धन्यवाद मोदी जी! प्रेस की आजादी के लुटेरों में चीन और पाकिस्तान के साथ आप भी हैं शामिल

रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स वर्ष 2001 से लगभग हरेक वर्ष प्रेस की आजादी के लुटेरों की गैलरी (press freedom predators gallery) प्रकाशित करता है। अंतिम गैलरी वर्ष 2016 में प्रकाशित की गयी थी, इसके बाद किन्हीं कारणों से इसे प्रकाशित नहीं किया गया था....

Update: 2021-07-07 08:19 GMT

रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स द्वारा प्रकाशित प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2021 में कुल 180 देशों की सूची में भारत का स्थान 142वां था। [ Photo Edited By Nirmal Kant ]

वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र पाण्डेय की टिप्प्णी

जनज्वार। इन दिनों दिल्ली की किसी भी सड़क पर जायेंगें तो सड़कों के किनारे पेड़ कम और धन्यवाद मोदी जी के विशालकाय होर्डिंग्स अधिक नजर आयेंगे। इन होर्डिंग्स को भारत सरकार ने मुफ्त कोविड 19 टीकाकरण के लिए मोदी जी को धन्यवाद कहने के लिए लगाया है। जरा सोचिये, एक समय जब देश आर्थिक स्तर पर कंगाल हो चुका है तब भारत सरकार जनता के पैसों से मोदी जी को इस तरह धन्यवाद दे रही है, मानो वे भारत सरकार का हिस्सा ही न हों, बल्कि कोई पूंजीपति हों जो अपने पैसे से सबको मुफ्त टीका लगवा रहा हो।

दूसरी तरफ, अभी दो महीने पहले ही कोविड 19 के विरुद्ध सरकारी तैयारी का आलम पूरी दुनिया देख चुकी है, जब लाशों के लिए जगहें कम पड़ गयी थीं, लोग ऑक्सीजन और दूसरी सुविधाओं के लिए बदहवास भटक रहे थे और नदियों में अनगिनत लाशें तैर रहीं थीं। कोविड 19 के टीके उपलब्ध नहीं थे और देश की हरेक न्यायालय सरकार पर प्रहार कर रही थी, नरसंहार की जिम्मेदार ठहरा रही थी। ऐसी स्थिति में देश को झोंकने के बाद भी यदि मोदी जी धन्यवाद के पात्र हैं, तो जाहिर है प्रेस की आजादी के लुटेरों की सूची में मोदी जी के शामिल होने पर एक अदद धन्यवाद तो बनता ही है।

रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स वर्ष 2001 से लगभग हरेक वर्ष प्रेस की आजादी के लुटेरों की गैलरी (press freedom predators gallery) प्रकाशित करता है। अंतिम गैलरी वर्ष 2016 में प्रकाशित की गयी थी, इसके बाद किन्हीं कारणों से इसे प्रकाशित नहीं किया गया था। इस वर्ष, यानी 2021 में इस गैलरी को फिर से प्रकाशित किया गया है। इसमें हमारे देश के प्रधानमंत्री समेत दुनिया के कुल 37 राष्ट्राध्यक्षों के नाम हैं। इस गैलरी में मोदी जी का नाम उत्तरी कोरिया, पाकिस्तान, ब्राज़ील, हंगरी, सीरिया, रूस, चीन, म्यांमार और यूगांडा जैसे देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ लिखा गया है।

इस गैलरी से इतना तो स्पष्ट है कि प्रेस की आजादी के सन्दर्भ में सबसे ख़राब स्थिति में दक्षिण एशिया के देश हैं। इस गैलरी में भारत समेत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका और चीन के राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल हैं। हमारे प्रधानमंत्री का नाम इस गैलरी में वर्ष 2014 से 2016 तक भी रह चुका है। इन 37 नामों में 17 नाम पहली बार शामिल किये गए हैं, जिनमें दो महिलायें भी हैं। ये सभी राष्ट्राध्यक्ष प्रेस की आजादी कुचलने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं – जिसमें सेंसरशिप, पत्रकारों को जेल, पत्रकारों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देना और यहाँ तक की उनकी हत्या भी शामिल है।

इन राष्ट्राध्यक्षों में से 19 देश प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2021 में लाल रंग में हैं, यानि यह पत्रकारों के लिए बहुत खतरनाक देश है। भारत भी इन्ही देशों में शुमार है। कुल 16 राष्ट्राध्यक्ष इंडेक्स में काले रंग वाले देशों में हैं – यानि ये देश पत्रकारों के लिए बहुत खतरनाक हैं। कुल 37 राष्ट्राध्यक्षों में से 13 एशिया-प्रशांत क्षेत्र से हैं।

नए नामों में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, ब्राज़ील के राष्ट्रपति बोल्सेनारो और हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन का नाम प्रमुख है। महिलाओं में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और हांगकांग की चीफ एग्जीक्यूटिव कैर्री लाम के नाम शामिल हैं। गैलरी में 7 नाम ऐसे भी हैं, जो नाम वर्ष 2001 की पहली सूची से लगातार शामिल रहे हैं – सीरिया के राष्ट्रपति असद, ईरान के अली खामेनी, रूस के राष्ट्रपति पुतिन, बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेन्को, गिनी के राष्ट्रपति ओबिंग बसोगो, एरिट्रिया के राष्ट्रपति अफ्वेर्की और रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागामे। इन देशों के अलावा निकारागुआ, बहरीन, इजिप्ट, ताजीकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कम्बोडिया, आज़रबैजन, जिबौती, उत्तरी कोरिया, सिंगापुर, क्यूबा, वियतनाम, वेनेज़ुएला, कैमरून, थाईलैंड, टर्की, फिलीपींस और यूगांडा के राष्ट्राध्यक्षों के नाम शामिल हैं।

रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स ने वर्ष 2020 में प्रेस की आजादी के डिजिटल लुटेरों (press freedom digital predators 2020) को भी जारी किया था। इस गैलरी में ऐसे समूहों, मंत्रालयों या फिर डिजिटल कंपनियों के नाम शामिल थे जो किसी भी देश में सरकारों के इशारे पर किसी भी पत्रकार को सोशल मीडिया पर ट्रोल करते हैं, धमकियां देते हैं या फिर सोशल मीडिया पर किसी भी पत्रकार के खिलाफ अफवाह फैलाते हैं, या फिर किसी क्षेत्र के इन्टरनेट सेवा को बंद कर देते हैं।

इस गैलरी में कुल 20 नाम शामिल थे, जिसमें से दो नाम – मोदी ट्रोल आर्मी और भारत सरकार का गृह मंत्रालय – अकेले भारत से शामिल थे। इस गैलरी में राणा अयूब और बरखा दत्त को ट्रोल करने और देश में कभी भी और कहीं भी इन्टरनेट सेवा बंद करने का उदाहरण भी दिया गया है।

रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स द्वारा प्रकाशित प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2021 में कुल 180 देशों की सूची में भारत का स्थान 142वां था। हमारे देश की मेनस्ट्रीम मीडिया भले ही मोदी जी की भक्ति में डूबी हो, उनकी आरती उतार रही हो – पर इतना तो स्पष्ट है कि दुनिया सबकुछ देख रही है और समझ भी रही है। देश को इस स्थिति तक लाने के लिए – धन्यवाद मोदी जी।

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