सीमा हैदर जितनी भाग्यशाली नहीं पाकिस्तानी इकरा जीवानी, ऑनलाइन लूडो खेलते प्रयागराज के मुलायम से हुआ था प्यार

साल 2023 के तीन मामले लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं। सबसे ज्यादा चर्चा सीमा हैदर और सचिन मीणा के मामले को मिली। यह प्रकरण अभी सुलझा भी नहीं था कि अब अंजू का मामला सामने आ गया। सीमा पाकिस्तान छोड़कर भारत आई और अंजू भारत छोडकर पाकिस्तान चली गई....

Update: 2023-07-26 14:07 GMT

डाॅ. सुशील उपाध्याय की टिप्पणी

दो विवाहित महिलाओं ने बच्चे और घर-परिवार छोड़कर अपने प्रेमियों के साथ शादी कर ली और प्रेम के लिए कथित तौर पर धर्म भी बदल लिया। ऐसी एक या दो नहीं, बल्कि अनेक घटनाएं स्थानीय मीडिया में छपती रहती हैं, लोग उन्हें चटखारे लेकर पढ़ते हैं और फिर अगला मामला सामने आने तक भूल जाते हैं। ऐसे प्रकरणों में कई बार हिंदी मीडिया में ‘चार बच्चों की मां प्रेमी के साथ भागी' या ‘दो बच्चों की मां ने मुहब्बत के लिए घर छोड़ा' जैसे शीर्षकों के साथ खबरें दिखाई देती हैं और शायद ही कोई उन्हें खास गंभीरता के साथ लेता हो, लेकिन जब ये मामले पाकिस्तान के साथ जुड़ जाएं तो अचानक हवा का रुख बदल जाता है। मीडिया, सरकारी एजेंसियां, कानून के जानकारों से लेकर आम लोग तक सक्रिय हो जाते हैं।

साल 2023 के तीन मामले लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं। सबसे ज्यादा चर्चा सीमा हैदर और सचिन मीणा के मामले को मिली। यह प्रकरण अभी सुलझा भी नहीं था कि अब अंजू का मामला सामने आ गया। सीमा पाकिस्तान छोड़कर भारत आई और अंजू भारत छोडकर पाकिस्तान चली गई। सीमा अपने चार बच्चों को साथ लेकर आ गई और अंजू अपने दोनों बच्चों को भारत छोड़कर चली गई। सीमा का प्रेमी हिंदू और अंजू का प्रेमी मुसलमान। सीमा ने घोषित तौर पर हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया, जबकि अंजू कह रही है कि वो शादी के लिए धर्म नहीं बदलेगी।

हालांकि, पाकिस्तानी मीडिया में खबरें छपी हैं कि अंजू अब ईसाई से मुसलमान हो गई है और उसने अपने प्रेमी नसरुल्लाह से शादी भी कर ली है। पाकिस्तान का मीडिया कह रहा है कि सीमा हैदर को भारत में सरकारी एजेंसियों द्वारा परेशान किया जा रहा है, जबकि पाकिस्तान में अंजू को मेहमान की तरह रखा जा रहा है। हालांकि, दोनों घटनाओं में बुनियादी फर्क यह है कि सीमा नेपाल के जरिये अवैध तरीके से भारत में घुसी, जबकि अंजू तीन साल की कोशिश के बाद पाकिस्तान का वैध वीजा हासिल कर पाई।

सीमा हैदर और अंजू को मिला सोशल मीडिया के जरिये प्रेम

इन दोनों मामलों में सोशल मीडिया ने केंद्रीय भूमिका निभाई है। सीमा और अंजू सोशल मीडिया के जरिये ही अपने भावी प्रेमियों के संपर्क में आईं। अंजू बताती है कि वो नसरुल्लाह से 2020 से बात करती थीं। उनके बीच फेसबुक के जरिये संपर्क हुआ था। इसके बाद ही वो नसरुल्लाह से मिलने के लिए पाकिस्तान पहुंची। अंजू ने पाकिस्तान जाने के लिए अपने पति को भरोसे में नहीं लिया और अपने बच्चों (अंजू की बेटी 15 साल की है) को भी इस बारे में नहीं बताया।

