PM Modi के 'फेक न्यूज' ज्ञान पर जनता ने पूछा- आप तो मास्टर हैं, अब तक जो फैलाया वह किस खाते में डाल दें?
Fake News: आनंद राज नाम के यूजर लिखते हैं, पहले आप तो पेंकना बंद कीजिये। विश्व रिकार्ड बना चुके हैं आप झूठ बोलने में। कितना बुरा लगता है जब लोग आपको फेकू बोलते हैं पर आप हैं कि झूठ पर झूठ पेले जा रहे हैं।' मनोज वर्मा लिखते हैं, 'इसके मास्टर तो आप ही हैं मोदी जी...
Fake News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फेक न्यूज को लेकर भारी चिंता जताई है। उन्होने कहा कि एक छोटी सी फेक न्यूज पूरे देश में बड़ा बवाल खड़ा कर देती है। इसे रोकने के लिए तकनीकी प्रगति जरूरी है। उन्होने वर्चुअल माध्यम से राज्यों के गृह मंत्रियों से को आंतरिक सुरक्षा के लिए संबोधित करते हुए कहा, हमें लोगों को यह बताते रहना पड़ेगा कि कोई भी चीज आती है, तो फॉरवर्ड करने या मानने से पहले उसे वेरिफाई जरूर करें। पीएम ने कहा किसी भी सूचना को फॉरवर्ड करने से पहले दस बार सोचना चाहिए और उसपर विश्वास करने से पहले सत्यापित करना चाहिए।
PM Modi ने स्मार्ट बनने और कॉमन टेक्नालॉजी तैयार करने पर जोर दिया। पुलिस व्यवस्था में सुधार करने के लिए कहा। पीएम ने कहा आपराधिक दुनिया का वैश्वीकरण हो गया है। ऐसे अपराधियों से दस कदम आगे रहने की जरूरत है। 5G की मदद से फेशियल रिकग्निशन टेक्नालॉजी, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन टेक्नालॉजी, ड्रोन और CCTV से जुड़ी तकनीक के प्रदर्शन में कई गुना सुधार होने जा रहा है।
सही मायनों में देखा जाए तो प्रधानमंत्री जी ने जो बोला, सवाल यही है कि आखिर बोला किसके लिए? वे किस फेक न्यूज और जानकारियों की बात कर रहे थे? जबकि देश का तमाम पढ़ा-लिखा वर्ग जान रहा है कि मोदी जी कितना फेक अथवा सही बोलते हैं। उनके मेट्रो ज्ञान को लें लें अथवा सिकंदर के बिहार आने तक का उदाहरण देख लें। नेहरू कभी भगत सिंह से मिलने नहीं गये, ये मोदी ने ही कहा था, इसका सच भी उठाकर देखा जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी के बोले गये बयानों के ऐसे तमाम उदाहरण हैं जिनके लिए कहा जा सकता है कि ये 'फेक है' तो ऐसे में प्रधानमंत्री दूसरे किस फेक की बात कर रहे हैं? ऐसा तब है, जब उनके पद के मुताबिक लंबी-चौड़ी फौज उनके साथ रहती है। जो पीएम के भाषणों, स्पीच से लेकर उन्हें कहना क्या है? सब तय रहता है। और जब सबकुछ तय रहता है तो क्या ये फेक जानबूझकर चलाया जाता है? हो सकता है कोई उनका अपना व्यक्तिगत प्रोपेगंडा हो, जो उन्होने चला रखा हो।
बहरहाल, पीएम मोदी के इस फेक न्यूज वाले बयान पर जनज्वार ने अपने पाठकों-दर्शकों से प्रतिक्रियाएं जानी। हमने पता करना चाहा की पीएम के इस बयान को लेकर लोग मोदी जी से कितने सहमत-असहमत हैं। तो देखिये लोगों ने क्या कुछ लिखा व कहा है। एजाज अली खान लिखते हैं, 'अच्छा तो अब समझ में आया है कि भाजपा आईटी सेल, जो काम बरसों से लोगों को फेक न्यूज-अफवाहों को फैलाकर आम जनता को गुमराह कर रहे हैं वो अब कारगर साबित नहीं हो रहा है। दूसरे वही खेल कुछ ज्यादा असरदार तरीके से अफवाह फैला रहे हैं, तो उनपर कार्रवाई करने की बात सुझाई देती है। भाजपा आईटी सेल की इस नीति ने क्या-क्या नुकसान देश को पहुँचा दिया, वह सब किस खाते में डाल देंगे?
