Godi Media: शाम ढलते-ढलते अचानक खामोश कैसे हो गई Morbi Bridge के लिए गोदी मीडिया की जुबान, मौतों के लिए मृतक खुद जिम्मेदार!

Godi Media: इंडिया टीवी वाले महामहिम रजत शर्मा अपने एक रिपोर्टर को मोरबी भेजकर पुल के तारों पर जंग दिखा रहे थे। रिपोर्टर मोड़-मोड़कर तार दिखा रहा था, लेकिन शर्मा ने यह कहीं नहीं कहा कि इन तारों की जिम्मेदारी भी तो ओरेवा और उसके मालिक जयसुख पटेल की थी...

Update: 2022-10-31 17:25 GMT

Morbi Bridge Collapse : मोरबी ब्रिज ने ताजा कर दीं देश के इन बड़े पुल हादसों की यादें, जब 'मौत के पुल' ने डूबा दीं कई जिंदगियां

Godi Media: सोमवार की शाम ढ़लते-ढ़लते देश की नेशनल मीडिया टीवी और प्रिंट से गुजरात मोरबी ब्रिज का मुद्दा हवा हो गया। शाम को टीवी चैनलों ने एकाएक खुद को मामले से अलग कर लिया। किसी चैनल में रूस-यूक्रेन युद्ध, किसी में यूपी-एमपी तो किसी में इरान की बाहुबली महिलाएं दिखाई जा रही थीं। यदा कदा अगर किसी चैनल में मोरबी के पुल को लेकर कुछ चल-दिख रहा था तो सिवाय चापलूसी और मोदी का महिमामंडन और कुछ नहीं। 150 से ज्यादा मौतों पर मुँह से आवाज नहीं निकल रही।

आज बड़े पैमाने पर मीडिया ने फेक खबरें प्रसारित कीं। बढ़-चकर ये बताने की कोशिश होती रही कि मृतकों ने खुद को मौत के मुँह में धकेला। कुछ चैनलों ने यहां तक बताया कि मृतकों की मौत आ गई थी। इंडिया टीवी वाले महामहिम रजत शर्मा अपने एक रिपोर्टर को मोरबी भेजकर पुल के तारों पर जंग दिखा रहे थे। रिपोर्टर मोड़-मोड़कर तार दिखा रहा था, लेकिन शर्मा ने यह कहीं नहीं कहा कि इन तारों की जिम्मेदारी भी तो ओरेवा और उसके मालिक जयसुख पटेल की थी। लेकिन, ये दुर्घटना नहीं बल्कि एक बड़ी साजिश है, जिसे जानबूझकर अंजाम दिया-दिलाया गया है। गुजरात चुनाव भी नजदीक है। ऐसे में बात जरा गहरा जरूर जाती है।

मोहम्मद जुबैर ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, 'आरडब्ल्यू और गोदी मीडिया सरकार से सवाल करने के बजाय मरने के लिए मृतकों को जिम्मेदार ठहरा रहा है। 'जुल्टो पुल' को हिलाते/झुलाते लोगों के कई पुराने वीडियो हैं। पुल इतना संवेदनशील होता तो प्रशासन ने बरसों तक लोगों को झूलने से क्यों नहीं रोका, बाद में उन्हें दोष देना?'

अर्जुन वर्मा नाम के यूजर ने ट्वीट कर लिखा है कि, 'ये एक पुराना वीडियो है किसी के व्लॉग का। इसमें भी लड़के पुल को हिला रहे हैं। मतलब पुल को गिराने की साज़िश लंबे समय से चल रही थी? और प्रशासन को पता नहीं चला? पुल चलाने वाले टिकट बेच कर 'साज़िश करने वालों' को पुल पर भेजते रहे? कहानियों पर भरोसा करने से पहले इस वीडियो को सुन लें।'

श्रीवत्सा लिखते हैं, 'सोचिए अगर मोदी इस तरह से लामबंद होते तो गोदी मीडिया 24*7 ऐसे फुटेज दिखाते जैसे वे अब उनका फैंसी ड्रेस शो करते हैं। RG 45 दिनों से लगातार ऐसा कर रहा है! गोदी मीडिया रिपोर्ट नहीं करना चाहता तो कोई बात नहीं, भारत की जनता देख रही है।' दुर्गेश कुमार सिंह लिखते हैं, बीजेपी गैंग ने लोगों को मार दिया।

लेकिन इस सबके विपरीत, Godi Media ने सवाल नहीं किया कि क्यों, इतनी मौतों के बाद भी अजंता घड़ी बनाने वाली कंपनी के मालिक और ओरेवा के ठेकेदार का नाम FIR से गायब क्यों है? गोदी मीडिया को पूछना चाहिए की जो टिकटें बिकी उसके पीछे कौन था? गोदी मीडिया को पूछना था कि NOC मिलने से पहले किसके आदेश से पुल खोला गया? लेकिन ये सभी सवाल करने की बजाय Godi Media सरकार सत्ता के इशारे पर अब भी विपक्ष को घेरने की जुगत में लगी है। जबकि 27 साल से गुजरात में भाजपा की सरकार है।

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