पाकिस्तान पहुंचने के बाद ही घरवालों को इस बारे में सूचना दी गई। इस मामले में सबसे विचित्र स्थिति अंजू के पति अरविंद और सीमा हैदर के पति गुलाम हैदर की है। वे मीडिया की निगाह में हैं और उन दोनों के पास शायद ही मीडिया के सवालों का कोई जवाब हो। अरविंद का कहना है कि अंजू ने कुछ साल पहले पासपोर्ट बनवाया था क्योंकि वो बाहर नौकरी करना चाहती थी। गुलाम हैदर ने भी मीडिया को बताया कि उसकी पत्नी और बच्चों ने पासपोर्ट बनवाया था ताकि वे उसके पास रहने के लिए सऊदी अरब आ सकें, लेकिन मामला कुछ और ही निकला।

ये दोनों मामले कोई एक दिन में या कुछ महीने के भीतर घटित नहीं हुए। मीडिया ने नसरुल्लाह को उद्धृत करते हुए लिखा, ‘एक ओर अंजू दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास के चक्कर लगाती रहीं, जबकि मैं पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय और दूसरे दफ्तरों के चक्कर काटता रहा। अंजू वहां पर अफसरों को समझाती रहीं और मैं यहां पर अफसरों से गुजारिश करता रहा कि वीजा अंजू का अधिकार है और हम अगर मिलना चाहते हैं तो वो हमें मिलने दें।’ आखिरकार, दोनों की कोशिश रंग लाई, हालांकि अफसरों को समझाकर मनाने में उनको दो साल का समय लग गया, जिसके बाद अंजू को पाकिस्तान और उसके दीर बाला जिले में जाने की अनुमति भी दी गई। ये पख्तूनों का इलाका है जो अपनी मेहमाननवाजी के लिए जाने जाते हैं। अंजू का स्वागत हुआ और कानूनी मामलों के बावजूद लगभग ऐसा ही स्वागत नोएडा में सीमा हैदर का भी हुआ।

सीमा हैदर के हिंदू बनने पर भारत तो अंजू के फातिमा बनने पर पाकिस्तान खुश

भारत में कुछ समूह सीमा हैदर के हिंदू बनने पर खुश हैं और पाकिस्तान में इस बात की खुशी है कि अब अंजू ने फातिमा बनकर हिसाब बराबर कर दिया है। पाकिस्तानी अपने आप को ऊंचे नैतिक पायदान पर दिखा रहे हैं कि उनके लिए अंजू उर्फ फातिमा मेहमान है, जबकि भारत में सीमा एक आरोपित है और कोर्ट से मिली जमानत के आधार पर बाहर है। एक तबका ऐसा भी है जो सीमा को संदेह की निगाह से देख रहा है कि वे पाकिस्तान की जासूस तो नहीं हैं! जबकि, सीमा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर भारत की राष्ट्रपति तक से गुहार लगा रही हैं कि उन्हें पाकिस्तान डिपोर्ट न किया क्योंकि वे पाकिस्तान के उस इलाके से आती हैं जहां लड़कियां अपने प्रेम का इजहार नहीं करती और प्यार का खुलेआम इजहार करने पर लड़कियों को मार दिया जाता है।

