नेपाल के सिंधुपालचौक जिले के तीन गांवों में भूस्खलन से 11 लोगों की मौत, 22 लापता

नेपाल के पर्वतीय व पहाड़ी इलाकों में मानसून के दिनों में भूस्खलन अक्सर हुआ करता है। इस साल अबतक 351 लोगों की इस वजह से जान जा चुकी है...

Update: 2020-09-13 18:20 GMT

घटनास्थल की वास्तविक तसवीर, भूस्खलन के बाद का दृश्य।

जनज्वार। नेपाल के तीन गांवों में शुक्रवार की मध्य रात्रि हुए भूस्खलन में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और 22 लोग लापता हैं। भरी बारिश की वजह से भूस्खलन की घटना घटी है। नेपाल के सिंधुपालचौक जिले के नागपुजे, भीरखरका और नेवर टोला गांव में भूस्खलन की घटना घटी है।

जानकारी के अनुसार, रात भर हुई बारिश के कारण मिट्टी का एक विशाल टीला इस पहाड़ी क्षेत्र में गिरा। ऊपरी बेल्ट से गिरता हुआ वह नीचे तराई में बसे गांवों तक गिर पड़ा जिसमें लोग हताहत हुए। यह जगह नेपाल की राजधानी काठमांडू से 120 किलोमीटर दूर है।

एक अधिकारी ने इस संबंध में बताया कि यह हादसा उस वक्त हुआ जब लोग गहरी नींद में घरों में सो रहे थे। इस कारण लोगों को संभलने का भी मौका नहीं मिला। इस घटना के संबंध में जिला पुलिस कार्यालय के प्रमुख राजन अधिकारी ने कहा कि 9 शवों को घटना स्थल से बरामद किया गया है, जबकि 2 अन्य शव भोटोकोशी और सुनकोशी नदी से बरामद किया गया है।

हादसे के बाद मौके पर राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है और लापता लोगों की तलाश की जा रही है।

इस हादसे में मारे गए लोगों की पहचान हो गई है। तीन प्रभावित गांवों के 3-3 लोगों की मौत हुर्ह है। 22 लोग लापता भी हैं। राहत बचाव टीम, नेपाल आर्मी व आम्र्ड पुलिस संयुक्त रूप से राहत बचाव कार्य में जुटी है।

इस पहाड़ी इलाके में मानसून के महीनों में भूस्खलन अक्सर हुआ करता है। सितंबर के आखिर तक भूस्खलन का खतरा बना रहता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल भू स्खलन के कारण जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 351 हो गई है, जबकि 85 लोग लापता हुए हैं।

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