पाकिस्तानी कोर्ट ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को टेरर फंडिंग मामले में सुनाई 10 साल की सजा

भारत के कहने पर इंटरपोल ने हाफिज सईद के खिलाफ 25 अगस्त 2009 को रोड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था, ये अलग बात है कि वह पाकिस्तान में खुलेआम घूमता दिखाई देता था, 2017 की शुरुआत में पाकिस्तान सरकार ने जमात-उद-दावा के खिलाफ कार्रवाई शुरू की और इस दौरान उसे नजरबंद किया गया...

Update: 2020-11-19 13:02 GMT

photo : social media

जनज्वार। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड होने के आरोपी हाफिज सईद को पाकिस्तान की एंटी टेरिरिज्म कोर्ट ने 10 साल की सजा का ऐलान किया है। आज पाकिस्तान की एक कोर्ट ने हाफिज सईद को टेरर फंडिंग से जुड़े दो मामलों में फैसला सुनाते हुए यह सजा सुनायी है। हाफिज सईद के अलावा जफर इकबाल, याहया मुजाहिद और अब्दुल रहमान मक्की को भी कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है।

गौरतलब है कि इससे पहले इससे पहले हाफिज सईद के करीबी और जमात उद दावा के प्रवक्ता याह्या मुजाहिद को अदालत ने टेरर फंडिंग के मामले में ही 32 साल की सजा सुनायी थी। मुजाहिद के साथ आतंकी संगठन के दो और नेताओं को भी अदालत ने अपराधी ठहराया था।

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड माने जाने वाले हाफिज सईद को जुलाई 2019 में गिरफ्तार किया गया था और उसके खिलाफ अब तक चार घटनाओं में आरोप तय किये गये हैं। काउंटर टेररिजम डिपार्टमेंट CTD ने जमात-उद-दावा के नेताओं पर कुल 41 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से 24 का फैसला किया जा चुका है, जबकि बाकी एटीसी अदालतों में लंबित पड़े हुए हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाफिज सईद पर आतंक वित्तपोषण, धनशोधन, अवैध रूप से जमीन हड़पने के मामले भी चल रहे हैं।

इसी साल अगस्त में एंटी टेरिरिज्म कोर्ट ने हाफिज सईद के करीबी और जमात-उद-दावा के 3 बड़े नेताओं अलग-अलग मामलों में सजा सुनायी है। कोर्ट ने लाहौर के प्रोफेसर मलिक जफर इकबाल और शेखपुरा के अब्दुल सलाम को 16-16 साल के लिए सलाखों के पीछे भेजा है। उन पर कई मामले दर्ज हैं।

हाफिज सईद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक माना जाता है। पाकिस्तान में वो जमात-उद-दावा नामक संगठन भी चलाता है। 2008 में मुंबई में हुए भयावह बम धमाकों का वह मास्टरमाइंड रहा है। हमारे देश को भी लंबे वक्त से हाफिज सईद की तलाश थी तो अमेरिका ने सईद के सिर पर एक करोड़ डॉलर (करीब 70 करोड़) का इनाम घोषित कर रखा था। फिलहाल वह लाहौर की एक जेल में टेरर फंडिंग मामले में ही 5 साल की सजा काट रहा है।

यहां गौर करने वाली यह भी है कि भारत के कहने पर इंटरपोल ने हाफिज सईद के खिलाफ 25 अगस्त 2009 को रोड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था। ये अलग बात है कि वह पाकिस्तान में खुलेआम घूमता दिखाई देता था। 2017 की शुरुआत में पाकिस्तान सरकार ने जमात-उद-दावा के खिलाफ कार्रवाई शुरू की और इस दौरान उसे नजरबंद किया गया। बाद में सईद को नवंबर 2017 में रिहा कर दिया गया था।

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