इस लिहाज से देखें तो सीमा का गुनाह तो और भी ज्यादा बड़ा है। उन्होंने अपने प्रेम के लिए पति गुलाम हैदर को छोड़कर भारत में अपने प्रेमी के साथ रहने की ठान ली। सीमा की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। वे पबजी खेलते हुए सचिन से मिली। फिर प्रत्यक्ष रूप से मिलने के लिए अपना और बच्चों का पासपोर्ट बनवाया। पाकिस्तान में अपना घर बेचा और नेपाल पहुंच गई। भारत का वीजा मिलने की कोई संभावना न होने के कारण उसने नेपाल में सचिन से मिलने का फैसला किया। वो पहली बार शारजाह होते हुए नेपाल पहुंची और फिर अन्य तैयारियों के लिए वापस पाकिस्तान चली गईं। दो महीने बाद अपने चारों बच्चों के लिए नेपाल होते हुए भारत आ गईं। क्या सही है और क्या गलत है, ये फैसला करना मुश्किल है, लेकिन सीमा की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी कि वो बेहद कठिन चुनौतियों से पार पाते हुए भारत पहुंची।

पुलिस को दिए सीमा के बयान के अनुसार, “मैं अपने चार बच्चों के साथ काठमांडू से पोखरा तक वैन गाड़ी से आई। रात हो जाने के कारण मैं पोखरा में ही रुकी और अगले दिन पोखरा से दिल्ली की बस पकड़ ली। पोखरा से दिल्ली आने के लिए सृष्टि यातायात की बस में टिकट बुक कराई। पोखरा से दिल्ली पहुंचने में करीब 28 घंटे लगे। यह बस पोखरा से उत्तर प्रदेश के सुनौली बॉर्डर (महाराजगंज जिला) होते हुए आगरा, नोएडा और फिर दिल्ली पहुंची।”

दो दिनों के दौरान सीमा ने चार छोटे बच्चों के साथ बस में 35 घंटे से ज्यादा की यात्रा की। चूंकि, सीमा और सचिन ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं इसलिए जब वे शादी के लिए कोर्ट पहुंचे तो वकीलों को पता चला कि सीमा पाकिस्तानी हैं। इसकी अगली कड़ी में सीमा की गिरफ्तारी हुई और उसे कोर्ट से जमानत भी मिली। बाद में सीमा से उत्तर प्रदेश की अन्य जांच एजेंसियों ने भी पूछताछ की। फिलहाल यह मामला किस दिशा में जाएगा, इसका निर्धारण भविष्य ही कर सकता है। ठीक यही बात अंजू पर भी लागू होती है। उसके भारत लौटने पर क्या वो दोबारा पाकिस्तान जा सकेगी और क्या दोनों के देशों के बीच इतनी सहजता है कि प्रेमियों को मिलने और साथ रहने का अवसर दे सकें? इस सवाल का जवाब प्रायः ना ही है।

सीमा और अंजू से ज्यादा संवेदनशील है इकरा और मुलायम की प्रेम कहानी

इन दोनों मामलों की तुलना में फरवरी, 2023 का एक मामला कहीं ज्यादा संवेदनशील है। सीमा हैदर की तरह ही पाकिस्तान के हैदराबाद की इकरा जीवानी और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के मुलायम सिंह को ऑनलाइन लूडो खेलते हुए प्यार हो गया। ये 2020 की बात थी। 19 साल की इकरा दुबई होते हुए नेपाल के रास्ते गैरकानूनी तरीके से भारत पहुंच गई। इसके बाद दोनों ने शादी कर ली और बेंगलुरु में रहने लगे। इकरा अपने सामाजिक, सांस्कृतिक माहौल से अलग परिवेश में रह रही थी। ऐसे में घर की याद आना स्वाभाविक है। इस बीच उसने व्हाट्सएप काॅल के जरिये पाकिस्तान में अपने घर पर संपर्क किया और वो सुरक्षा एजेंसियों की निगाह में आ गई। मुलायम और इकरा को पुलिस ने हिरासत में लिया तो यह बात साफ हो गई कि ये मामला केवल मोहब्बत से जुड़ा हुआ है। इसके बाद मुलायम को जेल और फरवरी, 2023 में इकरा जीवानी को वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया गया। गैरकानूनी तरीके से भारत में आना उसका जुर्म था। भारत में रहने की अनुमति के मामले में वो सीमा हैदर जैसी भाग्यशाली नहीं थी।