दीपक कुमार नाम के यूजर ने लिखा है, 'वह इतना झूठ बोल चुके हैं। उन्हें पता ही नहीं है कि कब, कहां और क्या बोल चुके हैं। 2013 से मोदी जी के अब तक के बयानों को देखिये जब उनके बयानों और भाषणों को गहनता से अध्यन करेंगे तो पता चलेगा।' राज कुमार गौतम लिखते है, 'ऐसा लग रहा है, जैसे नारी सम्मान के लिए आसाराम बापू प्रवचन दे रहे हैं।' किशोेर कुमार का मोदी से सवाल है, 'आखिर आप कहना क्या चाहते हैं?' मसरूर अहमद ने लिखा है कि, 'जैसे इसी काम में माहिर आदमी दूसरों से यह काम छोड़ने की सलाह दूसरों को दे रहा हो, खुद को नहीं।' अदनान ने लिखा है, 'शायद ये बात मोदी जी को खुद पर लागू करनी चाहिए।'
शिव कुमार लिखते हैं, 'आप भी PM की गरिमा रखें, बोलने से पहले सोचें, 15 लाख अभी तक नहीं आया।' राज ठाकुर नाम के यूजर लिखते हैं, 'अपने सपोर्टर को समझा दो और BJP आईटी सेल को बोल दो फेक न्यूज खतम।' हरप्रीत सिंह ने लिखा है, 2014 से अब तक कितना झूठ बोला गया है, शायद एनालिसिस करना मुश्किल है।' हृदय पाल सिंह ने लिखा कि, सम्माननीय जी को अपने पुराने वादे 2012 से अब तक के ललचाई भाषणों पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्रियों, गृहराज्यमंत्रियों एवं जनता जनार्दन से आत्मविश्वास के साथ पूछना चाहिए की मैने इसमें क्या फेंका है? फिर फेक न्यूज कैमरे को प्रतिबंधित स्थानों पर जगह कैसे मिल जाती है?'
विश्वपाल जाधव ने लिखा है, 'मोदी शायद भूल गये मगर जनता नहीं भूली। सत्ता में आने के लिए मोदी और भाजपा ने इसी फेक न्यूज का सहारा लिया था। और तभी से इनको फेकू कहा जाने लगा।' संदीप कुमार पूछते हैं, झूठा प्रधानमंत्री हो तो उसे Forward करें या ???' रेजा नूर ने लिखा, 2014 के बाद नींद से जागा है, लेकिन अब इस माहौल को सही करने में बहुत वक्त लगेगा। हो सकता है इस माहौल में खुद को फंसा ले।' इसरार अहमद कहते हैं, सबसे बड़ा फेक न्यूज तो खुद फैलाया है।' जेमी जेम्स ने लिखा, सबसे पहले अपने अंधभक्तों पर रोक लगाओ मोदीजी, फिर दूसरों को ज्ञान दो।'
हितेश परमार लिखते हैं, अगर ऐसा हुआ तो आपकी व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी का क्या होगा?' समीर शेख लिखते हैं, सब बरबाद होने के बाद बोल रहे साहब।' आनंद राज नाम के यूजर लिखते हैं, पहले आप तो पेंकना बंद कीजिये। विश्व रिकार्ड बना चुके हैं आप झूठ बोलने में। कितना बुरा लगता है जब लोग आपको फेकू बोलते हैं पर आप हैं कि झूठ पर झूठ पेले जा रहे हैं।' मनोज वर्मा लिखते हैं, 'इसके मास्टर तो आप ही हैं मोदीजी।'