीजिंग से अनिल आजाद पांडेय की टिप्पणी

अमेरिका में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक दो लाख तेरह हज़ार से अधिक अमेरिकी नागरिकों की जान वायरस ले चुका है। जबकि 76 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं। लगता है चुनावों की तैयारियों में लगे अमेरिका को आम लोगों की कोई फिक्र नहीं है। वायरस के प्रसार को रोकने में नाकाम रहने पर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ट्रंप प्रशासन की खूब आलोचना कर रहा है। इस बीच जानी-मानी पत्रिका 'टाइम' ने अपने कवर पेज़ को ही वायरस को समर्पित कर दिया है। मैगज़ीन द्वारा सोशल मीडिया पर जारी किए गए कवर पेज़ की खूब चर्चा है।

इस पेज़ के जरिए टाइम ने यह बताने की कोशिश की है कि अमेरिका में स्थिति कितनी भयावह है। कवर पेज़ के बीच में व्हाइट हाउस बना है, जिसमें चार चिमनियां वायरस का गुबार ऊपर की ओर छोड़ रही हैं। यहां तक कि टाइम शब्द भी वायरस के जाल से लगभग घिरा हुआ है।

इस पत्रिका ने अपने कवर लेख में अमेरिका में कोविड-19 की गंभीर स्थिति पर चिंता जताई है, लिखा है कि 'जब राष्ट्रपति को छींक आती है तो पूरे अमेरिका को ठंड लगती है। जब राष्ट्रपति बीमार पड़ते हैं, तो अमेरिका को बीमारी की गंभीरता पर भी विचार करना चाहिए। उनकी बीमारी हमारी बीमारी है।'

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हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब मीडिया में अमेरिका और ट्रंप सरकार की इस तरह से आलोचना हो रही हो। इससे पहले के अंक में भी टाइम मैगजीन ने अमेरिकी सरकार पर कटाक्ष किया था। जबकि न्यूयार्क टाइम्स ने कोरोना महामारी के विकराल रूप लेने के लिए राष्ट्रपति व उनके सहयोगियों को दोषी बताया था।

गौरतलब है कि वैज्ञानिकों की तमाम चेतावनियों के बावजूद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व अन्य अमेरिकी नेता मास्क न पहनने की बात करते रहे हैं। पिछले सप्ताह जब ट्रंप कोरोना पॉजिटिव पाए गए तो भी उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। क्योंकि वह चुनावों के मद्देनजर अपने प्रतिद्वंद्वियों को कोई मौका नहीं देना चाहते हैं। लेकिन इसके चक्कर में वे महामारी के खतरे को पूरी तरह से खारिज करते हुए दिख रहे हैं। यहां तक कि दो-तीन दिन में ही अस्पताल से व्हाइट हाउस आकर बिना मास्क के घूमते दिखे। साथ ही उन्होंने बिना चेहरा ढंके वीडियो संदेश भी जारी किया।

इस बात से जाहिर होता है कि राष्ट्रपति ट्रंप बार-बार वही गलती दोहरा रहे हैं, जिसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं। अगर ट्रंप प्रशासन का महामारी की रोकथाम को लेकर यही रवैया रहा तो आने वाले दिन अमेरिकियों के लिए और मुसीबत भरे हो सकते हैं।

(लेखक चाइना मीडिया ग्रुप में वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले 11 वर्षों से चीन में कार्यरत है।)

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