कोरोना की वैक्सीन बेचकर दुनिया में बने 9 नये अरबपति, इनकी संपत्ति से दुनिया भर के गरीब देशों को लग सकता है टीका
इसके अलावा 8 मौजूदा अरबपतियों की संयुक्त संपत्ति 32.8अरब डॉलर(2.35 लाख करोड़) तक बढ़ गयी है। जो सम्पूर्ण भारत में पूरी तरह टीकाकरण करने हेतु पर्याप्त है।
जनज्वार ब्यूरो। भारत समेत दुनिया के कई देश वैक्सीन की भारी कमी से जूझ रहे हैं तो वहीं वैक्सीन का व्यापार कर लोग अरबपति बन रहे हैं। कोरोना वैक्सीन को बेचकर होने वाले मुनाफे से दुनिया के 9 लोग अरबपति बन गए हैं। वैक्सीन के पेटेंट को हटाने की मांग करने वाले ग्रुप पीपल्स वैक्सीन अलायंस ने मांग की है कि वैक्सीन बनाने की तकनीक पर बड़ी फार्मा कंपनियों का एकाधिकार समाप्त होना चाहिए। अलायंस के अनुसार इन 9 नए अरबपतियों की संयुक्त संपत्ति 19.3 अरब डॉलर(1.41 लाख करोड़) हो गयी है। इससे दुनिया भर के गरीब देशों को एक से अधिक बार वैक्सीन लगाई जा सकती है। जी-20 नेताओं के वैश्विक स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन से पहले पीपल्स वैक्सीन एलायंस ने यह खुलासा किया है। पीपल्स वैक्सीन अलायंस में ग्लोबल जस्टिस नाउ, ऑक्सफैम, यूएन एड्स जैसे संगठन शामिल हैं। सदस्यों ने फोर्ब्स रिच लिस्ट के आंकड़ों का विश्लेषण करके यह जानकारी उजागर की है।
मॉडर्ना के सीओ स्टीफन बैंसल की संपत्ति 4.3 अरब डॉलर हो गयी है। इसी तरह फ़ाईजर के साथ वैक्सीन बनाने वाले बायोएनटेक के को-फाउंडर उगूर साहीन की संपत्ति 4 अरब डालर हो गयी है। इस तरह वैक्सीन बेचकर दुनिया भर में 9 नए अरबपति बन गए हैं।
इसके अलावा 8 मौजूदा अरबपतियों की संयुक्त संपत्ति 32.8 अरब डॉलर(2.35 लाख करोड़) तक बढ़ गयी है। जो सम्पूर्ण भारत में पूरी तरह टीकाकरण करने हेतु पर्याप्त है।
अलायंस के अनुसार भारत के सीरम इंस्टीट्यूट के संस्थापक सायरस पूनावाला की संपत्ति पिछले साल 8.2 अरब डॉलर थी जो अब बढ़कर 12.7 अरब डॉलर हो गई है।
इसी तरह कैडिला हेल्थ केयर के पंकज पटेल की संपत्ति पिछले वर्ष 2020 में 2.9 अरब डॉलर थी जो अब बढ़कर 5 अरब डॉलर हो गयी है।
ऑक्सफैम की स्वास्थ्य नीति प्रबंधक अन्ना मैरियट कहती है- इस क्रूर बीमारी को नियंत्रित करने में हमारी सामूहिक विफलता का प्रमाण है कि हमने शीघ्रता से नए वैक्सीन अरबपति बना लिए लेकिन उन अरबों लोगों का टीकाकरण करने में पूरी तरह विफल रहे हैं जिन्हें सुरक्षित किए जाने की सख्त जरूरत है।
उन्होंने मांग की है कि हमें वैक्सीन कंपनियों के एकाधिकार को तत्काल समाप्त करने की आवश्यकता है, ताकि हम वैक्सीन उत्पादन को बढ़ा सके व कीमतों को कम कर सारी दुनिया को टीका लगा सकें।
यूएन एड्स की कार्यकारी निदेशक विनी ब्यानयीमा कहती है जब वैक्सीन कंपनियां वैक्सीन से बड़ा लाभ कमा रही हैं और वैश्विक वैक्सीन आपूर्ति में वृद्धि के लिए विज्ञान और तकनीक को दूसरों के साथ साझा करने से इंकार कर रही हैं। ऐसे में दुनिया के सामने म्यूटेशन का गंभीर खतरा लगातार बना हुआ है जो हमारे सामने अप्रभावी टीको को प्रस्तुत कर सकता है और प्रत्येक को दोबारा से खतरे में डाल सकता है।