इसके बाद मुलायम की मां सरकार से गुहार लगाती रही कि उसके बेटे को छोड़ दिया जाए और पाकिस्तान से उसकी बहू को वापस लाया जाए, लेकिन ये सब इतना आसान कहां हैं! इस स्टोरी का सबसे भावुक पल वो था जब वाघा बाॅर्डर पर इकरा भारत के पुलिस अधिकारियों के पैरों में गिर पड़ी कि उसे पाकिस्तान न भेजा जाए। वो भारत में अपने पति के साथ रहने के लिए रोती रही, लेकिन कानून को तभी चैन मिला जब इकरा को पाकिस्तानी रेंजर्स को सौंपा गया। वैसे अधिकारियों के मन में भी एक नरम कोना था, इसीलिए इकरा पाकिस्तान जा सकी अन्यथा ऐसे हजारों कैदी हैं जो दोनों देशों की जेलों में नाउम्मीदी के दिन काट रहे हैं। इस नरम कोने की इसलिए तारीफ होने चाहिए कि बेंगलुरू के स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा एजेंसियों को भेजी अपनी रिपोर्ट में इकरा और मुलायम के मामले को 'लव-स्टोरी' ही बताया। यदि ये अधिकारी इसे सुरक्षा के लिए खतरा बता देते तो फिर इकरा शायद ही कभी पाकिस्तान पाती। तब जेल ही उसकी मंजिल होती।

इन मामलों को देखिए और महसूस कीजिए कि सबकुछ कितना जटिल है। यदि सीमा, अंजू और इकरा की तरह का ऐसा कोई केस नेपाल, श्रीलंका, भूटान, थाईलैंड, बर्मा और यहां तक कि बांग्लादेश से जुड़ा होता तो भी इतने कठिन हालात पैदा न होते। इन तीनों मामलों के समानांतर ही पोलेंड की एक महिला और बिहार के एक युवक की प्रेम-कहानी भी चर्चा में है, लेकिन इस कहानी में पोलेंड की महिला के भारत आने को किसी ने खतरे की तरह नहीं देखा, जबकि पाकिस्तान से जुड़ी प्रेम कहानियां खतरे के तौर पर रेखांकित की जाती रही हैं।

आज भी दोनों देशों में ऐसे लाखों लोग हैं, जिनका जन्म बंटवारे के पहले के भारत के उस इलाके में हुआ था जो अब उनके अपने देश का हिस्सा नहीं है। ऐसे लोगों में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के नाम का उल्लेख किया जा सकता है। सबकुछ बंटने के बावजूद दोनों तरफ ऐसे अनेक परिवार हैं, जिनकी नाते-रिश्तेदारी बॉर्डर के पार हैं। जो लोग मशहूर और प्रभावशाली हैं, उनके संबंध में ज्यादा परेशानी नहीं आती, लेकिन आज के हालात आम लोगों को प्रेम करने की छूट नहीं देते।

ऐसे प्रभावशाली लोगों को देखिए, भारत की टेनिस स्टार सानिया मिर्जा की पाकिस्तान के क्रिकेटर शोएब मलिक की शादी के बारे में सब जानते हैं। इसी तरह पाकिस्तानी क्रिकेटर हसन अली ने भारत की शामिया आरजू से शादी की थी। मलिक और अली से बहुत पहले दो और मशहूर पाकिस्तानी क्रिकेटरों जहीर अब्बास और मोहसिन खान हिंदुस्तानी महिलाओं से शादी कर चुके हैं। मोहसिन खान ने बॉलीवुड अभिनेत्री रीना रॉय से शादी की थी।

कुछ साल पहले भारतीय अभिनेत्री निगार खान ने पाकिस्तानी व्यवसायी खय्याम शेख से शादी की। इसी तरह पाकिस्तानी अभिनेत्री सोनिया जहां ने भारतीय बैंकर विवेक नारायण से शादी की। पाकिस्तानी पंजाब के गवर्नर रहे सलमान तासीर ने भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह से शादी की थी। नामी लोगों की यह फेहरिस्त बहुत लंबी है। फेहरिस्त तो आम लोगों की भी लंबी है, लेकिन उनके दुख ज्यादा घने और गहरे हैं।

बड़े नामों को लेकर दोनों देशों का आकर्षण है, लेकिन आम लोगों की राह बहुत कठिन है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सोढ़ा राजपूतों में राजस्थान के सीमावर्ती जिलों के राजपूत परिवारों में शादी करने की पुरानी परंपरा है, लेकिन बीते कुछ सालों में इस परंपरा को झटका लगा है। दोनों तरफ से वीजा मिलना मुश्किल ही नहीं, लगभग नामुमकिन है। मई, 2023 में जोधपुर के रहने वाले एक युवक की दुल्हन तब भारत आ सकी, जब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को वीजा के लिए दखल देना पड़ा। वीजा न मिलने से परेशान दोनों परिवारों ने ऑनलाइन शादी की थी। इस शादी के करीब साढ़े चार महीने बाद पाकिस्तानी दुल्हन भारत आ पाई। ऐसा नहीं है कि शादी के बाद इस दुल्हन की समस्याएं खत्म हो जाएंगी। ये लंबे वीजा पर भारत में रहेंगी और हर बार कई तरह की औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही बॉर्डर के पार जा सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के शामली जिले की सलमा 38 साल से इसी स्थिति से गुजर रही हैं। उसकी शादी भारत में हुई, लेकिन भारत की नागरिक नहीं बन सकी और अब पाकिस्तान में उसका कोई रिश्तेदार नहीं बचा है। सलमा की गुहार भी देश की राष्ट्रपति के पास लंबित है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि दोनों तरफ की संस्कृति, जीवन जीने की शैली एक जैसी है, लेकिन दोनों तरफ सांस्थानिक तौर पर इस बात पर जोर है कि किस तरह एक-दूसरे से अलग दिखा जाए। अलग दिखने की यह कोशिश ही प्रेम के सामान्य मामलों को सनसनी में तब्दील कर देते हैं।

शादी के मामलों से परे जाकर देखें तो बॉलीवुड की कल्पना पाकिस्तानी मूल (या उस हिस्से में पैदा हुए जो वर्तमान में पाकिस्तान है) के लोगों के उल्लेख के बिना पूरी ही नहीं होगी। दिलीप कुमार, राजकपूर, शशि कपूर, उनके पिता पृथ्वीराज कपूर, अमिताभ की मां तेजी बच्चन, शाहरुख खान के पिता, गोविंदा के पिता, विवेक ओबेरॉय के पिता, सुनील दत्त, ऋतिक रोशन के दादा, गीतकार गुलजार, प्रेम चोपड़ा, सुपर स्टार राजेश खन्ना, ये सबके सब उस धरती से इस धरती का हिस्सा बने हैं।

इसी तरह हमारे आसपास न जाने कितने बलोच, पख्तून, पंजाबी, सिंधी, पेशावरी, लाहौरी, लायलपुरी, सियालकोटी, हैदराबादी, मुल्तानी, फैसलाबादी, बहावलपुरी आबाद हुए। और ये एकतरफा नहीं था। इसी तरह भारत से गए अनेक अलीगढ़ी, दक्कन हैदराबादी, मुरादाबादी, लखनवी, इलाहाबादी, आगरावाले, दिल्लीवाले, देवबंदी, बरेलवी, अजमेरी, औरंगाबादी, भोपाली, इंदौरी पाकिस्तान में बसे हुए हैं, पर बसने के बाद दोनों तरफ से ऐसी दीवार खड़ी की गई कि तड़प के अलावा कुछ सुनाई देना मुश्किल है।

(डाॅ. सुशील उपाध्याय की यह टिप्पणी उनके एफबी पर भी पढ़ी जा सकती है।)

Tags:    

Similar News